Maha Vipreet Pratyangira Stotra Lyrics In Sanskrit, शत्रु के किये कराये को ख़त्म करने का अचूक प्रयोग, महाबाधाओं को नाश करने का मंत्र. "श्री महा-विपरीत-प्रत्यंगिरा स्तोत्र" अत्यंत शक्तिशाली है जिसके फल को समझना नामुमकिन है। इसके पाठ करने मात्र से किसी भी प्रकार का अभिचार, रोग, ग्रह-पीड़ा, देव-पीड़ा, दुर्भाग्य, शत्रु या राज-भय आदि का शमन हो सकता है । इसके साधक को ‘कृत्या’ देख भी नहीं सकती अर्थात कोई नकारात्मक शक्ति साधक का कुछ नहीं बिगाड़ सकता है| तो आइये पाठ करते हैं इस अत्यंत शक्तिशाली भयनाशक, बाधा नाशक, शत्रु नाशक Maha Vipreet Pratyangira Stotra का. Maha Vipreet Pratyangira Stotra Lyrics In Sanskrit Lyrics Of Maha Vipreet Pratyangira Stotra In Sanskrit: श्री महा-विपरीत-प्रत्यंगिरा स्तोत्र नमस्कार मन्त्रः- श्री महा-विपरीत-प्रत्यंगिरा-काल्यै नमः। सुनिए Youtube में ।।पूर्व-पीठिका-महेश्वर उवाच।। श्रृणु देवि, महा-विद्यां, सर्व-सिद्धि-प्रदायिकां। यस्याः विज्ञान-मात्रेण, शत्रु-वर्गाः लयं गताः।। विपरीता महा-काली, सर्व-भूत-भयंकरी। यस्याः प्रसंग-म...
Rambha Vrat Ka Mahatwa In Hindi, रम्भा तीज का महत्तव, कौन है देवी रम्भा, कैसे प्रसन्न करें अप्सरा रम्भा को, सुन्दरता और सफलता के लिए पूजा .
हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन एक विशेष त्यौहार मनाया जाता है जिसका नाम है रम्भा तीज या रम्भा तृतीय, ये उत्सव उत्तर भारत में हर्षोल्लास से मनाया जाता है अप्सरा रम्भा की याद में और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए.
महिलायें इस दिन उपवास रखके अप्सरा रम्भा की पूजा करती है और उनसे सुन्दरता, समृद्धि आदि की कामना करती है.
ऐसी मान्यता है की समुद्र मंथन के दौरान देवी रम्भा का प्रकटीकरण हुआ था.
हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार देवलोक की अति सुन्दर अप्सरा जो की नृत्य कला में कुशल है, वाद्यों का प्रयोग करने में कुशल है साथ ही जो किसी भी तपस्वी की तपस्या भंग करने में कुशल है , वो है अप्सरा रम्भा. मान्यता के अनुसार देवराज इन्द्र किसी भी तपस्वी की परीक्षा लेने इन्ही को भेजते हैं. रम्भा धन के देवता कुबेर के पुत्र नालकुवर की पत्नी भी है.
हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन एक विशेष त्यौहार मनाया जाता है जिसका नाम है रम्भा तीज या रम्भा तृतीय, ये उत्सव उत्तर भारत में हर्षोल्लास से मनाया जाता है अप्सरा रम्भा की याद में और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए.
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| Rambha Vrat Ka Mahatwa In Hindi |
महिलायें इस दिन उपवास रखके अप्सरा रम्भा की पूजा करती है और उनसे सुन्दरता, समृद्धि आदि की कामना करती है.
ऐसी मान्यता है की समुद्र मंथन के दौरान देवी रम्भा का प्रकटीकरण हुआ था.
आइये जानते है की कौन है रम्भा ?
हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार देवलोक की अति सुन्दर अप्सरा जो की नृत्य कला में कुशल है, वाद्यों का प्रयोग करने में कुशल है साथ ही जो किसी भी तपस्वी की तपस्या भंग करने में कुशल है , वो है अप्सरा रम्भा. मान्यता के अनुसार देवराज इन्द्र किसी भी तपस्वी की परीक्षा लेने इन्ही को भेजते हैं. रम्भा धन के देवता कुबेर के पुत्र नालकुवर की पत्नी भी है.
आइये अब जानते हैं रम्भा तीज उपवास के बारे में:
- जो महिलाए अपनी व्यक्तिगत जीवन में परेशान है, जो जीतना चाहती है अपने पति के दिल को, जो चाहती है धन, वैभव, मान – सम्मान, प्रेम जीवन में उनके लिए रम्भा तृतीय का त्यौहार महत्वपूर्ण है. सभी महिलाए रम्भा अप्सरा की पूजा से लाभ काम सकती है.
- अगर किसी के पति उनसे प्रेम नहीं करते हैं,
- अगर कोई मनचाहा पति चाहती है.
- अगर कोई किसी का दिल जीतना चाहती है.
- अगर कोई स्वस्थ शारीर चाहती है तो उनके लिए रम्भा पूजा एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
- अप्सरा रम्भा प्रतिक है सुन्दरता का.
- अप्सरा रम्भा प्रतिक है ख़ुशी का.
- देवी रम्भा प्रतिक है बुध्ही का साथ ही सम्पन्नता का. अतः इनकी कृपा प्राप्त करके महिलाए सफल जीवन जी सकती है.
- देवी रंभ की पूजा आपको दे सकता है सौभाग्य, आरोग्य, धन, चुम्बकीय व्यक्तितित्व
अप्सरा रम्भा को प्रसन्न करने का आसान उपाय और मंत्र:
इनको स्वच्छता पसंद है, सुन्दरता पसंद है, सुगंध पसंद है अतः इनकी पूजा से पहले शुद्ध जल से नहाके , गुलाब जल से नाहा के फिर इनको दीपक, अच्छा इतर, अलग अलग प्रकार के भोग, पुष्प अदि अर्पित करना चाहिए.
फिर इनका मंत्र पाठ करना चाहिए :
"ॐ रम्भाये नमः"
"ॐ रम्भाये नमः"
आप प्राप्त कर सकते हैं सुन्दरता इनकी कृपा से.
आप प्राप्त कर सकती है सम्पन्नता देवी रम्भा की कृपा से.
आप पा सकते हैं सफलता इनकी पूजा से.
Rambha Vrat Ka Mahatwa In Hindi, रम्भा तीज का महत्तव, कौन है देवी रम्भा, कैसे प्रसन्न करें अप्सरा रम्भा को, सुन्दरता और सफलता के लिए पूजा .

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