शंख गायत्री मंत्र: अर्थ, महत्व और आध्यात्मिक लाभ मंत्र: ॐ पंचजन्याय विद्महे पवमानाय धीमहि। तन्नो शङ्खः प्रचोदयात्॥ भारतीय सनातन परंपरा में शंख (Conch Shell) को अत्यंत पवित्र और दिव्य माना गया है। यह केवल एक वाद्य यंत्र नहीं, बल्कि धर्म, शुद्धता और चेतना का प्रतीक है। शंख से संबंधित गायत्री मंत्र को शंख गायत्री मंत्र कहा जाता है, जिसका जप और श्रवण साधक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। Shankh Gayatri Mantra ke Fayde शंख गायत्री मंत्र का अर्थ ॐ पंचजन्याय विद्महे हम भगवान विष्णु के दिव्य शंख पाञ्चजन्य को जानते हैं। पवमानाय धीमहि जो शुद्धता, पवित्रता और प्राण ऊर्जा का संचार करता है, उसका हम ध्यान करते हैं। तन्नः शङ्खः प्रचोदयात् वह पवित्र शंख हमारी बुद्धि और चेतना को प्रेरित करे। यह मंत्र शंख की दिव्य शक्ति से हमारी बुद्धि, प्राणशक्ति और आत्मा को शुद्ध व जाग्रत करने की प्रार्थना है। शंख का आध्यात्मिक महत्व शंख को भगवान विष्णु का प्रतीक माना गया है यह पांच महाभूतों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश) का संतुलन करता है शंखनाद से नक...
वैशाख महीने को हिन्दू धर्म के अनुसार बहुत पवित्र माना जाता है पूजा पाठ, आध्यात्मिक अभ्यास हेतु, हवन, तर्पण आदि के लिए. हिन्दू ग्रंथो के अनुसार कार्तिक, वैशाख, श्रवण और माघ महिना बहुत महत्त्वपूर्ण होता है. इन महीनो मे लोग पूजा पाठ करते है जिससे की देवी देवताओं को खुश करके सुगम जीवन जिया जा सकता है.
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| Vaishakh Snan Ka Mahattw, वैशाख स्नान |
सन २०२० में 8 अप्रैल से वैशाख स्नान शुरू होगा. ये पूर्णिमा का दिन है जब साही स्नान होगा.
हालांकि जो लोग जिस पवित्र नदी के समीप है, वे लोग वही पवित्र स्नान का लाभ भी लेते ही हैं. नर्मदा नदी मे भी वैशाख महीने मे स्नान का बहुत महत्त्व होता है.
आइये अब जानते है कुछ महत्त्वपूर्ण बाते वैशाख स्नान को लेके :
- ये महिना भगवान् विष्णु की पूजा के लिए जाना जाता है अतः भक्तगण वैशाख महीने मे पवित्र स्नान करके विष्णु पूजा करते है.
- इस महीने मे मंत्र जप, तपस्या, दान आदि का महत्त्व बहुत बढ़ जाता है.
- ये गर्मी की शुरुआत है अतः लोग पुण्य कमाने हेतु पीने के पानी की व्यवस्था करते हैं.
- ऐसी मान्यता है की सुबह ब्रह्म महुरत मे पवित्र नदी मे स्नान करने से बहुत से पापो का नाश होता है.
- इस महीने मे भगवान् विष्णु की कृपा को आसानी से खीचा जा सकता है.

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