2026 न्यूमरोलॉजी रिपोर्ट | मूलांक अनुसार भविष्यफल (1–9) | नववर्ष अंकज्योतिष भविष्यवाणी, Ank Jyotish Predictions 2026 in HIndi. ✨ अंक ज्योतिष के अनुसार वर्ष 2026 की विशेषताएं ✨ अंक ज्योतिष के अनुसार वर्ष 2026 का अधिपति सूर्य होंगे । क्योंकि जब हम सभी अंकों को जोड़ते हैं (2+0+2+6 = 10 → 1), तो अंतिम अंक 1 प्राप्त होता है। चाल्डियन न्यूमरोलॉजी में अंक 1 के स्वामी सूर्य होते हैं। इसलिए नया वर्ष सूर्य के प्रभाव में रहेगा — शक्ति, अधिकार, नेतृत्व, व्यक्तित्व और पहचान को विशेष बल मिलेगा। साथ ही इस वर्ष अंक 2 (चंद्रमा) और अंक 6 (शुक्र) की ऊर्जा भी सक्रिय रहेगी, जो रचनात्मकता, भावनात्मक संतुलन, सौंदर्य, संबंधों और जीवन के भौतिक सुखों को बढ़ावा देगी। Ank Jyotish Predictions 2026 in HIndi ☀️ सूर्य क्या दर्शाता है? सूर्य के प्रमुख गुण: शक्ति और नेतृत्व अधिकार एवं शासन प्रसिद्धि और लोकप्रियता आत्मविश्वास और महत्वाकांक्षा नवाचार और आत्म-पहचान इसी कारण 2026 सभी को स्वतंत्रता, आत्म-विकास और नए आरंभों की ओर आगे बढ़ाएगा। लोग मजबूत निर्णय लेना चाहेंगे, अपनी पहचान व्यक्त कर...
Krodh Ka Jivan Par Asar क्रोध को जानिए, क्रोध और ज्योतिष, क्यों नहीं करना चाहिए गुस्सा.
जब हमे गुस्सा आता है तो कई प्रकार के नकारात्मक विचार हमारे अन्दर प्रकट होने लगते है, इनका एक कारण किसी प्रकार की निराशा भी हो सकती है, किसी प्रकार की मानसिक कमजोरी या डर भी हो सकता है.
ये स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है. कभी कभी व्यक्ति खुद अपने लिए भी हानिकारक हो जाता है और दुसरो के लिए भी.
क्रोध को गुस्सा भी कहा जाता है, ये एक प्रकार का उग्र रूप होता है हमारे व्यक्तित्व का. परन्तु गुस्सा हमेशा खतरनाक नहीं होता है. अगर कोई सोच समझकर सामंजस्य के साथ इसका प्रयोग करता है तो इसके द्वारा बहुत से कार्य को करवाया जा सकता है.
हम अक्सर देखते है की कोई गुस्से से अपना मोबाइल फेक देता है, कोई घर की चीजो को फोड़ने लगता है और बाद मे उन्हे भान होता है की उनसे गलती हो गई है. इसके कारण न सिर्फ आर्थिक नुक्सान होता है बल्कि स्वास्थ्य हानि भी होती है.
जब हमे गुस्सा आता है तो कई प्रकार के नकारात्मक विचार हमारे अन्दर प्रकट होने लगते है, इनका एक कारण किसी प्रकार की निराशा भी हो सकती है, किसी प्रकार की मानसिक कमजोरी या डर भी हो सकता है.
ये स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है. कभी कभी व्यक्ति खुद अपने लिए भी हानिकारक हो जाता है और दुसरो के लिए भी.
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| Krodh Ka Jivan Par Asar |
क्रोध को गुस्सा भी कहा जाता है, ये एक प्रकार का उग्र रूप होता है हमारे व्यक्तित्व का. परन्तु गुस्सा हमेशा खतरनाक नहीं होता है. अगर कोई सोच समझकर सामंजस्य के साथ इसका प्रयोग करता है तो इसके द्वारा बहुत से कार्य को करवाया जा सकता है.
हम अक्सर देखते है की कोई गुस्से से अपना मोबाइल फेक देता है, कोई घर की चीजो को फोड़ने लगता है और बाद मे उन्हे भान होता है की उनसे गलती हो गई है. इसके कारण न सिर्फ आर्थिक नुक्सान होता है बल्कि स्वास्थ्य हानि भी होती है.
इस लेख मे हम देखेंगे शोध क्या बताते है क्रोध या गुस्सा के बारे मे :
- अगर कोई व्यक्ति लगातार गुस्सा करता है तो उसे सर दर्द की शिकायत हो सकती है क्यूंकि गुस्सा करने से सर मे ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होती है.
- ये क्रोध व्यक्ति को अवसादग्रस्त भी कर सकता है.
- हाई ब्लड प्रेशर की बिमारी भी हो सकती है गुस्से के कारण
- 2 प्रकार के मधुमेह होने का खतरा बढ़ जाता है , जो लोग गुस्सा करते है.
- फेफड़ो की कार्य क्षमता भी प्रभावित होती है क्रोध से.
- कुछ लोगो को सांस लेने मे भी समस्या होने लगती है.
- कुछ लोग पाचन तंत्र की समस्या से ग्रस्त हो जाते है गुस्से के कारण
- गुस्सेल लोगो को नींद आने मे भी समस्या होने लगती है.
- गुस्सा आदमी को जुर्म की दुनिया मे भी घुसा देता है.
वास्तव मे देखा जाए तो गुस्से से व्यक्ति खुद को ही सजा देता है. अतः ये जरुरी है की हम अपने क्रोध पर नियंत्रण करे.
आइये अब जानते है गुस्से के ज्योतिषीय कारण :
Krodh Ka Jivan Par Asar क्रोध को जानिए, क्रोध और ज्योतिष, क्यों नहीं करना चाहिए गुस्सा.
ज्योतिष शोध के अनुसार गुस्से का सम्बन्ध कुंडली के प्रथम भाव से अधिक है. अगर कुंडली के प्रथम भाव मे समस्या हो तो व्यक्ति गुस्सेल होगा. उदाहरण के लिए नीच का शनि , ख़राब राहू या केतु व्यक्ति को जिद्दी और गुस्सेल बना देता है.
इसके अलावा जब –जब नकारात्मक ग्रह महादशा, अन्तर्दशा मे आते है तो भी व्यक्ति कुछ समय के लिए गुस्सेल हो जाता है. परन्तु इसे कन्ट्रोल करना चाहिए.
ज्योतिष शोध के अनुसार गुस्से का सम्बन्ध कुंडली के प्रथम भाव से अधिक है. अगर कुंडली के प्रथम भाव मे समस्या हो तो व्यक्ति गुस्सेल होगा. उदाहरण के लिए नीच का शनि , ख़राब राहू या केतु व्यक्ति को जिद्दी और गुस्सेल बना देता है.
इसके अलावा जब –जब नकारात्मक ग्रह महादशा, अन्तर्दशा मे आते है तो भी व्यक्ति कुछ समय के लिए गुस्सेल हो जाता है. परन्तु इसे कन्ट्रोल करना चाहिए.
आइये जानते है कुछ उपाय मे:
- हमेशा याद रखे की गुस्सा हमारे लिए हानिकारक है, अतः इसे छोड़ना चाहिए.
- जब भी गुस्सा आने लगे तो लम्बी साँसे लेने लग जाए कुछ देर तक.
- रोज ध्यान करे और व्यायाम भी करे.
- रोज सुबह हरी घास पे चलना चाहिए नंगे पाँव.
- अगर कुंडली मे ग्रह खराब हो तो किसी अच्छे ज्योतिष से संपर्क करके उसके उपाय करने चाहिए.
- अच्छे और सकारात्मक विचारों को पढ़ना चाहिए.
- ॐ का जप भी बहुत लाभदायक रहता है.

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