2026 Mai Dhan Kaise Akarshit Karen, नए साल में धन आकर्षित करने के तरीके, कौन है धनेश नए साल के. वैदिक ज्योतिष के अनुसार २०२६ में बृहस्पति धनेश रहेंगे. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, बृहस्पति का 2026 में धन और समृद्धि में प्रमुख योगदान रहेगा। बृहस्पति को वृद्धि, भाग्य, ज्ञान और समृद्धि का ग्रह माना जाता है। जब बृहस्पति मजबूत होता है, तो यह वित्त, करियर, व्यापार, शिक्षा और अवसरों में विस्तार का समर्थन करता है। 2026 Mai Dhan Kaise Akarshit Karen पढ़िए 2026 का वार्षिक रशिफल तो आइये जानते हैं 2026 में बृहस्पति की सकारात्मक ऊर्जा का उपयोग करके अधिक धन कैसे आकर्षित किया जा सकता है? ⭐ 1. अपनी कौशल और ज्ञान को बढ़ाएँ बृहस्पति ज्ञान और सीखने का प्रतिनिधित्व करता है। 2026 में, जितना अधिक आप अपने कौशल को उन्नत करेंगे, उतना अधिक धन आकर्षित कर सकेंगे। उदाहरण अगर आप ग्राफिक डिजाइनर हैं, तो AI टूल्स सीखें। अगर आप छात्र हैं, तो अतिरिक्त कोर्स या सर्टिफिकेशन लें। अगर आप व्यवसायी हैं, तो डिजिटल मार्केटिंग या ऑटोमेशन सीखें। अधिक ज्ञान = अधिक आय के अवसर। Watc...
Chitra Gupt Pooja Ka Mahatwa, चित्रगुप्त पूजा का महत्तव, चित्रगुप्तजी का परिवार क्यों करते है कायस्थ इनकी पूजा, क्या फायदे हो सकते हैं चित्रगुप्तजी को पूजने के, जानिए चित्रगुप्त जी का मंत्र.
हर साल कार्तिक महीने में दिवाली के बाद चित्रगुप्त की पूजा का दिन आता है और कायस्थ लोग तो इनकी पूजा जरुर करते हैं. इस दिन कलम दवात के साथ कॉपी की पूजा का महत्तव है.
अब ये एक प्रश्न जहन में आता है की कौन है चित्रगुप्त जी और इनकी पूजा क्यों करे. आइये जानते हैं कुछ इनके बारे में , हालांकि दुसरे लेख में इस विषय पर प्रकाश डाला गया है, उसे भी जरुर पढ़े.
भारतीय शाश्त्रो के अनुसार चित्रगुप्तजी हिन्दुओ के देवता है जो की हर व्यक्ति के कर्मो का हिसाब किताब रखते हैं. जब जीवात्मा शारीर छोडती हैं तो यही ये निर्णय करते हैं की जीवात्मा को कहा भेजना है स्वर्ग में या नरक में. इनको “धर्म राज ” के नाम से भी जाना जाता है. यमराज जी को की मृत्यु के देवता है , वो भी इन्ही के अग्याओ का पालन करते हैं.
हम ये देखते हैं की कायस्थ लोग चित्रगुप्त जी की पूजा अवश्य करते हैं वो इसीलिए की कायस्थ लोग इन्ही की संतान है ऐसी मान्यता है.
हर साल कार्तिक महीने में दिवाली के बाद चित्रगुप्त की पूजा का दिन आता है और कायस्थ लोग तो इनकी पूजा जरुर करते हैं. इस दिन कलम दवात के साथ कॉपी की पूजा का महत्तव है.
अब ये एक प्रश्न जहन में आता है की कौन है चित्रगुप्त जी और इनकी पूजा क्यों करे. आइये जानते हैं कुछ इनके बारे में , हालांकि दुसरे लेख में इस विषय पर प्रकाश डाला गया है, उसे भी जरुर पढ़े.
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| चित्रगुप्त पूजा का महत्तव |
भारतीय शाश्त्रो के अनुसार चित्रगुप्तजी हिन्दुओ के देवता है जो की हर व्यक्ति के कर्मो का हिसाब किताब रखते हैं. जब जीवात्मा शारीर छोडती हैं तो यही ये निर्णय करते हैं की जीवात्मा को कहा भेजना है स्वर्ग में या नरक में. इनको “धर्म राज ” के नाम से भी जाना जाता है. यमराज जी को की मृत्यु के देवता है , वो भी इन्ही के अग्याओ का पालन करते हैं.
हम ये देखते हैं की कायस्थ लोग चित्रगुप्त जी की पूजा अवश्य करते हैं वो इसीलिए की कायस्थ लोग इन्ही की संतान है ऐसी मान्यता है.
आइये जानते हैं अब चित्रगुप्तजी के परिवार के बारे में :
इरावती और सुदाक्षिना नाम की 2 पत्नियाँ है इनकी और उनसे इनकी 12 संताने हुई है. इनकी संतानों के नाम हैं- श्रीवास्तव, सूरजद्वाज, निगम, कुलश्रेष्ठ, माथुर, कर्ण, सक्सेना, गौड़, अष्ठाना , अम्बस्त, भटनागर और वाल्मिक.
आइये जानते हैं एक आसान मंत्र चित्रगुप्तजी की पूजा करने के लिए :
Chitra Gupt Pooja Ka Mahatwa, चित्रगुप्त पूजा का महत्तव, चित्रगुप्तजी का परिवार क्यों करते है कायस्थ इनकी पूजा, क्या फायदे हो सकते हैं चित्रगुप्तजी को पूजने के, जानिए चित्रगुप्त जी का मंत्र.
“ॐ चित्रगुप्ताये नमः “
इस मन्त्र का जप करते हुए इनकी पूजा आराधना कर सकते हैं आसानी से.
आइये जानते हैं की चित्रगुप्त जी की पूजा से क्या फायदे हो सकते हैं ?
- जीवन में अगर न्याय नहीं मिल रहा हो तो धर्म राज की पूजा से लाभ मिल सकता है.
- जीवन में शांति नहीं मिल रही हो तो भी चित्रगुप्त जी की पूजा से लाभ होता है.
- ज्ञान प्राप्त करने के लिए भी चित्रगुप्तजी का आशीर्वाद लेना चाहिए.
- जो लो लेखा जोखा का काम करते हैं उनको तो चित्रगुप्तजी की पूजा अवास्या करना चाहिए.
अगर कोई भी व्यक्ति जटिल समस्याओं में फंसा हो तो ऐसे में चित्र गुप्त जी की आराधना करना विशेष फलदाई हो सकता है.
आइये जानते हैं की चित्रगुप्त जी की पूजा में किन चीजो की आवश्यकता होती है :
पेन, कॉपी, दवात, शहद, शक्कर, कपूर, पाट, धुप, दीप, दही, मिठाई, कपडा, दूध, मौसमी फल, पान, सुपारी, हल्दी, कंकू, अक्षत, पुष्प आदि.
आइये जानते हैं की किस प्रकार से हम चित्रगुप्त जी की पूजा कर सकते हैं ?
सबसे पहले जगह को शुद्ध कर के इनकी मूर्ति रखके पंचामृत बना के अभिषेक करना चाहिए, फिर साफ़ पानी से भी अभिषेक करके उनको यथास्थान बिठाना चाहिए. अब दीपक, धुप , नैवेद्य , पान आदि भेट करना चाहिए. जितना हो सके उनके मंत्रो का जप करना चाहिए.
आखरी में कपूर से आरती करना चाहिए और प्रार्थना करना चाहिए.
अगर हम जीवन में ज्ञान, स्वस्थ्य, सम्पन्नता चाहते हैं तो हमे चित्रगुप्त जी का आशीर्वाद जरुर लेना चाहिए.
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