हरतालिका तीज का त्यौहार कब है 2025 में , तीज पूजा का असान तरीका, hartalika teej significance in hindi, क्या फायदे है हरतालिका तीज का , हरतालिका व्रत और कथा, क्या करे मनोकामना पूर्ण करने के लिए हरतालिका तीज को. Hartalika teej 2025: भारत में भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष तृतीय तिथि को एक और महत्त्वपूर्ण त्यौहार मनाया जाता है जिसे हरतालिका तीज कहते है | ये त्यौहार कुंवारी और शादीसुदा महिलाए दोनों के लिए महत्त्व रखता है. कुंवारी कन्याएं और शादी सुदा महिलायें इस त्यौहार को बहुत ही उत्साह से मनाती है. Hartalika Teej Ka Mahattwa In Hindi Haritalika Teej 2025 Mahurat: हिन्दू पंचांग अनुसार हरतालिका तीज भाद्रपद शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को आती है | सन 2025 में हरतालिका तीज 26August मंगलवार को मनेगा | इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लम्बी आयु होने, उनके सुखी जीवन और आरोग्यता के लिए व्रत रखती हैं. Watch Details on YouTube 2025 हरतालिका तीज व्रत: शुभ मुहूर्त: पंचांग के अनुसार, भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 25 August सोमवार को दिन में लगभग 12:...
Hattha Jodi Kya Hota Hai, हत्था जोड़ी क्या होता है, हत्था जोड़ी के प्रयोग, हत्था जोड़ी से जुड़े कुछ भ्रम, वनस्पति तंत्र.
एक ऐसी वास्तु जिसकी जानकार लोगो को हमेशा ही जरुरत रहती है, जिसका प्रयोग वनस्पति तंत्र के अंतर्गत बहुत अधिक किया जाता है, वो है हत्था जोड़ी, इसकी अद्भुत शक्तियों के कारण ये जड़ी प्राचीनकाल से ही प्रसिद्द है.
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Hattha Jodi Kya Hota Hai |
आइये जानते हैं क्या है “हत्था जोड़ी”?
ये एक पौधे की जड़ है जिसका अंग्रेजी नाम है “Martynia ”, साधरणतः ये पौधा मध्य प्रदेश के जंगलो में पाया जाता है परन्तु भारत के बहार भी या कई देशो में पाया जाता है.
इसके बारे में ये जानना जरुरी है की इस पौधे की जड़ पंजे जैसे होते हैं, जिसके कारण ये शक्ति का प्रतिक है. और आदिवासी पौराणिक कथाओं के अनुसार इस पौधे की जड़ में माँ चामुंडा का वास होता है इसी कारण आदिवासी इसका प्रयोग बहुतायत में करते आये है.
इसमे औषधि गुण भी होते हैं इसी कारण कई देशी इलाज में वैध भी इसका प्रयोग करते हैं,
भारत में हत्था जोड़ी का प्रयोग वनस्पति तंत्र के अन्दर जानकार लोग करते हैं. ऐसी मान्यता है की सिद्ध हत्था जोड़ी साधक की रक्षा करती है और बहुत प्रकार के लाभ प्रदान करती है. सफलता प्राप्त करने का एक अच्छा उपाय है हत्था जोड़ी की साधना.
कैसे प्राप्त करना चाहिए हत्था जोड़ी ?
यहाँ बताना चाहेंगे की किसी भी जड़ी का तांत्रिक प्रयोग करने के लिए उसे एक ख़ास दिन और खास समय ही प्राप्त किया जाता है अतः हत्था जोड़ी को प्राप्त करने के लिए जो ख़ास दिन होता है वो है रवि पुष्य का दिन. जब रविवार को पुष्य नक्षत्र पड़े तो इस जड़ को प्राप्त करना चाहिए और सफाई करके गंगाजल से धो के फिर इसे 1 महीने के लिए तिल के तेल में डालके रखना चाहिए उसके बाद अनुष्ठान करके सिन्दूर में रखना चाहिए. चामुंडा का मात्र जपना शुभ होता है.
इसका शुभ प्रभाव खुद ब खुद दिखने लगेगा.
आइये जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण बाते हत्था जोड़ी के सम्बन्ध में:
- इसे अच्छे महूरत में ही प्राप्त करना चाहिए, इससे प्रभाव अच्छा दिखेगा.
- इसकी पवित्रता को बनाए रखे और हमेशा अच्छे और साफ़ जगह पर ही रखे.
- इसका प्रयोग गलत कार्यो को पूरा करने के लिए कदापि न करें.
- अगर आपके पास सिद्ध हत्था जोड़ी है तो उसका प्रचार प्रसार न करे, गोपनीयता बनाए रखे.
- ये चूँकि जड़ है अतः इसकी आकृति और माप में अंतर मिल सकता है , भ्रमित न हो.
हत्था जोड़ी का प्रयोग कैसे करें?
अगर आपके पास सही हत्था जोड़ी है तो आप किस्मत वाले हैं आपको उसका प्रयोग ऐसे करना चाहिए –
- अपने घर के मंदिर में स्थापित करके रोज उसके सामने चामुंडा मंत्र का जप करे.
- अगर आप व्यापारी है तो अपने तिजोरी या फिर कैश बॉक्स में सिद्ध हत्था जोड़ी रख दे
- अगर आप किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए जा रहे हैं तो उसे अपने जेब में रख के जाए
- अगर आप शत्रुओ से बहुत परेशान है तो उसे ताबीज के रूप में अपने गले में दाल ले.
अतः अगर आप वनस्पति तंत्र का प्रयोग स्वास्थ्य और सम्पन्नता के लिए करना चाहते हैं तो हत्था जोड़ी एक अच्छा विकल्प आपके लिए हो सकता है.
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