अघहन माह का महत्व — हिन्दू धर्म और वैदिक ज्योतिष के अनुसार अघहन माह, जिसे “मार्गशीर्ष मास” भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग का नवम महीना है। यह सामान्यतः नवंबर से दिसंबर के बीच आता है। यह माह कार्तिक के पश्चात आता है और शीत ऋतु के आरंभ का सूचक है। इस समय प्रकृति की ऊर्जा बाहरी क्रियाओं से हटकर अंतरमुखी होने लगती है, जिससे साधना, भक्ति और आत्मचिंतन के लिए यह काल अत्यंत उपयुक्त माना गया है। 2025 में 6 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक रहेगा अघहन/मार्गशीर्ष का महिना | Aghan Mahina Kab Se kab Tak Rahega धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भगवद गीता के दसवें अध्याय, 'विभूतियोग' में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं — “मासानां मार्गशीर्षोऽहम्” अर्थात् — “मैं महीनों में मार्गशीर्ष हूँ।” यह वचन इस माह की असाधारण पवित्रता और श्रेष्ठता को दर्शाता है। अघहन का समय भक्ति, तप, दान और आत्मशुद्धि के लिए अत्यंत शुभ होता है। प्रमुख धार्मिक क्रियाएँ: इस माह में विशेष रूप से गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की उपासना का बहुत महत्व होता है। परिवार में सुख-शांति हेतु सत्यनारायण व्रत और कथा इस महीने में करना...
Barish Mai Kaise Rakhe Khyal Swasthya Ka, बारिश मे स्वस्थ रहने के तरीके, मानसून के दिन में कैसे रखे ख्याल अपना.
भीषण गर्मी के बाद जब बारिश का मौसम आता है तो सभी उसका आनंद उठाना चाहते हैं परन्तु जब लगातार बारिश होना शुरू होती है तो वातावरण में बहुत बदलाव होते हैं और ऐसे में बहुत सावधानी की जरुरत होती है स्वस्थ रहने के लिए. इस लेख में हम यही जानेंगे की कैसे बारिश के दिनों में अपने आप को स्वस्थ रखे.
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| Barish Mai Kaise Rakhe Khyal Swasthya Ka |
मानसून के दिनों में कभी कभी सूर्य के दर्शन भी नहीं होते हैं और वातावरण में कई प्रकार के बैक्टीरिया का जन्म होता है जिससे विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं जैसे खुजली, दाद, खाज, बुखार, जुखाम, पेट के रोग, पाचन समस्याएं आदि. अतः ये जरुरी है की हम समस्याओं के कारणों को समझे और सही कदम उठाये ताकि बारिश के मौसम में स्वस्थ रहकर आनंद उठा सके.
आइये जानते हैं कुछ ख़ास बाते जिससे हम रहेंगे स्वस्थ और स्फूर्तिवान:
- अगर आप भीग जाए तो ज्यादा देर तक भीगे कपडे न पहने, ऐसा होता है की बारिश का आनंद उठाने के लिए हम भीगे कपड़ो में घूमते रहते हैं जो की खतरनाक हो सकता है. इससे दाद, खाज, खुजली हो सकती है.
- अपने बालो को ज्यादा देर तक भीगे न रखे , इससे सर्दी जुखाम हो सकता है और बाल भी रूखे हो सकते हैं.
- रोज असली नारियल के तेल से मालिश करे , अगर भीग जाए तो शारीर पोछ कर आपको नारियल का तेल लगा लेना चाहिए , इससे आप तरोताजा महसूस करेंगे.
- नहाने के पानी में डेटोल दाल के नहाए.
- बारिश के दिनों में पानी भी दूषित होता है जिससे कई प्रकार के पेट के रोग उत्पन्न हो जाते हैं अतः शुद्ध जल स्तेमाल करे, उबाल कर पानी पियें या फिर आर.ओ. का पानी पियें.
- पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है बारिश में , ऐसे में तैलीय खाने से बचे, हल्का खाएं ताकि स्वस्थ रह सके.
- विभिन्न प्रकार के रोगाणुओं के कारण कई प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं अतः एंटी बैक्टीरियल साबुन या फेस वाश का प्रयोग करे.
- खाने के बाद निम्बू पानी पीना शुभ रहेगा या फिर निम्बू चाते.
- वातावरण में नमी बढ़ जाती है बारिश के दिनों में जिससे त्वचा भी तैलीय हो जाती है जल्दी जल्दी ऐसे में दिन में तीन बार चेहरा धोना चाहिए.
- ज्यादा टाइट कपडे न पहने, इससे त्वचा रोग हो सकते हैं.
- अगर आप नॉन वेज खाने के शौक़ीन है तो बारिश के दिनों में सावधानी बरते क्यूंकि बिमारी हो सकती है. अतः अच्छी और विश्वसनीय जगह से ही मांस, मछली आदि ख़रीदे.
Barish Mai Kaise Rakhe Khyal Swasthya Ka, बारिश मे स्वस्थ रहने के तरीके, मानसून के दिन में कैसे रखे ख्याल अपना.

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