Guru purnima kab hai 2025, Guru Poornima Importance In Hindi, गुरु पूर्णिमा का महत्तव हिन्दी में, क्या करे गुरु पूर्णिमा को. Guru Purnima 2025: गुरु पूर्णिमा एक हिंदू त्योहार है और इस दिन हम शिक्षक और आध्यात्मिक गुरुओं का सम्मान करते हैं | यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। "गुरु" शब्द संस्कृत के शब्द "गु" से आया है जिसका अर्थ है "अंधकार" और "रु" का अर्थ है "दूर करना।" इसलिए गुरु वह होता है जो अज्ञानता के अंधकार को दूर करते है और हमें सत्य का प्रकाश देखने में मदद करते है। हिंदू धर्म में, गुरु पूर्णिमा हमारे सभी जीवित और ब्र्हम्लीन गुरुओं का सम्मान करने का समय है। हम उनके मार्गदर्शन और शिक्षाओं के लिए अपना आभार व्यक्त करते हैं, और उनके निरंतर आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। गुरु पूर्णिमा पर, लोग आमतौर पर अपने गुरुओं से मिलते हैं, उनका पूजन करते हैं, उन्हें उपहार देते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं | यह उन लोगों को याद करने का दिन है जिन्होंने हमें बढ़ने और सीखने में मदद की है,...
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Bhagwat Katha Saptah Ka Mahattw |
श्रीमद् भागवद् कथा को सारे ग्रंथो का सार कहा जाता है इसी कारण ये पुरे विश्व में हिन्दुओ द्वारा सुना जाता है, इसका पाठ किया जाता है और करवाया भी जाता है. कई संत तो अपना पूरा जीवन सिर्फ श्रीमद् भागवद् के कहानियो को सुनाने में भी बिता देते हैं. ये एक पवित्र ग्रन्थ है जिसमे ये बताया गया है की जीवन को कैसे जिए और कैसे आसानी से मुक्ति प्राप्त करे इस कलयुग में.
ऐसी मान्यता है की भागवद् कथा को सुनना और कहना दोनों ही भगवान् विष्णु की कृपा को आकर्षित करता है और जीवन सफल हो जाता है.
अगर कोई पूर्ण भक्ति भाव से श्रीमद् भागवद् कथा को पढ़ता है, सुनता है या सुनाता है तो इसमें कोई शक नहीं की जीवन मे आश्चर्य जनक बदलाव होते हैं.
श्रीमद् भागवद् कथा आयोजन का महत्त्व:
अनुभव में देखा गया है और श्रीमद् भागवद् में भी उल्लेख है की बहुत से फायदे होते हैं इस पवित्र आयोजन को करने के –
- अगर कोई अनुभवी वक्ता से इस कथा को सुनता है तो भक्तगण एक अद्भुत अवस्था में चले जाते हैं और आनंदानुभूति करते हैं.
- श्रीमद् भागवद् का जहाँ पर आयोजन होता है वहां पर स्वास्थ्य और सम्पनता अनायास आने लगते हैं.
- ऐसा भी अनुभव होता है की जहाँ पर सप्ताह का आयोजन होता है वहां पर से नकारात्मकता चली जाती है.
- अध्यात्मिक साधना को बढ़ाने में भागवद कथा बहुत सहायक है.
- श्रीमद् भागवद् कथा सप्ताह का परायण मोक्ष के द्वार को खोल देता है.
- पितरो का कल्याण करने के लिए भी ये एक श्रेष्ठ माध्यम है.
- व्यक्ति अपने सभी पापो से मुक्ति प्राप्त कर सकता है श्रीमद् भागवद् कथा के परायण करके.
- जहाँ पर इस भक्तिमय कथा का आयोजन होता है वहां से वास्तु दोष भी ख़त्म हो जाते हैं.
- नवग्रह दोषों से भी हम बच सकते हैं इस कथा के आयोजन से.
भग्वद्गीता और श्रीमद् भागवद् में क्या अंतर है?
बहुत से लोग इस प्रश्न में उलझे रहते हैं की दोनों में क्या अंतर है तो ये भी बता देते हैं. श्रीमद् भागवद् में भगवान् कृष्ण की लीलाओं की कहानियां दी गई है जिसे सुनके मन भक्ति में तन्मय हो जाता है. वहीँ भग्वद्गीता श्रीमद् भागवद् का ही अंश है, इसमें उस संवाद को बताया गया है जो की अर्जुन और कृष्ण जी के बीच हुआ था. ये तब प्रकट हुआ जब अर्जुन महाभारत के युद्ध के समय संशय में आ गए थे और युद्ध करने से मना करने लगे. कृष्ण जी ने अर्जुन के सारे संशयो का नाश किया और अर्जुन को प्रेरित किया अपने कर्त्तव्यो को पूरा करने के लिए बिना किसी डर और संशय के.
भग्वद्गीता कृष्णा द्वारा अर्जुन को कहा गया और श्रीमद् भागवद् सुकदेव जी द्वारा राजा परीक्षित को सुनाया गया था.
श्राप के कारण राजा परीक्षित ७ दिनों में प्राण त्यागने वाले थे और तब उन्होंने ये सोचा की इतनी जल्दी मोक्ष पाने के साधन क्या है. तब सुकदेवजी ने उन्हें ये कथा सुनाई और राजा का उद्धार किया, परीक्षित जी ने वासुदेव की कृपा प्राप्त की और उनके लोक को गए.
अगर कोई भगवत सप्ताह आयोजन करवाने में समर्थ न हो तो इसे पढ़के भी लाभ ले सकता हैं या फिर गीता का पाठ भी करवा सकता है या कर सकते हैं.
भग्वद्गीता भी जीवन को सफल बनाने में मार्गदर्शन करता है. किसी विद्वान् से जब हम इसे सुनते हैं तो जीवन के रहस्य खुलते चले जाते हैं. इसमें हर प्रश्न का उत्तर दिया गया है.
भगवान् विष्णु की कृपा उस पर बरसने लगती है जो गीता पाठ करता है या करवाता और भक्तो में इसे बांटता भी है. मेरा भी अनुभव है की जब भी मै इसे पढ़ता हूँ या सुनाता हूँ तो हमेशा कुछ नया रहस्य खुल जाता है. इससे हमे स्वतंत्र रूप से निर्भय होक अपने कर्म को करने की प्रेरणा मिलती है.
जो लोग भी भग्वद्गीता में बताये गए संदेशो का पालन करते है उनके जीवन में बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं और ऐसे लोग सफलता पूर्वक जीवन जीने लगते हैं.
श्रीमद् भागवद् का महत्त्व, भागवद कथा सप्ताह के फायदे, क्या अंतर है भगवद्गीता और श्रीमद् भागवद् मे.
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