सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Hindi Jyotish Website

Hindi astrology services || jyotish website in hindi|| Kundli reading || Birth Chart Calculation || Pitru Dosha Remedies || Love Life Reading || Solution of Health Issues in jyotish || Career Reading || Kalsarp Dosha Analysis and remedies || Grahan Dosha solutions || black magic analysis and solutions || Best Gems Stone Suggestions || Kala Jadu|| Rashifal || Predictions || Best astrologer || vedic jyotish || Online jyotish || Phone jyotish ||Janm Kundli || Dainik Rashifal || Saptahik Rashifal || love rashifal

Nada Yoga Dhyan Ke Fayde Aur Vidhi

नाद योग ध्यान क्या है, कैसे करे नाद योग ध्यान, क्या फायदे होते हैं इस ध्यान के, कैसे उर्जित करे अपने मन मस्तिष्क और शारीर को, जानिए ध्यान की अदभुत विधि.
नाद योग ध्यान क्या है, कैसे करे नाद योग ध्यान, क्या फायदे होते हैं इस ध्यान के, कैसे उर्जित करे अपने मन मस्तिष्क और शारीर को, जानिए ध्यान की अदभुत विधि.
Nada Yoga Dhyan Ke Fayde Aur Vidhi

इस लेख को शुरू करने से पहले ये बता दे की ये ध्यान विधि बहुत ही प्रभावकारी है और लोगो ने इस विधि का प्रयोग करके बहुत ही अश्चार्जनक बदलाव जीवन में महसूस किया है.
इस ध्यान विधि के बारे में जानने के लिए ये जरुरी है की हम खुद करे और महसूस करे इसकी शक्ति को. नाद योग ध्यान को रोज करने वाले बहुत सी परेशानियों से अनायास ही छुटकारा पा लेते हैं.
अगर इस ध्यान को रोज किया जाए तो हम एक स्वस्थ जीवन, संपन्न जीवन, सकारात्मक जीवन को जी सकते हैं.

क्या है नाद योग ध्यान ?

नाद योग भारत की अति प्राचीन ध्यान विधियों में से एक है जिसका प्रयोग यहाँ के ऋषि, मुनि, योग और जानकार लोग करते आये हैं. साधारणतः लोग इसका प्रयोग अध्यात्मिक उन्नति के लिए ही करते आये हैं परन्तु सच तो ये है की इस ध्यान के प्रभाव से संकल्प शक्ति विकसित हो जाती है और व्यक्ति सफलता पूर्वक जीवन भी जी सकता है.

आइये कुछ और जाने नाद योग के बारे में :

  • शारीर और मन के शुद्धिकरण में सहायक है नाद योग ध्यान.
  • शारीर में कुंडलिनी शक्ति को जगाने में भी सहायक है नाद योग ध्यान.
  • इसे नाद ब्रह्म साधना या फिर गुंजन योग के नाम से भी जाना जाता है.
  • इसको करने के कई तरीके है जो की विभिन्न प्रकार के साधक स्तेमाल करते हैं जरुरत के हिसाब से.
  • इसको करने के लिए किसी विशेष वास्तु की आवश्यकता नहीं है.

आइये जानते हैं नाद योग ध्यान  के विज्ञान को :

नाद का अर्थ है एक गूंज या फिर एक आवाज और योग का अर्थ है मिलना. अतः ये साधना का मुख्य उद्देश्य है हमारी चेतना को एक दिव्य गूँज के साथ मिला देना. अध्यात्मिक विज्ञान के हिसाब से हमारे अन्दर एक स्वतः नाद चलता रहता है और जो उसे सुन लेता है उसे फिर किसी और चीज की लालसा नहीं रहती है, ये नाद साधक को आनंदित कर देता है, उर्जा से भर देता है, अध्यात्मिक विकास करवाता है. 
जब साधक नाद योग का अभ्यास करता है तो धीरे धीरे उसका मन सूक्ष्म होता जाता है और वो अंतर नाद को भी सुनने लगता है.
लगातार ध्यान के अभ्यास से हम इस ब्रह्म नाद या फिर अनहद नाद को सुन सकते हैं.
अध्यात्मिक विज्ञान के हिसाब से नाद २ प्रकार के होते हैं:
  1. अहद
  2. अनहद
अहद नाद को किसी चीज या वास्तु के द्वारा पैदा किया जाता है परन्तु अनहद नाद को किसी वास्तु की जरुरत नहीं होती है. अनहद नाद सार्वभौमिक ध्वनि है परंतु इसे कानो द्वारा नहीं सुना जा सकता है. इसे सुनने के लिए गहरे ध्यान में जाना होता है. 
हमे अपने इन्द्रियों को अत्यंत सूक्ष्म करना होगा इस दिव्य संसार का अनुभव करने के लिए और शारीर के अन्दर की दुनिया को जानने के लिए. 
नाद योग के द्वारा कुछ अनसुलझे पहलु को जाना जा सकता है.
नाद योग ध्यान कोई भ्रम नहीं है, एक हफ्ते के लगातार अभ्यास के द्वारा हम इसकी शक्ति को अनुभव कर सकते हैं. 

आइये अब जानते हैं कैसे करे नाद योग ध्यान:

जैसा की हमने ऊपर पढ़ा की इसको करने के लिए किसी बहरी वास्तु की आवशयकता नहीं है. हम इस साधना को कहीं भी कर सकते हैं, किसी भी अवस्था में कर सकते हैं, किसी भी अवस्था में कर सकते हैं परन्तु शुरू में अगर एकांत स्थान का चुनाव करे तो इसके प्रभाव को महसूस करने में आसानी होगी.
  • सबसे पहले किसी आसान, आराम दायक आसन पर बैठ जाए. आप पद्मासन में या फिर सुखासन में बैठ सकते हैं.
  • अब अपने इष्ट या गुरु को याद करे और प्रणाम करके साधना की सफलता के लिए प्रार्थना करे.
  • करीब ५ मिनट तक गहरी सांस ले और गहरी सांस छोड़े और मन को एकाग्र करे.
  • अब अपने पुरे शारीर को ढीला छोड़ दे और आँखे बंद कर ले, कही भी तनाव न रहे.
  • अपने अपने अंगूठो से दोनों कानो को बंद करे और तर्जनी ऊँगली से आँखों को ढके.
  • अब एक गहरी सांस ले और अपना मूंह बंद रखते हुए ॐ की ध्वनि करे. अपने मन मस्तिष्क को इस ध्वनि में खो जाने दे. इस प्रकार लगतार करीब ३० मिनट तक नाद करते रहे और उसमे खो जाए, बाद में आप इस समय को बढ़ा भी सकते हैं.

क्या फायदे होंगे नाद योग ध्यान  के द्वारा ?

इस ध्यान के सभी फायदों का वर्णन करना असंभव है परन्तु यहाँ हम इसके कुछ सांसारिक फायदे देखते हैं –
  1. नाद योग ध्यान के अभ्यास से हमारे शारीर के नाड़ी तंत्र खुलने लगते हैं. उर्जा सभी तरफ प्रवाहित होने लगता है.
  2. इसके अभ्यास से मन , मस्तिष्क और शारीर उर्जा से भर जाता है.
  3. शारीर और मन को शुद्ध करने में नाद योग बहुत सहायक होता है.
  4. पुरे शारीर के हर भाग में उर्जा प्रवाहित होने लगती है और हर भाग को जागृत कर देता है ये ध्यान.
  5. इससे स्मृति भी बढ़ने लगती है.
  6. इससे व्यक्ति अपनी सुन्दरता को भी बढ़ा सकता है. 
  7. नाद योग ध्यान  से इन्द्रियां सूक्ष्म होने लगती है और हम अपने अन्दर के सूक्ष्म संसार को भी जान सकते हैं.
  8. इसके अभ्यास से साधक प्रसन्न रहने लगता है, शांति से रहने लगता है.
  9. इसके द्वारा कुंडलिनी शक्ति को भी जगा सकते हैं.
अतः अपने जीवन को सफल बनाने के लिए  शुभ महुरत से इस नाद योग ध्यान  को करना शुरू करे.

और साधना सम्बंधित लेख पढ़े:
Nad yoga meditation in english

नाद योग ध्यान क्या है, कैसे करे नाद योग ध्यान, क्या फायदे होते हैं इस ध्यान के, कैसे उर्जित करे अपने मन मस्तिष्क और शारीर को, जानिए ध्यान की अदभुत विधि.

टिप्पणियाँ

Follow on Facebook For Regular Updates

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Tantroktam Devi suktam Ke Fayde aur lyrics

तन्त्रोक्तं देवीसूक्तम्‌ ॥ Tantroktam Devi Suktam ,  Meaning of Tantroktam Devi Suktam Lyrics in Hindi. देवी सूक्त का पाठ रोज करने से मिलती है महाशक्ति की कृपा | माँ दुर्गा जो की आदि शक्ति हैं और हर प्रकार की मनोकामना पूरी करने में सक्षम हैं | देवी सूक्तं के पाठ से माता को प्रसन्न किया जा सकता है | इसमें हम प्रार्थना करते हैं की विश्व की हर वास्तु में जगदम्बा आप ही हैं इसीलिए आपको बारम्बार प्रणाम है| नवरात्री में विशेष रूप से इसका पाठ जरुर करना चाहिए | Tantroktam Devi suktam  Ke Fayde aur lyrics आइये जानते हैं क्या फायदे होते हैं दुर्गा शप्तशती तंत्रोक्त देवी सूक्तं के पाठ से : इसके पाठ से भय का नाश होता है | जीवन में स्वास्थ्य  और सम्पन्नता आती है | बुरी शक्तियों से माँ रक्षा करती हैं, काले जादू का नाश होता है | कमजोर को शक्ति प्राप्त होती है | जो लोग आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं उनके आय के स्त्रोत खुलते हैं | जो लोग शांति की तलाश में हैं उन्हें माता की कृपा से शांति मिलती है | जो ज्ञान मार्गी है उन्हें सत्य के दर्शन होते हैं | जो बुद्धि चाहते हैं उन्हें मिलता है | भगवती की क

om kleem kaamdevay namah mantra ke fayde in hindi

कामदेव मंत्र ओम क्लीं कामदेवाय नमः के फायदे,  प्रेम और आकर्षण के लिए मंत्र, शक्तिशाली प्रेम मंत्र, प्रेम विवाह के लिए सबसे अच्छा मंत्र, सफल रोमांटिक जीवन के लिए मंत्र, lyrics of kamdev mantra। कामदेव प्रेम, स्नेह, मोहक शक्ति, आकर्षण शक्ति, रोमांस के देवता हैं। उसकी प्रेयसी रति है। उनके पास एक शक्तिशाली प्रेम अस्त्र है जिसे कामदेव अस्त्र के नाम से जाना जाता है जो फूल का तीर है। प्रेम के बिना जीवन बेकार है और इसलिए कामदेव सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका आशीर्वाद जीवन को प्यार और रोमांस से भरा बना देता है। om kleem kaamdevay namah mantra ke fayde in hindi कामदेव मंत्र का प्रयोग कौन कर सकता है ? अगर किसी को लगता है कि वह जीवन में प्रेम से वंचित है तो कामदेव का आह्वान करें। यदि कोई एक तरफा प्रेम से गुजर रहा है और दूसरे के हृदय में प्रेम की भावना उत्पन्न करना चाहता है तो इस शक्तिशाली कामदेव मंत्र से कामदेव का आह्वान करें। अगर शादी के कुछ सालों बाद पति-पत्नी के बीच प्यार और रोमांस कम हो रहा है तो इस प्रेम मंत्र का प्रयोग जीवन को फिर से गर्म करने के लिए करें। यदि शारीरिक कमजोरी

Rinmukteshwar mahadev mantra Ke fayde

कर्ज मुक्ति के लिए महादेव का शक्तिशाली मंत्र |  Rin Mukteshwar Mahadev Mantra | spell to overcome from debt, कहाँ पर है ऋण मुक्तेश्वर मंदिर ?, कर्ज बढ़ने के ज्योतिषीय कारण | ये मंत्र आर्थिक समस्याओं को दूर करने में बहुत मददगार है, किसी भी प्रकार के ऋण से छुटकारा दिलाने में मदद करता है, भगवान् शिव की कृपा को आकर्षित करने का बहुत ही सशक्त और सरल माध्यम है | अगर आपके ऊपर कर्जा बढ़ता जा रहा हो तो ऐसे में ऋणमुक्तेश्वर महादेव की पूजा बहुत लाभदायक है |  Rinmukteshwar mahadev mantra Ke fayde Read in english about Benefits Of RINMUKTESHWAR MANTRA हर महीने जब लेनदार पैसे मांगने आते हैं तो अच्छा नहीं लगता है , स्थिति तब और ख़राब होती है जब की देने के लिए धन नहीं होता है | कर्जा सिर्फ उस व्यक्ति को ही परेशां नहीं करता है जिसने लिया है अपितु पुरे परिवार को शर्मनाक स्थिति से गुजरने के लिए मजबूर करता है अतः जितना जल्दी हो सके कर्जे से बाहर आने की कोशिश करना चाहिए |  आज के इस युग में हर व्यक्ति दिखावटी जीवन जीना चाहता है और इसी कारण एक अंधी दौड़ में शामिल हो गया है | सुख सुविधाओं को एकत्र करने की चाह