बुद्ध पूर्णिमा का महत्त्व, Kab hai buddh poornima, वैशाख महीने की पूर्णिमा क्यों महत्त्वपूर्ण है, क्या करे सफलता के लिए वैशाख पूनम को. Buddha Poornima 2025/Vaishakh Purnima: वैशाख महीने की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से पूरे विश्व मे जाना जाता है. ऐसा माना जाता है की महात्मा बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महानिर्वाण इस पवित्र दिन हुआ था इसी कारण बुद्ध जयंती मनाई जाती है इस दिन. ऐसी भी मान्यता है की वैशाख पूर्णिमा को भगवान् विष्णु का कुर्म अवतार हुआ था. बुद्ध पूर्णिमा को भक्तगण उपवास रखते है, अध्यात्मिक साधना करते हैं, कर्मकांड करते हैं, कुछ लोग विष्णु भगवान् की पूजा करते हैं, दान-धर्म करते है अपनी क्षमता अनुसार| बहुत से लोग जो अध्यात्म पथ पर आगे बढ़ना चाहते हैं वे लोग इस दिन गुरु दीक्षा भी लेते हैं | 2025 में 12 मई सोमवार को है बुद्ध पूर्णिमा का शुभ दिन | पूर्णिमा तिथि 11 तारीख को रात्री में लगभग 8:03 बजे से शुरू होगी और 12 तारीख को रात्री में लगभग 10:26 बजे तक रहेगी | Buddha Poornima Ka Mahattw In Hindi जब चन्द्रमा अपनी पूर्ण आभा बिखेर रहा हो...
छट पूजा का महत्त्व हिंदी में, कैसे करे छट पूजा आसानी से, सफलता के लिए क्या करे, आइये जाने छट पूजा के पीछे की कहानी.
छट पूजा को सूर्य षष्ठी , छटी पूजा , डाला छट के नाम से भी जाना जाता है. ये पूजा भगवान् सूर्य के प्रति अपना आभार दर्शाने के लिए किया जाता है क्यूंकि वो प्रत्यक्ष रूप से हमे बहुत कुछ प्रदान कर रहे हैं. ऐसी भी मान्यता है की छट पूजा के दिन छटी माता भी भक्तो को आशीर्वाद प्रदान करती है. ये पूजा भी एक उत्सव के रूप में भारत में मनाया जाता है और एक महत्त्वपूर्ण पूजा है. ये पूजा विशेषकर उत्तर भारत में बहुत मान्य है. उत्तर प्रदेश, बिहार में तो ये उत्सव बहुत ज्यादा महत्त्व रखता है और पूरा परिवार बड़े हर्षोल्लास से इस उत्सव को मनाता है.
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Chat Puja Ka Mahattwa In Hindi |
छट पूजा से सम्बंधित बहुत सी कहानियाँ है. एक महाभारत काल की है. ऐसा कहा जाता है की पांडवो की माता कुंती ने षष्ठी तिथि के दिन मंत्रो से सूर्य देव का आवाहन किया था और भगवान् सूर्य ने उन्हें पुत्र कर्ण आशीर्वाद के रूप में प्रदान किया था. तभी से षष्ठी तिथि पर विशेष पूजा किया जाता रहा है.
जिन लोगो के कुंडली में सूर्य ख़राब हो, जो लोग सूर्य को बलवान बनाना चाहते हैं, वे लोग छट पूजा करके लाभ उठा सकते हैं. ये पूजा बहुत ही शक्तिशाली है और चमत्कारी भी है भक्तो के अनुसार. इस पूजा के द्वारा जीवन में उत्पन्न होने वाले संकतो को दूर किया जा सकता है, मान, सम्मान , सम्पन्नता को आकर्षित करता है.
छट पूजा दिवाली के बाद मनाया जाता है. इस दिन छटी माता का पूजन होता है. साधारणतः भक्त उपवास रखते हैं और नमक का सेवन बिलकुल नहीं करते हैं. कुछ लोग तो बहुत कड़े नियमो के साथ उपवास रखते हैं. भगवान् सूर्य को सुबह और शाम को अर्ध्य भी दिया जाता है.
आइये जानते हैं की छट पूजा कैसे मनाया जाता है ?
छट पूजा ४ दिनों की पूजा होती है और इस दौरान बहुत पवित्रता के साथ पूजा पाठ किया जाता है.
- छट पूजा के पहले दिन भक्तगण पवित्र नदी में स्नान करते हैं , घर की साफ़ सफाई करते हैं और पवित्र जल का छिडकाव करते हैं जिससे की सभी जगह सकारात्मक वातावरण बने. पहले दिन सभी सिर्फ कद्दू और भात ही खाते हैं. इस दिन को “नहाय और खाय” भी कहते हैं.
- पंचमी के दिन लोग उपवास रखते हैं और ये दिन “लोहान्दा या खरना ” कहलाता है. शाम को बिना शक्कर की खीर और पूरी, केले आदि से व्रत को खोला जाता है.
- तीसरे दिन भक्तगण प्रसाद बनाने में व्यस्त रहते हैं. सभी वस्तुओ को विशेष तौर पर साफ़ करके ही प्रसाद बनाने में प्रयोग किया जाता है. शाम को सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है.
- चोथे दिन भक्तगण सुबह नदी तट पर जाते हैं और भगवान् सूर्य को अर्ध्य देते हैं. इस दिन को पारून कहते हैं.
इस दिन सभी अपना व्रत खोलते हैं और सगे संबंधियों से मिलते हैं, दोस्तों से मिलते हैं , एक दुसरे को प्रसाद देते हैं. नदी के किनारे मैला लग जाता है.
सभी के घरो में उत्सव जैसा वातावरण रहता है. बच्चे, बूढ़े, जवान सभी इस दिन को बड़े उत्साह से मनाते हैं.
सभी इस दिन सूर्य और छटी मैया का आशीर्वाद लेते हैं इस दिन.
Chat Puja Ka Mahattwa In Hindi
सभी के घरो में उत्सव जैसा वातावरण रहता है. बच्चे, बूढ़े, जवान सभी इस दिन को बड़े उत्साह से मनाते हैं.
सभी इस दिन सूर्य और छटी मैया का आशीर्वाद लेते हैं इस दिन.
आइये अब जानते हैं की छट पूजा के दिन संपन्न और सुखी जीवन के लिए क्या करना चाहिए ?
भगवान् सूर्य के आशीर्वाद से जीवन को सफल बनाया जा सकता है. आइये जानते हैं क्या करे सफलता के लिए छट पूजा के दिन.
- इस दिन भगवान् सूर्य को केसर, लाल फूल, युक्त जल से अर्ध्य देना चाहिए और सूर्य के मंत्रो का जप यथाशक्ति करना चाहिए.
- आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ भी बहुत लाभदायक होता है.
- अगर कुंडली में सूर्य ख़राब हो तो गुड, तम्बा का दान जरुरतमंदों को करना चाहिए.
- इस दिन बिना नमक के भोजन करना चाहिए.
- सम्पन्नता के लिए लाल गाय को गेहू और गुड खिलाना चाहिए.
- भूखो को खीर और गुड खिलाना चाहिए.
- नदी में चना दाल बहाना चाहिए.
- स्वर्ण के आभूषण धारण करना चाहिए.
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