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Mangal Ka Vrischik Rashi Mai Gochar Ka 12 Rashiyo Par Prabhav

Mangal Ka Vrischik Rashi Mai Gochar Ka 12 Rashiyo Par Prabhav, वृश्चिक राशि में मंगल के गोचर का प्रभाव, ज्योतिष अपडेट, मंगल गोचर तिथि और समय। वैदिक ज्योतिष में, मंगल ऊर्जा, साहस, कर्म और दृढ़ संकल्प का ग्रह है। यह शक्ति, जुनून, अनुशासन और योद्धा भावना का प्रतिनिधित्व करता है। मंगल हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने की प्रेरणा, शारीरिक स्फूर्ति और चुनौतियों का सामना करने की क्षमता को नियंत्रित करता है। बलवान होने पर, यह नेतृत्व, आत्मविश्वास और प्रतिस्पर्धा में सफलता प्रदान करता है; पीड़ित होने पर, यह क्रोध, आवेग, आक्रामकता या संघर्ष का कारण बन सकता है। मंगल मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी है, और इसका उग्र स्वभाव पहल, वीरता और कर्म के माध्यम से परिवर्तन लाने की शक्ति का प्रतीक है। 27 अक्टूबर 2025 को मंगल वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा और यहाँ शक्तिशाली हो जाएगा, तीव्रता, साहस और परिवर्तन लाएगा - लेकिन अगर समझदारी से प्रबंधन न किया जाए तो आवेग और संघर्ष भी लाएगा। Mangal Ka Vrischik Rashi Mai Gochar Ka 12 Rashiyo Par Prabhav Watch Rashifal In Hindi On YouTube आइए जानते हैं वृश्चिक राशि में म...

Panchak Ka Mahattwa Jyotish Mai, पंचक

Panchak Ka Mahattwa Jyotish Mai, पंचक क्या होते हैं, पंचक का महत्तव, क्या किये जाते हैं, क्या नहीं क्या जाता है पंचक में मान्यता के अनुसार.

वैदिक ज्योतिष में पंचक का बहुत महत्तव है, हिन्दू लोग किसी भी कार्य को करने में पंचक तिथियों का विशेष ध्यान रखते हैं. महूरत निकलने में भी पंचक तिथियों का ध्यान विशेषतः रखा जाता है. लोग साधारणतः पाचक तिथियों में कोई भी महत्त्वपूर्ण कार्यो को करना टालते हैं. इस लेख में हम पंचक को समझने का प्रयास करेंगे.
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Panchak Ka Mahattwa Jyotish Mai

आइये जानते हैं पंचक से सम्बंधित कुछ तथ्य:

  1. अगर पंचक के समय कोई परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु होती है तो ऐसा माना जाता है की परिवार के अन्य 5 सदस्यों पर भी संकट रहता है.
  2. अगर कोई आत्मा पंचक में शारीर छोड़ता है तो उसे शांति प्राप्त नहीं होती है.
  3. अगर कोई व्यक्ति पंचक तिथियों में कोई भी कार्य शुरू करता है तो उसे उस कार्य को 5 बार करना होता है.
  4. पंचक में दक्षिण की और यात्रा करने को मना किया जाता है.
  5. इन तिथियों में जमीन खरीदने बेचने को भी मना किया जाता है.
  6. फर्नीचर भी लेना या बनवाना मना किया जाता है पंचक में.
  7. किसी प्रकार का निर्माण कार्य भी शुरू करना मना किया जाता है पंचक में.
  8. कुछ लोग बच्चो का मुंडन कार्य करना भी मना करते हैं.
  9. गृह प्रवेश भी मना करते हैं कुछ ज्योतिष पंचक में.
  10. अगर कोई शांत हो जाए तो ऐसी परंपरा है की उसके साथ 5 कुशा के पुतले बना के जलाया जाता है, परिवार वालो पर संकट हटाने के लिए.
  11. ऐसी सोच है लोगो की कि पंचक मै कोई बुरा करे या अच्छा करे वो पांच बार होता है.

क्या है पंचक ?

ज्योतिष के हिसाब से 5 नक्षत्रो को पंचक कहा जाता है. ये नक्षत्र हर महीने आते हैं अतः पंचक भी हर महीने आते हैं हिन्दू पंचांग के अनुसार. 
पंचक नक्षत्र के नाम निम्न हैं –
  1. धनिष्ठा नक्षत्र
  2. शतभिषा नक्षत्र
  3. पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र
  4. उत्तराभाद्रपद नक्षत्र
  5. रेवती नक्षत्र
इन नक्षत्रो के स्वामी राशि कुम्भ और मीन होते हैं. जब भी चन्द्रमा इन राशियों से गुजरता है तब पंचक का समय होता है.

आइये अब जानते हैं कुछ महत्त्वपूर्ण बाते पंचक से सम्बंधित :

Panchak Ka Mahattwa Jyotish Mai, पंचक क्या होते हैं, पंचक का महत्तव, क्या किये जाते हैं, क्या नहीं क्या जाता है पंचक में मान्यता के अनुसार. 
  • धनिष्ठा, सतभिषा चर संज्ञक नक्षत्रो में आते हैं.
  • पूर्वाभाद्रपद उग्र में आता है.
  • उत्तराभाद्रपद ध्रुव संज्ञक नक्षत्रो में आता है.
  • रेवती नक्षत्र मृदु संज्ञक है.
  • कुछ विद्वानों की मान्यता है की चर नक्षत्र के अंतर्गत यात्रा, मनोरंजन, कपड़े और आभूषण खरीदना अच्छा माना जाता है.
  • कुछ विद्वानों का मानना है की ध्रुव संज्ञक नक्षत्र में मकान का कार्य करना, लम्बे समय के लिए कुछ शुरू करना संभव होता है. 
  • कुछ विद्वानों का कहना है की मृदु नक्षत्र में मनोरंजन, फ़िल्मी दुनिया के कार्य, एक्टिंग आदि के कार्य किये जा सकते हैं. 
ये बात ध्यान में रखना चाहिए की पंचक में अगर कार्य करना जरुरी हो तो उससे पहले शांति पूजा कर लेनी चाहिए किसी अच्छे ज्योतिष या जानकार से जानकारी लेके.



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