Budh Ka Dhanu Rashi Mai Gochar, धनु राशि में बुध का गोचर कब होगा, जानिए राशिफल, बुध का धनु राशि में प्रभाव, बुध का धनु राशि में गोचर, jyotish updates. बुध 29 December 2025, दिन सोमवार को प्रातःकाल में लगभग 7:31 बजे धनु राशि में प्रवेश करेंगे | इस राशि में बुध सम के रहते हैं | धनु रशि में पहले से ही सूर्य, मंगल और शुक्र विराजमान है अतः बुध के आने से धनु राशि में चतुर्ग्रही योग बन जायेगा. Budh ka dhanu rashi mai gochar ka rashifal: वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध का संबंध व्यापार, बुद्धि, एकाग्रता, वाणी, त्वचा, सौंदर्य, मित्र, वाक् शक्ति, श्रवण, सुगंध आदि से है। Budh Ka Dhanu Rashi Mai Gochar Ka Prabhav Watch Video Here आइये जानते हैं क्या असर होगा बुध के धनु राशी में गोचर का : मेष राशिफल: 29 December 2025 को बुध के धनु राशि में गोचर से मेष राशि के लोग जीवन में कुछ नया सीख पाएंगे जो भविष्य में आय बढ़ाने में मदद करेगा। जीवन का आनंद लेने की आपकी इच्छाएं बढ़ेंगी और अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए आप जोखिम भी उठाएंगे। अब आप यात्रा भी कर सकेंगे। विद्यार...
Narad jayanti ka mahatwa in hindi, कौन है नारद मुनि, क्या महत्तव है नारद जयंती का, क्या सीखे नारद मुनी से.
एक बहुत ही रोचक चरित्र का उल्लेख मिलता है हिन्दुओ के पौराणिक कथाओं में, एक ऐसा व्यक्ति जो सभी के लिए पूजनीय है, आदरणीय है, जो की भगवान् विष्णु के भक्त है, जो की हर समय “नारायण नारायण” का जप करते रहते हैं.
ये व्यक्तित्व है “नारद मुनि”, ये ब्रह्मा जी के पुत्र है और लगातार घूमते रहते हैं. दैविक जानकारियों को इधर से उधर पहुचाने का कार्य ये बहुत ही खूबी से करते हैं. इनके पास हर समय एक वाद्य यन्त्र होता है जिसे हम वीणा के नाम से जानते हैं.
इन्होने बहुत से भक्ति सूत्र लिखे हैं, भजन लिखे हैं जो की अलग अलग ग्रन्थ में उपलब्ध है जैसे “नारद भक्ति सूत्र ”, नारद संहिता आदि.
ये बहुमुखी प्रतिभा के धनि है और कई विद्याओं में महारत रखते हैं जैसे गायन, वादन, प्रस्तुतीकरण, ज्योतिष, शब्दों का प्रयोग करना आदि.
नारद मुनि ने अपनी पूरी जिन्दगी नारायण सेवा में ही व्यतीत की है.
एक बहुत ही रोचक चरित्र का उल्लेख मिलता है हिन्दुओ के पौराणिक कथाओं में, एक ऐसा व्यक्ति जो सभी के लिए पूजनीय है, आदरणीय है, जो की भगवान् विष्णु के भक्त है, जो की हर समय “नारायण नारायण” का जप करते रहते हैं.
ये व्यक्तित्व है “नारद मुनि”, ये ब्रह्मा जी के पुत्र है और लगातार घूमते रहते हैं. दैविक जानकारियों को इधर से उधर पहुचाने का कार्य ये बहुत ही खूबी से करते हैं. इनके पास हर समय एक वाद्य यन्त्र होता है जिसे हम वीणा के नाम से जानते हैं.
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| narad jayanti |
इन्होने बहुत से भक्ति सूत्र लिखे हैं, भजन लिखे हैं जो की अलग अलग ग्रन्थ में उपलब्ध है जैसे “नारद भक्ति सूत्र ”, नारद संहिता आदि.
ये बहुमुखी प्रतिभा के धनि है और कई विद्याओं में महारत रखते हैं जैसे गायन, वादन, प्रस्तुतीकरण, ज्योतिष, शब्दों का प्रयोग करना आदि.
नारद मुनि ने अपनी पूरी जिन्दगी नारायण सेवा में ही व्यतीत की है.
हम उनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं जैसे –
कैसे समर्पण किया जाता है, कैसे जुनूनी होक कार्य किया जाता है, कैसे कार्यो को मस्ती से किया जाता है. नारद मुनि एक ज्ञानी है और जिज्ञासुओ की शंका समाधान के लिए तत्पर रहते हैं.नारद मुनि देव दूत है और उन लोगो के लिए गुरु है जो भक्ति सीखना चाहते हैं, वादन सीखना चाहते हैं, ज्ञान पाना चाहते हैं.
जब भी हम किसी दैविक कथा को सुनते हैं या पढ़ते हैं तो नारद मुनि का जिक्र जरुर मिलता है, हम बिना इनके किसी भी दैविक कहानियो की कल्पना नहीं कर सकते हैं.
आइये जानते हैं नारद जयंती का महत्तव:
ये वो पुण्य दिन है जब हम विष्णु जी के साथ साथ नारद मुनि को भी पूजते है और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.नारद मुनि के आशीर्वाद से भक्त विद्वान् बन सकता है, तेज दिमाग वाला बन सकता है, अच्छा कलाकार बन सकता है, समाज में एक विशिष्ट स्थान प्राप्त कर सकता है.
नारद मुनि का योगदान जो उन्होंने अपने उपदेशो, सूत्रों, बजन द्वारा किया है उसे भुलाया नहीं जा सकता है. आज भी लोग इन सबका लाभ ले रहे हैं और जीवन को सुखी बना रहे है.
आइये जानते हैं कैसे मनाये नारद जयंती आसानी से :
- सुबह जल्दी उठकर दैनिक क्रियाओं से निवृत्त हो ले.
- नारद जी की मूर्ति या फोटो विष्णु जी के साथ रखे.
- विधिवत पंचोपचार पूजा करे
- किसी भी विष्णु मंत्र का जप करे.
- आप चाहे तो पूरा दिन उपवास भी रख सकते हैं और दिन भर भक्तिमय वातावरण में दिन बिता सकते हैं.
- ब्राह्मणों का आशीर्वाद जरुर ले इस दिन.
नारद जयंती की सभी को शुभ कामनाये.
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Narad jayanti ka mahatwa in hindi, कौन है नारद मुनि, क्या महत्तव है नारद जयंती का, क्या सीखे नारद मुनी से.

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