अघहन माह का महत्व — हिन्दू धर्म और वैदिक ज्योतिष के अनुसार अघहन माह, जिसे “मार्गशीर्ष मास” भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग का नवम महीना है। यह सामान्यतः नवंबर से दिसंबर के बीच आता है। यह माह कार्तिक के पश्चात आता है और शीत ऋतु के आरंभ का सूचक है। इस समय प्रकृति की ऊर्जा बाहरी क्रियाओं से हटकर अंतरमुखी होने लगती है, जिससे साधना, भक्ति और आत्मचिंतन के लिए यह काल अत्यंत उपयुक्त माना गया है। 2025 में 6 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक रहेगा अघहन/मार्गशीर्ष का महिना | Aghan Mahina Kab Se kab Tak Rahega धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भगवद गीता के दसवें अध्याय, 'विभूतियोग' में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं — “मासानां मार्गशीर्षोऽहम्” अर्थात् — “मैं महीनों में मार्गशीर्ष हूँ।” यह वचन इस माह की असाधारण पवित्रता और श्रेष्ठता को दर्शाता है। अघहन का समय भक्ति, तप, दान और आत्मशुद्धि के लिए अत्यंत शुभ होता है। प्रमुख धार्मिक क्रियाएँ: इस माह में विशेष रूप से गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की उपासना का बहुत महत्व होता है। परिवार में सुख-शांति हेतु सत्यनारायण व्रत और कथा इस महीने में करना...
कैसे पहुचे उज्जैन, उज्जैन पहुचने के लिए मार्गदर्शन हिंदी मे, बस द्वारा उज्जैन, ट्रेन द्वारा उज्जैन, अवंतिका शहर मे कहा रहे. अगर आप उज्जैन आना चाहते हैं और यहाँ के दिव्य वातावरण का लाभ लेना चाहते हैं, अगर आप सिंहस्थ मे यहाँ आना चाहते हैं और यहाँ के कार्यक्रमों मे भाग लेना चाहते है तो ये लेख आपकी मदद करेगा. इन जानकारियों से आप अपनी यात्रा को सुगम बना सकते हैं. Janiye Mahakal Ke Shahar Ke Bare Mai अगर आप वायु मार्ग से उज्जैन आना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले इंदौर आना होगा जो की मात्र ५५ किलोमीटर की दूरी पर है उज्जैन से. वहा से आप टैक्सी लेके आसानी से उज्जैन आ सकते हैं. अगर आप ट्रेन की यात्रा का आनंद लेना चाहते हैं तो आपके लिए बहुत आसान है क्यूंकि उज्जैन एक जंक्शन है और हर बड़े शहर से यहाँ सीधे ट्रेने आती है. जैसे की मुंबई, दिल्ली, जबलपुर, चेन्नई, जम्मू, गोरखपुर, अहमदाबाद, बरोदा, पुणे, बिलासपुर, हरिद्वार, देहरादून आदि. और समय समय पर हॉलिडे एक्सप्रेस भी चलाई जाती है. सिंहस्थ पर तो विशेष ट्रेने चलेंगी जिससे की लोग आसानी से यहाँ आ सके. अगर आप अपने खुद के वाहन से उज्जैन ...