सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Hindi Jyotish Website

Hindi astrology services || jyotish website in hindi|| Kundli reading || Birth Chart Calculation || Pitru Dosha Remedies || Love Life Reading || Solution of Health Issues in jyotish || Career Reading || Kalsarp Dosha Analysis and remedies || Grahan Dosha solutions || black magic analysis and solutions || Best Gems Stone Suggestions || Kala Jadu|| Rashifal || Predictions || Best astrologer || vedic jyotish || Online jyotish || Phone jyotish ||Janm Kundli || Dainik Rashifal || Saptahik Rashifal || love rashifal

Vedic Jyotish Me Uch Aur Neech Grah

ज्योतिष में उच्च और नीच ग्रह, उच्च और नीच ग्रह का प्रभाव और महत्त्व वैदिक ज्योतिष में, uch aur neech grah kab hote hain kundli mai.

वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली को पढ़ते समय एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारक को ध्यान में रखा जाता है और अर्थात् विभिन्न घरों में उच्च और नीच ग्रहों की उपस्थिति। ऐसा माना जाता है कि यदि कोई ग्रह उच्च का होता है तो जातक या व्यक्ति को अच्छे परिणाम देता है और यदि कोई ग्रह नीच का हो जाता है तो यह व्यक्ति के लिए हानिकारक होता है।
uch aur neech grah se kya hota hai kundli mai
Vedic Jyotish Me Uch Aur Neech Grah

कब कौन सा ग्रह उच्च या नीच का होता है?

सामान्य भाषा में इसे ऐसे समझे की उच्च का मतलब है बहुत ही फायदेमंद ग्रह और नीच अर्थात हानिकारक ग्रह | 
लेकिन यहाँ एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि ग्रह की शक्ति भी महत्वपूर्ण होती है | शक्तिहीन ग्रह का असर हमारे जीवन में ना के बराबर होता है वही शक्तिशाली ग्रह का असर बहुत जबरदस्त देखा जाता है. 
बेस्ट ज्योतिषी भविष्यवाणियां करने से पहले इस सिद्धांत को ध्यान में रखते हैं। उच्च ग्रह जातक के लिए वरदान है जबकि नीच ग्रह व्यक्ति के लिए अभिशाप है।

निम्नलिखित तालिका देखें:

ज्योतिष में ऐसा माना जाता है की अगर कोई ग्रह उच्च का हो जाए तो वह जातक को बहुत फायदा देता है वहीँ अगर कोई ग्रह नीच का हो जाए तो उससे जातक को नुक्सान होता है.

साधारण भाषा में हम ऐसे समझ सकते हैं की उच्च का अर्थ है सकारात्मक ग्रह, अच्छा ग्रह, और नीच ग्रह का अर्थ है नकारात्मक या ख़राब ग्रह.

परन्तु किसी भी निर्णय पर पंहुचने से पहले ये भी ध्यान रखना चाहिए की उस ग्रह की शक्ति कितनी है क्यूंकि शक्तिहीन ग्रह का असर जातक पर बहुत कम होता है.


नीचे देखिये कैसे और कब कौन सा ग्रह उच्च या नीच का होता है?



उच्च नीच ग्रह तालिका
ग्रह किस राशि में उच्च का किस राशि में नीच का
सूर्य मेष तुला
चन्द्रमा वृषभ वृश्चिक
मंगल मकर कर्क
बुध कन्या मीन
गुरु कर्क मकर
शुक्र मीन कन्या
शनि तुला मेष
राहू वृषभ वृश्चिक
केतु वृश्चिक वृषभ

आइये समझते हैं ग्रहों के उच्च – नीच तालिका को:

  1. मेष राशि का सूर्य कुंडली में उच्च का होता है और यदि यह तुला राशि का है तो यह नीच का हो जाता है।
  2. यदि चंद्रमा कुंडली के किसी भी घर में वृष राशि के साथ बैठा है तो यह अतिशक्तिशाली होती है और यदि यह वृश्चिक के साथ बैठा है तो यह ख़राब हो जाता है।
  3. यदि मंगल जन्म कुंडली में मकर राशि के साथ बैठा है तो ये उच्च का हो जाता है और यदि यह कर्क राशि में बैठा है तो इसे नीच का हो जाता है।
  4. यदि बुध कुंडली में कन्या राशि के साथ बैठे तो उच्च का  कहलाता है और मीन राशि में ये नीच का हो जाता है हैं।
  5. कर्क राशि में बृहस्पति सकारात्मक होता है और मकर राशि वाले बृहस्पति को नीच का हो जाता है।
  6. मीन राशि वाला शुक्र उच्च का होता हैं और कन्या राशी का नीच का होता हैं।
  7. शनि तुला राशि में उच्च कहा जाता है और मेष राशि में नीच का होता हैं।
  8. राहु ग्रह वृष राशि में उच्च और वृश्चिक राशि से नीच होता है।
  9. केतु वृश्चिक राशी में उच्च और वृषभ में नीच का होता है ।
एक ज्योतिषी के रूप में, मैंने उन लोगों के दुर्भाग्य को देखा है, जिनकी कुंडली में नीच ग्रह है, इसलिए यदि किसी के कुंडली में यह है तो सबसे अच्छे और अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करके उपायों को अपनाना आवश्यक है।
कुछ लोग ज्योतिष में विश्वास नहीं करते हैं और इन सिद्धांतों का विरोध करते हैं लेकिन जो लोग पीड़ित हैं वे वास्तविक उदाहरण हैं और वे जानते हैं कि ग्रह उनके जीवन को कैसे प्रभावित कर रहे हैं। कुछ लोग नीच ग्रहों के के उपायों का पालन करके अच्छा जीवन जी रहे हैं।
एक महत्वपूर्ण बात यह ध्यान में रखें कि जीवन में समस्या कुंडली में में मौजूद ग्रहों की शक्ति पर निर्भर करता  है। आइए एक उदाहरण लेते हैं, यदि ग्रह पूर्ण शक्ति में है अर्थात कुंडली में 15 डिग्री पर है और उच्च का है तो यह जीवन पर पूर्ण प्रभाव दिखाएगा सकारात्मक रूप से । जबकि यदि 15 डिग्री में नीच का ग्रह जीवन को नकारात्मक सकारात्मक रूप से बढ़ाएगा।

कुंडली में उच्च और नीच के ग्रह ज्योतिष के अनुसार हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं?

  1. यदि सूर्य कुंडली में उच्च का है तो कोई शक नहीं कि यह एक सफल नेता बनने में मदद करता है, यात्रा को बढ़ाता है, पिता और उच्च अधिकारियों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने में मदद करता है, जीवन में नाम, प्रसिद्धि लाता है। जातक को पैतृक संपत्ति भी आसानी से मिल सकती है। जबकि कुंडली में ख़राब सूर्य के मामले में, यह बहुत संभव है कि जातक को बदनामी की समस्या, कानूनी परेशानी,  पिता और कार्यालय में वरिष्ठों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने में समस्या आदि का सामना करना पड़ सकता है।
  2. चंद्रमा ग्रह हमारे मन का कारक है और इसलिए जन्मकुंडली में नीच चंद्रमा के मामले में जातक अस्थिर मनोदशा से गुजर सकता है। यह भी संभव है कि माँ के साथ संबंध बुरी तरह प्रभावित हो या माँ का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। नीच का चंद्रमा कुछ रोगों को जन्म दे सकता है। जबकि उच्च का होक ये सफल यात्रा, माँ के साथ स्वस्थ संबंध, अच्छी प्रतिरक्षा शक्ति आदि देता है।
  3. मंगल ग्रह का संबंध ताकत, संपत्ति, ऊर्जा से है और उच्च के मंगल के कारण जातक को इन सभी चीजों की प्राप्ति आसानी से हो सकती है, जबकि नीच के मंगल से व्यक्ति को इन चीजों से वंचित होना पड़ सकता है । साथ ही यह छोटे भाइयों और बहनों के साथ संबंधों को प्रभावित कर सकता है।
  4. कुंडली में उच्च का बुध व्यक्ति को बुद्धिमान बनाता है , हीलिंग पावर देता है,  डायनेमिक नेचर देता है, अच्छी कम्युनिकेशन स्किल भी देता है । जबकि नीच का बुध प्रस्तुति कौशल, निर्णय लेने की शक्ति, बहन के साथ संबंध आदि को प्रभावित कर सकता है नकारात्मक तरीके से ।
  5. कुंडली में उच्च का बृहस्पति व्यक्ति को वित्तीय स्थिरता, सकारात्मक आभा, ज्ञान और शिक्षण शक्ति देता है। जबकि कुंडली में नीच का गुरु ग्रह जीवन में संघर्ष को बढ़ा सकते हैं और जीवन में विलासिता से जातक को वंचित कर सकता हैं।
  6. कुंडली में उच्च का शुक्र विलासिता, प्रेमपूर्ण जीवन साथी के साथ जीवन का आनंद लेने में मदद करता है। व्यक्ति पूरी तरह से जीवन का आनंद ले सकता है, यह व्यक्ति को आकर्षक व्यक्तित्व देता है। जबकि ख़राब शुक्र के कारण जातक का व्यक्तिगत जीवन परेशानियों से भरा  हो सकता है.
  7. शनि यदि कुंडली में नीच का हो तो जीवन संघर्ष, कानूनी अड़चनो से भरा हुआ हो जाता है, व्यक्ति को संपत्ति से वंचित करता है, अच्छा स्वास्थ्य, कैरियर में चुनौतियां पैदा करता है। जबकि उच्च का शनि संपत्ति, शक्ति, अच्छा निर्णय लेने की क्षमता आदि प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
  8. नीच का राहु और केतु जीवन को निराशा, बीमारियां, असामान्य गतिविधियों, अचानक स्वास्थ्य और वित्तीय हानि आदि से भर सकते हैं, जबकि उच्च का राहु और केतु अचानक लाभ, आध्यात्मिक ऊर्जा अर्थात् सिद्धियां, मोक्ष आदि दे सकते हैं।
एक वाक्य में हम ऐसे समझ सकते हैं की अच्छे ग्रह जीवन को खुशियों से भर सकते हैं वही नीच ग्रहों के कारण जीवन में दु:ख, संघर्ष, बीमारियां, आती है. 
जीवन को बाधाओं से मुक्त बनाने के लिए ज्योतिषी से सलाह लेकर अच्छे उपायों को अपनाना बहुत आवश्यक है।

कब लोगों को उच्च और नीच ग्रह का अधिकतम प्रभाव महसूस होता है?

यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न है और प्रत्येक व्यक्ति को विशिष्ट अवधि के दौरान जीवन में अधिकतम परिवर्तन महसूस होते हैं और उस अवधि को ज्योतिष में महादशा और अन्तर्दशा के रूप में जाना जाता है। महादशा विशिष्ट ग्रह की मुख्य अवधि है जबकि अन्तर्दशा उसके अन्दर कम समय तक चलने वाली अवधि है।
यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि उच्च ग्रह का अर्थ है मजबूत ग्रह जो जीवन में मजबूत सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करेगा अगर यह शक्तिशाली है | इसका प्रभाव ग्रह की शक्ति अनुसार दिखाई देगा |
इसी प्रकार नीच ग्रह का अर्थ है ख़राब ग्रह जो उस ग्रह के अंश के अनुसार शक्तिशाली होने पर व्यक्ति पर नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करेगा। इसलिए कुंडली पढ़ते समय उपरोक्त अवधारणा को ध्यान में रखना अच्छा है। जीवन में समस्याएं, जीवन के कष्ट, दुर्भाग्य उच्च या नीच ग्रहों का परिणाम हो सकते हैं।

ख़राब या सकारात्मक ग्रहों से जीवन कैसे प्रभावित होता है?

अगर हम यह जांचना चाहते हैं कि जीवन का कौन सा भाग उच्च या नीच ग्रह के कारण सबसे अधिक प्रभावित होता है, तो ग्रह की स्थिति और स्थान की जाँच करना आवश्यक है यानी किस घर में ग्रह उच्च या अस्त हो रहा है। उदाहरण के लिए यदि सूर्य 10 वें घर में उच्च राशि का है तो सरकारी नौकरी, पैतृक संपत्ति, नाम, प्रसिद्धि इत्यादि प्राप्त करने में मदद मिल सकती है, लेकिन यदि यह 12 घर में उच्च हो रहा है तो व्यक्ति यात्रा, आध्यात्मिक गतिविधियों आदि में बहुत अधिक खर्च कर सकता है।



ज्योतिष में उच्च और नीच ग्रह, उच्च और नीच ग्रह का प्रभाव और महत्त्व वैदिक ज्योतिष में, Read in English about Exalted and Debilitated planet in horoscopeuch aur neech grah kab hote hain kundli mai.

टिप्पणियाँ

Follow on Facebook For Regular Updates

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Mrityunjay Sanjeevani Mantra Ke Fayde

MRITYUNJAY SANJEEVANI MANTRA , मृत्युंजय संजीवनी मन्त्र, रोग, अकाल मृत्यु से रक्षा करने वाला मन्त्र |  किसी भी प्रकार के रोग और शोक से बचाता है ये शक्तिशाली मंत्र |  रोग, बुढ़ापा, शारीरिक कष्ट से कोई नहीं बचा है परन्तु जो महादेव के भक्त है और जिन्होंने उनके मृत्युंजय मंत्र को जागृत कर लिए है वे सहज में ही जरा, रोग, अकाल मृत्यु से बच जाते हैं |  आइये जानते हैं mrityunjaysanjeevani mantra : ऊं मृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतम जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः।। Om mriyunjay mahadev trahimaam sharnagatam janm mrityu jara vyadhi peeditam karm bandanah || मृत्युंजय संजीवनी मंत्र का हिंदी अर्थ इस प्रकार है : है कि हे मृत्यु को जीतने वाले महादेव मैं आपकी शरण में आया हूं, मेरी रक्षा करें। मुझे मृत्यु, वृद्धावस्था, बीमारियों जैसे दुख देने वाले कर्मों के बंधन से मुक्त करें।  Mrityunjay Sanjeevani Mantra Ke Fayde आइये जानते हैं मृत्युंजय संजीवनी मंत्र के क्या क्या फायदे हैं : भोलेनाथ दयालु है कृपालु है, महाकाल है अर्थात काल को भी नियंत्रित करते हैं इसीलिए शिवजी के भक्तो के लिए कु

om kleem kaamdevay namah mantra ke fayde in hindi

कामदेव मंत्र ओम क्लीं कामदेवाय नमः के फायदे,  प्रेम और आकर्षण के लिए मंत्र, शक्तिशाली प्रेम मंत्र, प्रेम विवाह के लिए सबसे अच्छा मंत्र, सफल रोमांटिक जीवन के लिए मंत्र, lyrics of kamdev mantra। कामदेव प्रेम, स्नेह, मोहक शक्ति, आकर्षण शक्ति, रोमांस के देवता हैं। उसकी प्रेयसी रति है। उनके पास एक शक्तिशाली प्रेम अस्त्र है जिसे कामदेव अस्त्र के नाम से जाना जाता है जो फूल का तीर है। प्रेम के बिना जीवन बेकार है और इसलिए कामदेव सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका आशीर्वाद जीवन को प्यार और रोमांस से भरा बना देता है। om kleem kaamdevay namah mantra ke fayde in hindi कामदेव मंत्र का प्रयोग कौन कर सकता है ? अगर किसी को लगता है कि वह जीवन में प्रेम से वंचित है तो कामदेव का आह्वान करें। यदि कोई एक तरफा प्रेम से गुजर रहा है और दूसरे के हृदय में प्रेम की भावना उत्पन्न करना चाहता है तो इस शक्तिशाली कामदेव मंत्र से कामदेव का आह्वान करें। अगर शादी के कुछ सालों बाद पति-पत्नी के बीच प्यार और रोमांस कम हो रहा है तो इस प्रेम मंत्र का प्रयोग जीवन को फिर से गर्म करने के लिए करें। यदि शारीरिक कमजोरी

Rinmukteshwar mahadev mantra Ke fayde

कर्ज मुक्ति के लिए महादेव का शक्तिशाली मंत्र |  Rin Mukteshwar Mahadev Mantra | spell to overcome from debt, कहाँ पर है ऋण मुक्तेश्वर मंदिर ?, कर्ज बढ़ने के ज्योतिषीय कारण | ये मंत्र आर्थिक समस्याओं को दूर करने में बहुत मददगार है, किसी भी प्रकार के ऋण से छुटकारा दिलाने में मदद करता है, भगवान् शिव की कृपा को आकर्षित करने का बहुत ही सशक्त और सरल माध्यम है | अगर आपके ऊपर कर्जा बढ़ता जा रहा हो तो ऐसे में ऋणमुक्तेश्वर महादेव की पूजा बहुत लाभदायक है |  Rinmukteshwar mahadev mantra Ke fayde Read in english about Benefits Of RINMUKTESHWAR MANTRA हर महीने जब लेनदार पैसे मांगने आते हैं तो अच्छा नहीं लगता है , स्थिति तब और ख़राब होती है जब की देने के लिए धन नहीं होता है | कर्जा सिर्फ उस व्यक्ति को ही परेशां नहीं करता है जिसने लिया है अपितु पुरे परिवार को शर्मनाक स्थिति से गुजरने के लिए मजबूर करता है अतः जितना जल्दी हो सके कर्जे से बाहर आने की कोशिश करना चाहिए |  आज के इस युग में हर व्यक्ति दिखावटी जीवन जीना चाहता है और इसी कारण एक अंधी दौड़ में शामिल हो गया है | सुख सुविधाओं को एकत्र करने की चाह