Surya Aur Mangal Ki Yuti Ka Fal Kya Hoga, 🌞🔥 सूर्य–मंगल युति : 16 दिसंबर (धनु राशि), 12 Rashiyo par prabhav, Jyotish Updates. Surya Aur Mangal Ki Yuti : 16 दिसंबर को धनु राशि में सूर्य और मंगल की युति बन रही है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य आत्मबल, नेतृत्व और आत्मसम्मान का कारक है, जबकि मंगल साहस, ऊर्जा और क्रोध का प्रतीक है। इन दोनों ग्रहों का मिलन तेज, उग्र और कर्मशील ऊर्जा देता है। यह युति आगे बढ़ने की शक्ति देती है, लेकिन अहंकार और जल्दबाजी भी बढ़ा सकती है। Surya Aur Mangal Ki Yuti Ka Fal Kya Hoga Watch On YouTube आइये जानते हैं 12 राशियों पर क्या प्रभाव होगा सूर्य और मंगल की युति का ? ♈ मेष राशि यह युति आपकी नवम भाव में होगी। भाग्य, धर्म, शिक्षा और यात्राओं में रुचि बढ़ेगी। आत्मविश्वास बढ़ेगा और सही प्रयासों से सफलता मिल सकती है। नकारात्मक रूप में पिता, गुरु या वरिष्ठों से मतभेद हो सकते हैं। अपने विचार दूसरों पर थोपने से बचें। ♉ वृषभ राशि : Surya Aur Mangal Ki Yuti यह युति आपकी अष्टम भाव में प्रभाव डालेगी। अचानक बदलाव, रिसर्च और गुप्त ज्ञान से लाभ संभव...
कैसे बचाए अपने आपको तनाव से, नकारात्मकता से, डर से, ज्योतिष के द्वारा, क्या करे जब नकारात्मक विचार पीछा न छोड़े, जानिए कौन से ग्रह जिम्मेदार है नकारात्मक विचार और निराशा के लिए.
तनाव, डर और नकारात्मक विचार ऐसे ३ मुख्य कारक है जो की किसी भी व्यक्ति के पतन का कारण बन जाते हैं. इनके कारण जातक नकारात्मक निर्णय लेने लगता है और अपने जीवन को असफलता की और धकेल देता है.
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| Kaise Paayen Mukti Bhay se |
आइये जानते हैं की तनाव, नकारात्मक विचार और डर के ज्योतिषीय कारण क्या हो सकते हैं?
इस संसार में ऐसे बहुत से कारण होते हैं जिससे जीवन में डर, चिंता, निराशा आ जाती है परन्तु ज्योतिष में हम ग्रहों को किसी भी घटना का कारण मानते हैं अतः यहाँ हम जानेंगे ज्योतिषीय कारण.
- कुंडली में पहला घर मन से सम्बन्ध रखता है और अगर ये किसी ख़राब ग्रह से प्रभावित हो जाए तो जातक चिंता, निराशा, नकारात्मक विचार से ग्रस्त हो जाता है. जैसे की अगर ख़राब राहू लग्न में हो तो राहू की महादशा में जातक नकारात्मक विचार से जरुर ग्रस्त हो जाता है. जीवन में निराशा और असफलता भी घेर लेती है.
- कुंडली में अगर ग्रहण योग हो तो भी जातक भय, चिंता, नकारात्मक विचार से ग्रस्त हो सकता है.
- अगर कुंडली में लग्न में कोई अच्छा ग्रह हो पर वो कमजोर हो तो भी जातक को अपने मेहनत का फल प्राप्त होने में परेशानी आती है जिससे की दिमाग में चिंता बढ़ने लगती है. ऐसे में सही रत्न धारण करके जीवन को सफल किया जा सकता है.
- ऐसा साधारणतः देखा जाता है की जब किसी शत्रु ग्रह की महादशा चालू होती है तो जातक मानसिक तनाव से गुजरता है, शारीरिक परेशानियों से गुजरता है जिससे भय और नकारात्मक विचार आने लगते हैं.
- कुंडली में अगर सुख स्थान ख़राब हो तो भी जातक को जीवन में बहुत समस्या आती है.
- कभी कभी शत्रु द्वारा और जलने वालो द्वारा काला जादू कर दिया जाता है जिसके कारण भी जीवन में तनाव, उत्पन्न हो जाता है, भय घेर लेता है.
अतः हम ये कह सकते हैं की भय, चिंता, निराशा के लिए कोई एक ग्रह जिम्मेदार नहीं होता है. कोई भी ख़राब ग्रह जीवन में परेशानी उत्पन्न कर सकता है.
आइये जानते है की चिंता, निराशा और डर का जीवन में क्या प्रभाव पड़ सकता है :
- इससे जातक बैचैन रहने लगता है.
- समास्याओ के कारण जातक जीवन में उलझ जाता है और निर्णय नहीं ले पाता है
- ऐसी स्थिति में जातक को सही राह नहीं दिखती है.
- जातक गलत निर्णय लेने लगता है जिससे जीवन में संघर्ष बढ़ जाता है.
- ये पतन का भी कारण बन जाता है.
- व्यक्ति को रोजमर्रा के काम करने में भी परेशानी आती है.
- निराशा और अवसाद के कारण कई प्रकार की स्वास्थ्य परेशानी बढ़ जाती है.
- नकारात्मक निर्णय के कारण आर्थिक परेशानी भी बढ़ जाती है.
- व्यक्ति व्यक्तिगत जीवन भी प्रभावित होता है.
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आइये जानते हैं कैसे मुक्ति पायें भय, चिंता और नकारात्मक विचार से ?
- अगर कोई ग्रह कुंडली में परेशानी उत्पन्न कर रहा हो तो उसके लिए ज्योतिष से उपाय लेना चाहिए.
- उचित रत्नों का प्रयोग करके भी अपने आपको मजबूत किया जा सकता है.
- यन्त्र साधना करके भी नकारात्मकता से मुक्ति पाई जा सकती है.
- रोज ध्यान करके अपनी शक्ति को बढ़ाया जा सकता है.
- रोज मंत्र जप करे, इससे भी नकारात्मकता से बच सकते हैं.
- रोज कुछ खेल खेले और वो भी आउटडोर खेल खेले, इससे तनाव से मुक्ति मिलती है.
- कुछ समय अपने दोस्तों के साथ गुजारे रोज, अपने विचारों का आदान प्रदान करे. इससे भी तनाव, चिंता आदि से मुक्ति मिलती है.
अगर आपको अनावश्यक डर परेशान कर रहा है और राह नहीं दिख रही है तो ज्योतिष से संपर्क करे मार्गदर्शन के लिए.
कैसे बचाए अपने आपको तनाव से, नकारात्मकता से, डर से, ज्योतिष के द्वारा, क्या करे जब नकारात्मक विचार पीछा न छोड़े, जानिए कौन से ग्रह जिम्मेदार है नकारात्मक विचार और निराशा के लिए.

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