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Latest Astrology Updates in Hindi

Shukra Ka Mesh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal

Shukra Ka Mesh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal,  Shukra mesh rashi mai kab jayenge, , शुक्र का राशी परिवर्तन का 12 राशियों पर क्या असर होगा | Shukra ka Gochar Mesh Rashi Mai 2025: 31 May 2025 शनिवार को शुक्र अपने उच्च राशि मीन से निकल के अपने सम राशि मेष में प्रवेश करेंगे, ये परिवर्तन दिन में लगभग 11:16 बजे होगा | यहाँ ध्यान रखने वाली बात ये है की मेष राशि में पहले से ही बुध बैठे हैं जिससे शुक्र और बुध की युति होगी और लक्ष्मीनारायण योग बनेगा.  वैदिक ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह का सम्बन्ध प्रेम, रोमांस, भौतिक सुख सुविधा, विलासिता ग्लेमर, आकर्षण शक्ति आदि से है इसीलिए शुक्र का गोचर हमेशा ही बहुत महत्त्व रखता है |  Shukra Ka Mesh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal Shukra Ka Mesh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal शुक्र जब भी राशि बदलते हैं तो लोगो के व्यक्तिगत जीवन में, कला जगत में, फैशन इंडस्ट्री, ग्लैमर की दुनिया में बहुत बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं | Watch On YouTube आइये जानते हैं की 2025 में शुक्र के मेष राशि में गोचर का असर 12 राशियों पर क्या होने वाला है ? मेष राशिफल : ...

Bhootnath Ashtakam Lyrics With Meaning in Hindi

भूतनाथ अष्टकम्, Bhootnath Ashtakam, Powerful Shiva Prayer for blessings, Divine Mantras. भूतनाथ अष्टकम की रचना श्री कृष्णदास जी महाराज ने की है और इसमें भगवान् शिव के गुणों और शक्तियों का गुणगान किया गया है.   जो भी निष्काम भाव से इस 'भूतनाथ अष्टकम्' का पाठ करता है, वह शिवलोक को प्राप्त होता है। Bhootnath Ashtakam Lyrics With Meaning in Hindi  Lyrics of  BHOOTHNATH ASHTAKAM in sanskrit : शिव शिव शक्तिनाथं संहारं शं स्वरूपम् नव नव नित्यनृत्यं ताण्डवं तं तन्नादम् घन घन घूर्णिमेघं घंघोरं घंन्निनादम् भज भज भस्मलेपं भजामि भूतनाथम् ||1|| Listen Bhoothnath Ashtkam On YouTube कळकळकाळरूपं कल्लोळंकंकराळम् डम डम डमनादं डम्बुरुं डंकनादम् सम सम शक्तग्रिवं सर्वभूतं सुरेशम् भज भज भस्मलेपं भजामि भूतनाथम् ||2|| रम रम रामभक्तं रमेशं रां रारावम् मम मम मुक्तहस्तं महेशं मं मधुरम् बम बम ब्रह्मरूपं बामेशं बं विनाशम् भज भज भस्मलेपं भजामि भूतनाथम् ||3|| हर हर हरिप्रियं त्रितापं हं संहारम् खमखम क्षमाशीळं सपापं खं क्षमणम् द्दग द्दग ध्यानमूर्त्तिं सगुणं धं धारणम् भज भज भस्मलेपं भजामि भूतना...

Shri Baidyanath Ashtkam Lyrics with Hindi Meaning

Shri Baidyanath Ashtakam Lyrics, Baidyanath Ashtakam Hindi Meaning, बैद्यनाथ अष्टकम के फायदे, रोग निवारण मंत्र, शिव पूजा मंत्र. Shri Baidyanath Ashtkam Lyrics with Hindi Meaning: श्री वैद्यनाथ अष्टकम जगतगुरु शंक्रराचार्य जी के द्वारा रचित है और इसका पाठ करके कोई भी व्यक्ति गंभीर रोगों से मुक्त हो सकता है, इसमें भगवान् शिव के शक्तियों का वर्णन करते हुए ये बताया गया है की वे सभी रोगों, दुःख और शोक को समाप्त कर सकते हैं.  आखिर में ये भी वर्णन है की जो भी व्यक्ति इस अष्टकम का दिन में 3 बार पाठ करता है वो  जन्म और मृत्यु के भय से बच जाता है और सभी गंभीर रोगों से मुक्त हो जाता है.  Shri Baidyanath Ashtkam Lyrics with Hindi Meaning YouTube में सुनिए  Lyrics of Vaidyanatha Ashtakam (श्री वैद्यनाथाष्टकम्) in Sanskrit:    श्रीराम सौमित्रि जटायुवॆद- षडाननादित्य कुजार्चिताय । श्री नीलकण्ठाय दयामयाय श्री वैद्यनाथाय नमः शिवाय ॥ १ ॥ गंगाप्रवाहॆन्दु-जटाधराय त्रिलॊचनाय स्मरकालहन्त्रॆ । समस्त दॆवैरपि पूजिताय श्री वैद्यनाथाय नमः शिवाय ॥ २ ॥  Shri Baidyanath Ashtkam...

Shree Hari Sharanaashtakam Lyrics with Hindi Meaning

Shree Hari Sharanaashtakam Lyrics with Hindi Meaning, हरी शरानाष्ट्कम के फायदे, जानिए अर्थ हरी शरण अष्टकम के | Shree Hari Sharanaashtakam Lyrics with Hindi Meaning:  श्री हरि शरण अष्टकम में 8 श्लोक हैं और ये  श्री परमहंस स्वामी ब्रह्मानन्द जी के द्वारा रचित है | इसमें भगवान का गुणगान करते हुए कहा जाता है की वे ही एकमात्र शरण है इस नश्वर दुनिया में |  सभी प्रकार के चिंता, दुःख, यातनाओं से मुक्ति का एक ही हल है और वो है श्री हरी शरण |  Shree Hari Sharanaashtakam Lyrics with Hindi Meaning हरि शरण अष्टकम पाठ के लाभ क्या है : इस दिव्य अष्टक का नियमित पाठ करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है |  हर प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है | जीवन में सुख और सम्पन्नता आती है |  हर प्रकार की चिंता से मुक्ति मिलती है |  Listen On YouTube Lyrics of हरि शरण अष्टकम In Sanksrit -Hari Sharan Ashtakam : ध्येयं वदन्ति शिवमेव हि केचिदन्ये शक्तिं गणेशमपरे तु दिवाकरं वै । रूपैस्तु तैरपि विभासि यतस्त्वमेव तस्मात्त्वमेव शरणं मम दीनबन्धो ।।1।। नो सोदरो न जनको जननी न जा...

Govardhan Ashtkam Lyrics Arth Sahit In Hindi

Govardhan Ashtkam Lyrics Arth Sahit In Hindi,  श्री गोवर्धन अष्टकम अर्थ सहित| इस गीत की रचना गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय के आचार्यों में से एक श्री विश्वनाथ चक्रवर्ती ठाकुर ने की थी। भक्त गोवर्धनाष्टक गाते हैं और भगवान् की कृपा के लिए आवाहन करते हैं | इसके अंतर्गत गोवर्धन पर्वत और भगवन श्री कृष्ण का गुण गान किया गया है | Govardhan Ashtkam Lyrics Arth Sahit In Hindi कृष्णप्रसादेन समस्तशैल साम्राज्यमाप्नोति च वैरिणोऽपि । शक्रस्य यः प्राप बलिं स साक्षा-द्गोवर्धनो मे दिशतामभीष्टम् ॥ १  Govardhan ashtkam for govardhan pooja स्वप्रेष्ठहस्ताम्बुजसौकुमार्य सुखानुभूतेरतिभूमि वृत्तेः । महेन्द्रवज्राहतिमप्यजानन् गोवर्धनो मे दिषतामभीष्टम् ॥ २ ॥ यत्रैव कृष्णो वृषभानुपुत्र्या दानं गृहीतुं कलहं वितेने । श्रुतेः स्पृहा यत्र महत्यतः श्री गोवर्धनो मे दिषतामभिष्टम् ॥ ३ ॥ स्नात्वा सरः स्वशु समीर हस्ती यत्रैव नीपादिपराग धूलिः । आलोलयन् खेलति चारु स श्री गोवर्धनो मे दिषतामभीष्टम् ॥ ४ ॥  Govardhan ashtkam for govardhan pooja कस्तूरिकाभिः शयितं किमत्रे-त्यूहं प्रभोः स्वस्य मुहुर्वितन्वन् । नैस...

Chandrashekhar Ashtkam With Meaning In Hindi

Chandrashekhar Ashtkam With Meaning In Hindi, चन्द्रशेखर अष्टकम के फायदे क्या है, शिव वंदना, अकाल मृत्यु से कैसे बचें ?| भगवान् शिव की भक्ति में रहने वाले महान मार्कंडेय ऋषि ने भगवान शिव की वंदना करते हुए 8 स्त्रोतों की रचना की जिसे की चन्द्रशेखर अष्टकम के नाम से जाना जाता है| चन्द्रशेखर अर्थात जो चन्द्रमा को अपने मस्तक पर मुकुट के रूप में धारण करते हैं | Chandrashekhar Ashtkam With Meaning In Hindi Read in English about Lyrics and meaning of Chandrashekhar Ashtkam आइये जानते हैं की चन्द्रशेखर अष्टकम की रचना मार्कंडेय ऋषि ने कब की : अनेकों प्रयासों के बाद भी जब महर्षि मृकण्डु को संतान की प्राप्ति नही हुई तब उन्होंने भगवान शिव  को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की| ऋषि की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवन शिव ने उन्हें कहा की उनके भाग्य में संतान सुख नहीं है पर उन्होंने ऋषि को 2 विकल्प दिए की उनको एक ज्ञानी पुत्र होगा जिसकी आयु केवल 16 वर्ष की होगी या फिर एक ऐसा पुत्र होगा जो कम ज्ञानी होगा पर दीर्घायु होगा | ऋषि मृकण्डु ने अल्पायु किन्तु ज्ञानवान पुत्र का चयन किया|  Chand...

Madhurashtkam Lyrics in Sanskrit With Meaning in Hindi

मधुराष्टकम के बोल, Meaning of madhurashtakam in hindi, Lyrics in Sanskrit| भगवन श्री कृष्ण के परमप्रिय भक्त महाप्रभु श्रीवल्लभाचार्य जी मधुराष्टकं की रचना की है | इसमें 8 श्लोक है इसीलिए इसे अष्टकम की श्रेणी में रखा गया है | इसमें श्रीकृष्ण के बालरूप का वर्णन किया गया है। श्रीकृष्ण के प्रत्येक अंग, गतिविधि एवं क्रिया-कलाप मधुर है, और उनके संयोग से अन्य सजीव और निर्जीव वस्तुएं भी मधुरता को प्राप्त कर लेती हैं।  तो आइये इसका आनंद लेते हैं madhurashtkam का | Madhurashtkam Lyrics in Sanskrit With Meaning in Hindi Lyrics of MADHURASHTKAM: अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरं । हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥१॥ वचनं मधुरं चरितं मधुरं वसनं मधुरं वलितं मधुरं । चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥२॥ Listen On YouTube वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुरः पाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ । नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥३॥ गीतं मधुरं पीतं मधुरं भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरं । रूपं मधुरं तिलकं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥४॥ करणं मधुरं तरणं मधुरं हरणं मधुरं र...

Shree Ganesh Ashtkam benefits in Hindi

श्री गणेश अष्टकम लाभ हिंदी में, श्री गणेशाष्टकम् - हिंदी अर्थ और संस्कृत गीत के साथ, shree ganesh ashtak benefits in hindi with lyrics . गणेश अष्टकम हिन्दुओं में बहुत लोकप्रिय है |  यह गणपति अष्टकम भगवान गणेश के आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक शक्तिशाली तरीका है। इसमें आठ श्लोक हैं जो भगवान गणेश की महानता और सभी देवताओं के बीच उनकी अद्वितीय सर्वोच्चता का गुणगान करते हैं। यह श्री गणेश अष्टकम भक्तो द्वारा गणपति के अनुष्ठान पूजा और प्रार्थना के लिए उपयोग किया जाता है। Ganesh Ashktam (गणेश अष्टकम) के लाभ: इस अष्टकम का जाप करने से सफलता, समृद्धि और विपत्ति से सुरक्षा मिलती है। इस शक्तिशाली अष्टकम के फलश्रुति में इसके लाभ बताये गए हैं - जो मनुष्य 3 दिनों तक तीनों संध्याओं के समय इस स्तोत्र का पाठ करेगा उसके सारे कार्य सिद्ध हो जाएंगे | जो 8 दिनों तक इन 8 श्लोकों का एक बार पाठ करेगा और चतुर्थी तिथि को आठ बार स्त्रोत्र का पाठ करेगा वह आठों सिद्धियों को प्राप्त कर लेगा | जो 1 माह तक प्रतिदिन 10-10 बार इस स्तोत्र का पाठ करेगा वह कारागार में बंधे हुए तथा राजा के द्वारा मृत्यु दंड पा...

Shivashtak Benefits In Hindi with Lyrics

शिवाष्टकम् के बोल, शिवाष्टक के लाभ, शिवाष्टक स्तोत्रं, महादेव की कृपा के उपाय, Shivashtak Meaning in Hindi| शिवाष्टकम भगवान शिव की स्तुति में लिखा गया है और इसका पाठ करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। जो लोग प्रतिदिन प्रातःकाल त्रिशूलधारी शिव की भक्तिपूर्वक इस स्तुति का जाप करते हैं, उन्हें इस जीवन में सभी सुख प्राप्त होते हैं तथा मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। Shivashtak Benefits In Hindi with Lyrics पढ़िए शिवजी के १०८ दुर्लभ मंत्र जपने के फायदे  शिवाष्टकम का पाठ करने के लाभ हैं: शांति और समृद्धि: कहा जाता है कि शिवाष्टकम का पाठ करने से पाठ करने वाले के जीवन में शांति और समृद्धि आती है। भगवान शिव का आशीर्वाद: कहा जाता है कि शिवाष्टकम का पाठ करने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इच्छाओं की पूर्ति: कहा जाता है कि शिवाष्टकम का पाठ करने से पाठ करने वाले की इच्छाएं पूरी होती हैं। पापों से मुक्ति: कहा जाता है कि शिवाष्टकम का पाठ करने से पाठ करने वाले को पापों से मुक्ति मिलती है। मोक्ष: कहा जाता है कि शिवाष्टकम का पाठ करने से पाठ करने वाले को मोक्ष, य...

kaalbhairav ashtkam ke fayde

कालभैरव अष्टकम संस्कृत में, कालभैरव अष्टकम के क्या लाभ हैं, काल भैरव अष्टकम का हिंदी अर्थ, kaalbhairav ashtkam with hindi meaning। आदि शंकराचार्यजी द्वारा रचित श्री कालभैरव अष्टकम एक बहुत शक्तिशाली पाठ है जिसके द्वारा शिव के उग्र रूप को प्रसन्न किया जा सकता है। अष्टकम में आठ श्लोक हैं। ये भजन बहुत शक्तिशाली हैं और दैवीय शक्तियों का आह्वान करते हैं। भगवान भैरव काले रंग के हैं और खोपड़ी की माला पहनते हैं। सर्प उनके आभूषण हैं; अनिष्ट शक्तियों को नष्ट करने के लिए उनके पास 3 नेत्र और अस्त्र हैं । ज्योतिषी जीवन की विभिन्न समस्याओं को दूर करने के लिए इस दिव्य मंत्र का जाप करने की सलाह देते हैं। kaalbhairav ashtkam ke fayde भगवान कालभैरव से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु: कुत्ता बाबा कालभैरव का वाहक है। वह भगवान शिव का उग्र रूप है वह मृत्यु और समय को नियंत्रित करता है। कलयुग में भगवान भैरव की पूजा का बहुत ही शीघ्र फल मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान कालभैरव भारत में काशी के स्वामी हैं। योगी आज्ञा चक्र पर कालभैरव का ध्यान करते हैं। कालभैरव अष्टकम का पाठ करने के क्या लाभ ह...

Yamashtkam Ke Fayde aur Lyrics

 यम अष्टक स्तोत्र, यमाष्टकम्,  Yama Ashtkam with lyrics , Way To worship  God of Death. बड़े से बड़े पाप और परेशानियों से बचने के लिए यम अष्टकम का पाठ किया जा सकता है | ये एक दिव्य अष्टक है जो मृत्यु के देवता यम की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है |  जो मनुष्य नित्य प्रात: काल yamashtkam के श्लोकों का पाठ करता है, वह पापों से मुक्त हो जाता है और मृत्यु के भय से भी मुक्त हो जाता है। यमराज सूर्य के पुत्र हैं और शनिदेव के भाई हैं । ये मृत्यु के देवता है इसीलिए लोग इनसे भयभीत रहते हैं |  Yamashtkam Ke Fayde aur Lyrics Lyrics Of Yamashtkam in Sanskrit: ||यमाष्टकम् || सावित्री उवाच तपसा धर्ममाराध्य पुष्करे भास्करः पुरा | धर्मं सूर्यः सुतं प्राप धर्मराजं नमाम्यहम् ||१|| समता सर्वभूतेषु यस्य सर्वस्य साक्षिणः | अतो यन्नाम शमनं इति तं प्रणमाम्यहम् ||२|| येनान्तश्च कृतो विश्वे सर्वेषां जीविनां परम् | कर्मानुरूपं कालेन तं कृतान्तं नमाम्यहम् ||३|| भिभर्ति दण्डं दण्डाय पापिनां शुद्धिहेतवे | नमामि तं दण्डधरं यश्शास्ता सर्वजीविनाम् ||४|| विश्वं च कलयत्येव यस्सर्वेषु च स...

Vishnu Strotram Ke Fayde With Lyrics Hindi Meaning

Vishnu Strotram with Lyrics | विष्णु स्त्रोत्रम का अर्थ हिंदी में  | Shree Hari Strotram |श्री हरि स्तोत्रम | श्री हरि स्त्रोत्रम का पाठ वैसे तो रोज करना चाहिए पर जो लोग रोज नहीं कर सकते हैं उन्हें बृहस्पतिवार को तो करना ही चाहिए |  इसके अलावा ग्यारस/एकादशी और पूर्णिमा को भी करना चाहिए |  पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ इस अष्टक का पाठ करने से भक्त को भगवन विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और वैकुण्ठ की प्राप्ति होती है |  व्यक्ति का दुर्भाग्य दूर होता है और सफलता जीवन में आती है |  विष्णु जी को तुलसी, पीले रंग की मिठाई, पीले फल चढ़ाने चाहिए |  Vishnu Strotram Ke Fayde With Lyrics Hindi Meaning Read In English About Vishnu Ashtakam Benefits and Meaning Lyrics of Vishnu Strotram: जगज्जाल पालम् कचत् कण्ठमालं शरच्चन्द्र भालं महादैत्य कालम्।  नभो-नीलकायम् दुरावारमायम् सुपद्मा सहायं भजेऽहं भजेऽहं ||1||  सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासम् जगत्सन्निवासं शतादित्यभासम्।  गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीत-वस्त्रं हसच्चारु-वक्रं भजेऽहं भजेऽहं ||2|| रमाकण्ठहारं श्रु...