Shree Vishnu Ashtottara Shat Naam Stotram With Hindi Meanings, जानिए क्या फायदे हैं श्री विष्णु अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र के, विष्णु पूजा मंत्र. "श्री विष्णु अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र" एक दिव्य पापहारी स्तोत्र है। जो व्यक्ति प्रातःकाल इसका पाठ करता है, वह मनुष्य समस्त पापों से शुद्ध होकर भगवान् विष्णु के साथ एकाकार हो जाता है। हज़ार चान्द्रायण व्रत और सौ कन्यादानों के फल के बराबर फल प्राप्त करता है। लाखों गायों के दान का फल और अश्वमेध यज्ञों के पुण्य के बराबर फल उसे प्राप्त होता है। इसके पाठ से मनुष्य मुक्तिप्राप्ति का अधिकारी बनता है। Shree Vishnu Ashtottara Shat Naam Stotram With Hindi Meanings सुनिए YouTube में श्री विष्णु अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र Lyrics: नारद उवाच । ॐ वासुदेवं हृषीकेशं वामनं जलशायिनम् । जनार्दनं हरि कृष्णं श्रीवक्षं गरुडध्वजम् ॥१॥ वाराहं पुण्डरीकाक्षं नृसिंहं नरकान्तकम् । अव्यक्तं शाश्वतं विष्णुमनन्तमजमव्ययम् ॥२॥ नारायणं गदाध्यक्षं गोविन्दं कीर्तिभाजनम् । गोवर्धनोद्धरं देवं भूधरं भुवनेश्वरम् ॥३॥ वेत्तारं यज्ञपुरुषं यज्ञेशं यज्ञवाहकम् । चक्रपाणिं ग...
कौन से रत्न एक साथ नहीं पहनने चाहिए?, कौन से रत्न एक साथ पहन सकते हैं?, मित्र रत्न कौन से हैं ?, जन्म राशि के अनुसार कौन सा रत्न धारण कर सकते हैं ?, Kaun Se Ratn Saath Mai Nahi Pahanna Chahiye, Rashi ratno ki jaankari | ज्योतिष प्रेमियों के लिए एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण प्रश्न ये है की कौन से राशि रत्न साथ में पहन सकते हैं या फिर किन रत्नों को साथ में नहीं पहन सकते हैं | ऐसे बहुत से लोग है जो की अपने सभी उंगलियों में रत्न धारण करते हैं परन्तु रत्न ग्रहों से जुड़े होते हैं और अपने आप में बहुत शक्तिशाली होते हैं | जहाँ सही रत्न जीवन को सकारात्मक रूप से बदल सकता है वहीँ अशुभ रत्न जीवन को बर्बाद कर सकता है | अगर हम शत्रु ग्रहों के रत्नों को साथ में धारण करेंगे तो नुकसान हो सकता है, बीमारियाँ हो सकती है, मानसिक विकार भी हो सकता है | Kaun Se Ratn Saath Mai Nahi Pahanna Chahiye आइये पहले जानते हैं की रत्न क्यों पहनते हैं ? कुंडली में कमजोर ग्रह को मजबूत करने के लिए रत्न धारण किया जाता है | शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढाने के लिए रत्नों को धारण किया जाता है ...