Guru purnima kab hai 2025, Guru Poornima Importance In Hindi, गुरु पूर्णिमा का महत्तव हिन्दी में, क्या करे गुरु पूर्णिमा को. Guru Purnima 2025: गुरु पूर्णिमा एक हिंदू त्योहार है और इस दिन हम शिक्षक और आध्यात्मिक गुरुओं का सम्मान करते हैं | यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। "गुरु" शब्द संस्कृत के शब्द "गु" से आया है जिसका अर्थ है "अंधकार" और "रु" का अर्थ है "दूर करना।" इसलिए गुरु वह होता है जो अज्ञानता के अंधकार को दूर करते है और हमें सत्य का प्रकाश देखने में मदद करते है। हिंदू धर्म में, गुरु पूर्णिमा हमारे सभी जीवित और ब्र्हम्लीन गुरुओं का सम्मान करने का समय है। हम उनके मार्गदर्शन और शिक्षाओं के लिए अपना आभार व्यक्त करते हैं, और उनके निरंतर आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। गुरु पूर्णिमा पर, लोग आमतौर पर अपने गुरुओं से मिलते हैं, उनका पूजन करते हैं, उन्हें उपहार देते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं | यह उन लोगों को याद करने का दिन है जिन्होंने हमें बढ़ने और सीखने में मदद की है,...
Vivah Bandhan Dosh ka Samadhan, विवाह बंधन दोष के उपाय , शादी में देरी के कारण और शीघ्र शादी के उपाय | कुछ लोग ऐसे है जिनके पास हर तरह की खूबियाँ हैं, लायक है, धन की कमी नहीं है, शरीर भी अच्छा है परन्तु एक अच्छा जीवन साथी नहीं मिल रहा है | ऐसे लोगो के माता पिता और रिश्तेदार भी योग्य जीवन साथी की तलाश में घूमते रहते हैं परन्तु सफलता नहीं मिल पाती है | इसके कारण चिंता बनी रहती है | कभी कुंडली मिलान नहीं होता है तो कभी परिवार नहीं जमता है तो कहीं वैचारिक मतभेद के कारण रिश्ते नहीं हो पाते हैं | Vivah Bandhan Dosh ka Samadhan सबकुछ होते हुए भी सही जीवन साथी नहीं मिलने के बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे : जन्म कुंडली में विवाह स्थान का दूषित होना | सप्तम भाव पर किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि होना | कुंडली के सुख स्थान में अशुभ ग्रहों का बैठना | विवाह स्थान के स्वामी का अत्यंत कमजोर होना | किसी का श्राप होना | विवाह स्थान पर पितृ दोष बनना | विवाह स्थान में ग्रहण दोष बनना | इसके अलावा नवमांश कुंडली में सुख भाव और विवाह भाव का दूषित होना भी शादी में अड़चने पैदा करता है |...