Guru purnima kab hai 2025, Guru Poornima Importance In Hindi, गुरु पूर्णिमा का महत्तव हिन्दी में, क्या करे गुरु पूर्णिमा को. Guru Purnima 2025: गुरु पूर्णिमा एक हिंदू त्योहार है और इस दिन हम शिक्षक और आध्यात्मिक गुरुओं का सम्मान करते हैं | यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। "गुरु" शब्द संस्कृत के शब्द "गु" से आया है जिसका अर्थ है "अंधकार" और "रु" का अर्थ है "दूर करना।" इसलिए गुरु वह होता है जो अज्ञानता के अंधकार को दूर करते है और हमें सत्य का प्रकाश देखने में मदद करते है। हिंदू धर्म में, गुरु पूर्णिमा हमारे सभी जीवित और ब्र्हम्लीन गुरुओं का सम्मान करने का समय है। हम उनके मार्गदर्शन और शिक्षाओं के लिए अपना आभार व्यक्त करते हैं, और उनके निरंतर आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। गुरु पूर्णिमा पर, लोग आमतौर पर अपने गुरुओं से मिलते हैं, उनका पूजन करते हैं, उन्हें उपहार देते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं | यह उन लोगों को याद करने का दिन है जिन्होंने हमें बढ़ने और सीखने में मदद की है,...
सांसारिक प्रलोभनों का जाल, कैसे मनुष्य नश्वर वस्तुओं का आनंद लेते हुए आखरी में पछताता है?, कैसे छला जाता है मनुष्य इस दुनिया में. sansarik jaal ||श्री गुरु देव शरणम् || संसार एक ऐसी मायावी दुनिया है जहाँ मनुष्य ने अपनी कल्पनाओं को साकार करते हुए अपने आपको उलझा रखा है और अपने आप से ही दूर हो गया है. इंसान इस दुनिया में आता तो अकेला ही है और खाली हाथ भी, परन्तु इस दुनिया में प्रवेश करते ही वो ना-ना प्रकार के प्रलोभनों में फंसता चला जाता है. बचपन में खिलौने और पढ़ाई, युवा अवस्था में ताकत हासिल करना, विवाह करना, काम क्रीड़ा का आनंद लेना, बच्चे पैदा करना, नौकरी करना, अपने स्टेटस को बढ़ाना, ऐशो आराम की चीजो को बढ़ाते रहना आदि और इस प्रकार पूरा जीवन कब निकल जाता है पता ही नहीं चलता है. बुढ़ापे में या तो बिस्तर पकड़ के अपनी आखरी सांस की प्रतीक्षा करता है या फिर अपने बच्चो की सेवा चाकरी में लगा रहता है. समय निकलने के बाद पता चलता है की “माया मिली ना राम” भगवान् की सारी रचनाओं में से सिर्फ इंसान ही ऐसी रचना है जिसके पास अथाह शक्ति है, विवेक है. इंसान ने अपनी साधना, तपस्याओ द्वारा...