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Shree Vishnu Ashtottara Shat Naam Stotram With Hindi Meanings

Shree Vishnu Ashtottara Shat Naam Stotram With Hindi Meanings, जानिए क्या फायदे हैं श्री विष्णु अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र के, विष्णु पूजा मंत्र.   "श्री विष्णु अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र"  एक दिव्य पापहारी स्तोत्र है। जो व्यक्ति प्रातःकाल इसका पाठ करता है, वह मनुष्य समस्त पापों से शुद्ध होकर भगवान् विष्णु के साथ एकाकार हो जाता है। हज़ार चान्द्रायण व्रत और सौ कन्यादानों के फल के बराबर फल प्राप्त करता है। लाखों गायों के दान का फल और अश्वमेध यज्ञों के पुण्य के बराबर फल उसे प्राप्त होता है। इसके पाठ से मनुष्य मुक्तिप्राप्ति का अधिकारी बनता है। Shree Vishnu Ashtottara Shat Naam Stotram With Hindi Meanings सुनिए YouTube में  श्री विष्णु अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र Lyrics: नारद उवाच । ॐ वासुदेवं हृषीकेशं वामनं जलशायिनम् । जनार्दनं हरि कृष्णं श्रीवक्षं गरुडध्वजम् ॥१॥ वाराहं पुण्डरीकाक्षं नृसिंहं नरकान्तकम् । अव्यक्तं शाश्वतं विष्णुमनन्तमजमव्ययम् ॥२॥ नारायणं गदाध्यक्षं गोविन्दं कीर्तिभाजनम् । गोवर्धनोद्धरं देवं भूधरं भुवनेश्वरम् ॥३॥ वेत्तारं यज्ञपुरुषं यज्ञेशं यज्ञवाहकम् । चक्रपाणिं ग...

Guru Poornima Importance In Hindi

Guru purnima kab hai 2025,  Guru Poornima Importance In Hindi, गुरु पूर्णिमा का महत्तव हिन्दी में, क्या करे गुरु पूर्णिमा को.

Guru Purnima 2025: 
गुरु पूर्णिमा एक हिंदू त्योहार है  और इस दिन हम शिक्षक और आध्यात्मिक गुरुओं का सम्मान करते हैं |  यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़  महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।

"गुरु" शब्द संस्कृत के शब्द "गु" से आया है जिसका अर्थ है "अंधकार" और "रु" का अर्थ है "दूर करना।" इसलिए गुरु वह होता है जो अज्ञानता के अंधकार को दूर करते है और हमें सत्य का प्रकाश देखने में मदद करते है।

हिंदू धर्म में, गुरु पूर्णिमा हमारे सभी जीवित और ब्र्हम्लीन गुरुओं का सम्मान करने का समय है। हम उनके मार्गदर्शन और शिक्षाओं के लिए अपना आभार व्यक्त करते हैं, और उनके निरंतर आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं।

गुरु पूर्णिमा पर, लोग आमतौर पर अपने गुरुओं से मिलते हैं, उनका पूजन करते हैं, उन्हें उपहार देते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं | 

यह उन लोगों को याद करने का दिन है जिन्होंने हमें बढ़ने और सीखने में मदद की है, और उनकी शिक्षाओं के लिए अपना आभार व्यक्त करने का दिन है। Guru Purnima 2025


2025 में 10 जुलाई , गुरुवार को  गुरु पूर्णिमा मनाया जाएगा |
पूर्णिमा तिथि शुरू होगी 10 तारीख को तडके लगभग 1:39 बजे  और 11 तारीख को तडके लगभग 2:06 बजे तक रहेगी |

Guru purnima kab hai 2025,  Guru Poornima Importance In Hindi, गुरु पूर्णिमा का महत्तव हिन्दी में, क्या करे गुरु पूर्णिमा को.
Guru Purnima 2025



हम सभी जानते हैं की हर साल भारत में गुरु पूर्णिमा बहुत ही उल्लास के साथ मनाया जाता है परन्तु इसका महत्तव बहुत ही कम लोग जानते हैं, आइये जानते हैं कुछ ख़ास बाते गुरु पूर्णिमा के ऊपर.

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्व रः ।
गुरु साक्षात्‌ परब्रह्म तस्मै श्रीगुरुवे नमः ॥

हमे ये श्लोक पढाया जाता है शुरू से ही , इसका मतलब है “गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु है , गुरु ही महेश्वर है और गुरु ही साक्षात् भगवान् है इसीलिए गुरुदेव को नमस्कार है ”. Guru Purnima 2025


गुरु के बिना संसार की कल्पना भी संभव नहीं है, कई अध्यात्मिक साधको से मिलके ये पता चलता है की गुरु मिलने के बाद ही उनको वास्तव में जीवन का रहस्य समझ में आया, गुरु मिलने के बाद ही उनको उनके जन्म का कारण समझ आया, गुरु मिलने के बाद ही उनको उनके शक्ति का परिचय मिला.

हमलोगों ने भगवान् को तो नहीं देखा परन्तु हम लोगो को जो शिक्षा देते हैं उनको हम जरुर जानते हैं इसी कारण हमे अपने गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए.

गुरु पूर्णिमा वास्तव में मनाया जाता है “व्यास ऋषि” के सम्मान में जिन्होंने संसार को ये बताया था की वास्तव में गुरु का महत्तव क्या है और उनकी शक्ति क्या होती है. इसी कारण गुरु पूर्णिमा को “व्यास पूर्णिमा ” के नाम से भी जाना जाता है. उनके ही प्रेरणा से अषाढ़ मास की पूर्णिमा को समस्त गुरुजनों के पूजन के लिए मनाया जाने लगा.

इस दिन चन्द्रमा की अभा भी देखते बनती है और सब उनके दिव्य शीतलता का अनुभव करते हैं | ये चातुर्मास के शुरू होने का संकेत भी देता है, ये साधना के लिए उपयुक्त वातावरण के निर्माण होने का संकेत भी देता है. Guru Purnima 2025

व्यास ऋषि ने कई ग्रन्थ लिखे है जिनमे से महाभारत के बारे में सभी जानते हैं. उनके द्वारा लिखे ग्रंथो को पढने से जीवन जीने की कला सीखने को मिलती है.

अगर गुरु न हो तो संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है, अगर गुरु न हो तो हमे पढ़ायेगा कौन और हमे सिखाएगा कौन. इसीलिए गुरु का सम्मान जरुर करना चाहिए.

शिष्य सफलता तभी प्राप्त करंता है जब कोई गुरु उस पर खुश हो जाए जैसे की अर्जुन अपने गुरु की कृपा से विश्व के सबसे अच्छे तीरंदाज बने, स्वामी विवेकानंदा अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस के आशीर्वाद से पूरे विश्व में प्रसिद्ध हुए. Guru Purnima 2025

गुरु का अर्थ होता है वो व्यक्ति जो की किसी को अन्धकार से बहार निकालने के रास्ता दिखाए, गुरु का अर्थ है ऐसे कोई जो हमे सिखाये क्या अच्छा है और क्या बुरा, कैसे हमे जीवन जीना चाहिए, क्या करना चाहिए और कैसे.

आइये जानते हैं की गुरु पूर्णिमा 2025 को ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी गोचर कुंडली में ?

  1. सूर्य अपने सम राशि मिथुन में रहेंगे |
  2. चंद्रमा अपने सम राशी धनु में रहेंगे |
  3. मंगल अपने मित्र राशी सिंह में रहेंगे |
  4. बुध अपने शत्रु राशी कर्क में रहेंगे |
  5. गुरु अपने शत्रु राशी मिथुन में रहेंगे |
  6. शुक्र स्व राशि वृषभ में रहेंगे |
  7. शनि सम राशि मीन में रहेंगे |
  8. राहू अपने मित्र राशि कुम्भ में रहेंगे.
  9. केतु अपने शत्रु राशि सिंह में रहेंगे.

Guru Purnima Importance In Hindi, गुरु पूर्णिमा का महत्तव हिन्दी में, क्या करे गुरु पूर्णिमा को.

क्या करना चाहिए गुरु पूर्णिमा को?

  1. गुरु पूर्णिमा के दिन जिनसे भी हमे ज्ञान मिला है उनको सम्मान देना चाहिए, श्रीफल भेट करना चाहिए और दक्षिणा देके उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए| 
  2. गुरु पूर्णिमा के दिन जो सब के गुरु है वो है शिव भगवान् , उनका अभिषेक पंचामृत से करना शुभ होता है  साथ ही शिव मंदिर में क्षमता अनुसार शिव भक्तो में प्रसाद का वितरण करना चाहिए. 
  3. अगर कोई भी परेशानी हो तो गुरु से निर्भय होक बात करनी चाहिए और समाधान के लिए पार्थना करना चाहिए.
  4. जो दीक्षित है उनको अपने गुरु का ध्यान उनका पाद वंदन करना चाहिए. 
गुरु का ध्यान सर्वोपरी माना जाता है, गुरु की पूजा सर्वोत्तम पूजा मानी जाती है, गुरु के वाक्यों को मंत्र रूप में माना जाता है. गुर से श्रेष्ठ कुछ नहीं.  Guru Purnima 2025

भारत में तो प्राचीन काल से ही गुरुजनों की पूजा होती आ रही है, भारत विश्व में अध्यात्मिक गुरु के नाम से भी विख्यात है.
  • भगवान् शिव का कहना है की गुरु और भगवान् में कोई अंतर नहीं होता अतः पूर्ण रूप से गुरु को समर्पित करना चाहिए फिर किसी का भय नहीं होता. 
  • जीवन का लक्ष्य ज्ञान प्राप्त करना होता है जो की बिना गुरु के संभव नहीं.
  • पराशान्ति भी बिना गुरु के संभव नहीं.
  • आंतरिक संपत्ति की खोज भी बिना गुरु के संभव नहीं.
वो गुरु जो सभी के अंतर में निवास करते हैं और हर क्षण मार्गदर्शन करने के लिए तत्पर रहते हैं उनका दर्शन और कृपा सभी प्राप्त करे यही कामना करते हैं. 

ॐ गुरु ॐ

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