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Surya Aur Mangal Ki Yuti Ka Fal Kya Hoga

Surya Aur Mangal Ki Yuti Ka Fal Kya Hoga, 🌞🔥 सूर्य–मंगल युति : 16 दिसंबर (धनु राशि), 12 Rashiyo par prabhav, Jyotish Updates. Surya Aur Mangal Ki Yuti :  16 दिसंबर को धनु राशि में सूर्य और मंगल की युति बन रही है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य आत्मबल, नेतृत्व और आत्मसम्मान का कारक है, जबकि मंगल साहस, ऊर्जा और क्रोध का प्रतीक है। इन दोनों ग्रहों का मिलन तेज, उग्र और कर्मशील ऊर्जा देता है। यह युति आगे बढ़ने की शक्ति देती है, लेकिन अहंकार और जल्दबाजी भी बढ़ा सकती है। Surya Aur Mangal Ki Yuti Ka Fal Kya Hoga Watch On YouTube आइये जानते हैं 12 राशियों पर क्या प्रभाव होगा सूर्य और मंगल की युति का ? ♈ मेष राशि यह युति आपकी नवम भाव में होगी। भाग्य, धर्म, शिक्षा और यात्राओं में रुचि बढ़ेगी। आत्मविश्वास बढ़ेगा और सही प्रयासों से सफलता मिल सकती है। नकारात्मक रूप में पिता, गुरु या वरिष्ठों से मतभेद हो सकते हैं। अपने विचार दूसरों पर थोपने से बचें। ♉ वृषभ राशि : Surya Aur Mangal Ki Yuti  यह युति आपकी अष्टम भाव में प्रभाव डालेगी। अचानक बदलाव, रिसर्च और गुप्त ज्ञान से लाभ संभव...

Bhadrapad Amavasya Kab Hai jyotish upaay

Bhadrapad Amavasya 2025 Date, Amavasya Kab Hai, भाद्रपद अमावस्या कब है 2025, कुश ग्रहणी अमावस्या के लिए ज्योतिष उपाय  |

इस साल कुशग्रहणी अमावस्या 23 अगस्त को है और शनिवार होने के कारण "शनि अमावस्या" भी रहेगा |

  • अमावस्या तिथि प्रारंभ : २२ अगस्त को दिन में लगभग 11:57  बजे.
  • अमावस्या तिथि समाप्त : २३ अगस्त को दिन में लगभग 11:36 बजे  

हिंदी पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने की अमावस्या को कुश ग्रहणी और कुशोत्पतिनी अमावस्या के नाम से भी जानते हैं| ये अती महत्त्वपूर्ण दिन है और इस दिन जीवन में से बाधाओं को दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार की पूजाओं को किया जाता है |

Bhadrapad Amavasya 2025 Date, Amavasya Kab Hai, भाद्रपद अमावस्या कब है 2025, कुश ग्रहणी अमावस्या के लिए ज्योतिष उपाय  |
Bhadrapad Amavasya Kab Hai jyotish upaay

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इस अमावस्या का एक नाम कुश ग्रहणी अमावस्या है जिससे पता चलता है की इस दिन एक पवित्र घास को इकट्टा किया जाता है और पूरे साल प्रयोग किया जाता है, इस घास का नाम है कुश | हर पूजा में इसका प्रयोग किया जाता है, हर कर्मकांड में इसका उपयोग होता है| पूजन के अवसर पर हम अनामिका अंगुली में कुश की अंगूठी पहनते हैं जिसे की पवित्री कहा जाता है |

आइये जानते हैं कुश घास का महत्त्व पुराणों के अनुसार :

मान्यता के अनुसार वराह के रोयें से कुश घास की उत्पत्ति मानी जाती है और कुशा की जड़ में भगवान ब्रह्मा, मध्य भाग में भगवान विष्णु तथा शीर्ष भाग में भगवान शिव विराजते हैं।

कुश आसन पर जप और ध्यान करने से शीघ्र ही सिद्धि मिलती है | 

कुश को Desmostachya bipinnata के नाम से वनस्पति विज्ञान में जानते हैं और अंग्रेजी में इसे Sacrificial Grass के नाम से जानते हैं |

आइये जानते हैं क्या क्या कर सकते हैं भाद्रपद अमावस्या को जीवन को सुखी बनाने के लिए:

  1. वैदिक ज्योतिष अनुसार कुश ग्रहणी/ कुशोत्पतिनी अमावस्या  को की गई पूजाओ से दुर्भाग्य से छुटकारा मिलता है |
  2. भाद्रपद अमावस्या को पितरो के निमित्त तर्पण करना चाहिए जिससे पितृ गण प्रसन्न होते हैं और हमे आशीर्वाद देते हैं जिससे परिवार में खुशहाली आने लगती है |
  3. अगर आपके आस पास कही कुश घास लगी हो तो आप पूर्व की तरफ मुंह करके इनकी पूजा करके इन्हें एकत्रित कर सकते हैं और पुरे साल पूजा में उपयोग कर सकते हैं |
  4. अगर कुंडली में पितृ दोष हो तो भाद्रपद अमावस्या को पूजा कर सकते हैं |
  5. अगर किसी ने कुछ किया कराया है या फिर बंधन दोष से गुजर रहे हैं तो उसका उतारा भी इस दिन होता है |
  6. अगर आप नकारात्मक शक्तियों या फिर काले जादू के प्रयोग के कारण परेशां है तो इस दिन पूजा कर सकते हैं या फिर करवा सकते हैं |
  7. भाद्रपद अमावस्या को अपनी क्षमता अनुसार जरुरत मंदों को अन्न, वस्त्र, और धन का दान करना चाहिए, इससे पुण्य प्राप्त होता है |
  8. मनोकामनाओ को पूरा करने के लिए पीपल के पेड़ की पूजा भी हम कर सकते हैं |
  9. भाद्रपद अमावस्या को नदी में सबकी भलाई और सुखो की कामना से दीप दान करना चाहिए |
  10. घर में बड़े और बुजुर्गो का आशीर्वाद लेना चाहिए | 
  11. नदी तट पर पिंड दान भी कर सकते हैं पितरो की शांति के लिए |
  12. अगर कुंडली में कालसर्प दोष, प्रेत दोष हो तो भी इस दिन पूजन कर सकते हैं |

आइये जानते हैं की कैसे आसानी से हम पूजन कर सकते हैं कुश ग्रहणी/ कुशोत्पतिनी अमावस्या को ?

  • प्रातः काल जल्दी उठे और अगर किसी पवित्र नदी के पास घर हो तो नदी में स्नान करे |
  • भगवान् सूर्य को अर्ध्य दे और अपने पितरो के उन्नति शांति  के लिए प्रार्थना करें |
  • उसके बाद पवित्र नदी जैसे गंगा, यमुना, नर्मदा क्षिप्रा  आदि के तट पे पिंड दान करें |
  • फिर जरुरतमंदो को अन्न, धन, वस्त्र का दान करें सामर्थ्य अनुसार |
  • भाद्रपद अमावस्या की शाम को पीपल के पेड़ की पूजा करें और सरसों के तेल का दीप दान करें, सुखी जीवन के लिए प्रार्थना करें |

जानिए ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी गोचर कुंडली में भाद्रपद अमावस्या 2025 में :

  • गोचर कुंडली में सूर्य और चन्द्रमा केतु के साथ रहेंगे जिससे सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण योग बना रहेगा. इसी के साथ बुध और शुक्र की युति से लक्ष्मी-नारायण योग भी बना रहेगा. 
  • सूर्य अपने ही राशि सिंह में रहेंगे |
  • चन्द्रमा अपने मित्र राशि सिंह में रहेंगे |
  • मंगल अपने शत्रु राशि कन्या में रहेंगे |
  • बुध अपने शत्रु राशि कर्क में रहेंगे |
  • गुरु शत्रु राशि मिथुन में रहेंगे |
  • शुक्र अपने शत्रु राशि कर्क में रहेंगे |
  • शनि सम राशि मीन में रहेंगे |
  • राहू अपने मित्र राशि कुम्भ में रहेंगे |
  • केतु अपने शत्रु राशि सिंह में रहेंगे |
तो इस प्रकार हम कुश ग्रहणी/ कुशोत्पतिनी अमावस्या/भाद्रपद अमावस्या को अपनी क्षमता अनुसार पूजा पाठ करके अपने जीवन में से समस्याओं को कम कर सकते हैं, पितृ कृपा से जीवन को सुखी कर सकते हैं |

अगर आप अपनी कुंडली के अनुसार जानना चाहते हैं अपने जीवन के बारे में, अपनी लव लाइफ के बारे में, अपने करियर के बारे में, अपने विवाह के बारे में, बिमारी के समाधान के बारे में, अपने लिए भाग्यशाली रत्न के बारे में तो आप संपर्क करें विश्वसनीय ज्योतिष सलाह के लिए |

सभी को भाद्रपद अमावस्या की बहुत बहुत शुभकामनाये, पितृ कृपा से सभी का जीवन सुखी हो यही कामना |

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