Shukra Ka Mesh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal, Shukra mesh rashi mai kab jayenge, , शुक्र का राशी परिवर्तन का 12 राशियों पर क्या असर होगा | Shukra ka Gochar Mesh Rashi Mai 2025: 31 May 2025 शनिवार को शुक्र अपने उच्च राशि मीन से निकल के अपने सम राशि मेष में प्रवेश करेंगे, ये परिवर्तन दिन में लगभग 11:16 बजे होगा | यहाँ ध्यान रखने वाली बात ये है की मेष राशि में पहले से ही बुध बैठे हैं जिससे शुक्र और बुध की युति होगी और लक्ष्मीनारायण योग बनेगा. वैदिक ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह का सम्बन्ध प्रेम, रोमांस, भौतिक सुख सुविधा, विलासिता ग्लेमर, आकर्षण शक्ति आदि से है इसीलिए शुक्र का गोचर हमेशा ही बहुत महत्त्व रखता है | Shukra Ka Mesh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal Shukra Ka Mesh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal शुक्र जब भी राशि बदलते हैं तो लोगो के व्यक्तिगत जीवन में, कला जगत में, फैशन इंडस्ट्री, ग्लैमर की दुनिया में बहुत बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं | Watch On YouTube आइये जानते हैं की 2025 में शुक्र के मेष राशि में गोचर का असर 12 राशियों पर क्या होने वाला है ? मेष राशिफल : ...
हरियाली अमावस्या कब है 2024, कौन सी पूजाएँ फायदा देती है हरियाली अमावस्या को, जनिये सावन अमावस्या का महत्त्व, हरियाली अमावस और ज्योतिष.
वर्ष 2024 में हरियाली अमावस्या 4 अगस्त, रविवार को है। इस दिन रवि पुष्य योग भी रहेगा। अमावस्या तिथि 3 अगस्त को दोपहर लगभग 3:50 बजे शुरू होगी और 4 अगस्त को शाम लगभग 4:42 बजे समाप्त होगी।
सावन का महिना बहुत ख़ास होता है और इस महीने में पड़ने वाले अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहते हैं. ये दिन मानसून के महत्त्व को भी बताता है और हर तरफ हरियाली का प्रतिक है. हरियाली अमावस्या को इस दिन विशेषकर हिन्दू लोग अलग अलग प्रकार के कर्म काण्ड करते हैं जीवन को सफल बनाने के लिए. भक्त गण भगवान् शिव की विशेष पूजा अर्चना करते हैं श्रद्धा भक्ति से.
आइये जानते हैं की हरियाली अमावस्या को किन किन नामो से जाना जाता है?
- आन्ध्र प्रदेश में इसे “चुक्काला अमावस्या” के नाम से जाना जाता है.
- महाराष्ट्र में इसे “गटारी अमावस्या” के नाम से जाना जाता है.
- उड़ीसा में इसे “चिटालागी अमावस्या” के नाम से मनाया जाता है.
- गुजरात में इसे “दिवसो” के नाम से जाना जाता है.
- कर्णाटक में इसे “भीमाना अमावस्या” के नाम से जानते हैं.
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आइये जानते है हरियाली अमावस्या का महत्त्व:
ज्योतिष के हिसाब से अमावस को पितरो के लिए कर्म काण्ड होता है. ये दिन पितरो को समर्पित है. इस दिन लोग पितरो को प्रसन्न करने के लिए क्रियाएं करते हैं. भारत में कई जगह तो हरियाली अमावस को मनाने के लिए मेले भी लगते हैं.
कुछ ज्योतिष मानते हैं की इस दिन भगवान् शिव की पूजा से कालसर्प दोष के दुष्परिणाम कम होते हैं, ग्रहण योग का प्रभाव कम होता है, पितृ दोष का प्रभाव भी कम होता है.
हरियाली अमावस को लोग पितृ तर्पण करते हैं, दान करते हैं, पूजा करते हैं पितरो की उच्च गति के लिए और उनके आशीर्वाद के लिए.
यही नहीं विभिन्न प्रकार की अन्य पूजाएँ भी होती है हरियाली अमावस्या को :
- काले जादू से छुटकारे के लिए भी पूजायें होती है इस दिन.
- ग्रहण शांति पूजा हो सकती है इस दिन.
- अगर किसी के वैवाहिक जीवन में समस्या आ रही हो तो वो भी पूजाएँ कर सकते हैं.
- ग्रह शांति पूजाएँ भी होती है इस दिन कुंडली में मौजूद ग्रहों को देखते हुए.
- हरियाली अमावस्या को विभिन्न प्रकार के उतारे भी होते हैं बुरी नजर और बुरी शक्तियों से बचने के लिए.
- कुछ लोग वशीकरण साधना भी करते हैं.
- कुछ तांत्रिक तंत्र सिद्धि और मंत्र सिद्धि की क्रिया भी करते हैं.
- भक्तगण शिव पूजा भी करते हैं स्वास्थ्य और सम्पन्नता के लिए.
- इस दिन पीपल पूजा का भी महत्त्व है
आइये जानते है की Hariyali Amavas को ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी ?
- सूर्य अपनी सम राशि कर्क में रहेगा।
- चन्द्रमा अपनी स्वयं की राशि कर्क में रहेगा।
- मंगल अपनी सम राशि वृषभ में रहेगा।
- बुध अपनी मित्र राशि सिंह में रहेगा।
- बृहस्पति अपनी शत्रु राशि वृषभ में रहेगा।
- शुक्र अपनी शत्रु राशि सिंह में रहेगा।
- शनि अपनी स्वयं की राशि कुंभ में रहेगा।
- राहु और केतु शुभ रहेंगे।
क्या करे हरियाली अमावस को सफलता के लिए?
श्रवण महीने का एक महत्त्वपूर्ण दिन है हरियाली अमावस्या और हम इस दिन का उपयोग बहुत सी बाधाओं को हटाने के लिए कर सकते हैं.- कम से कम ४८ घंटे के लिए दीपक जलाएं अखंड शान्ति और सम्पन्नता के लिए.
- पवित्र नदियों में दीपक छोड़े पूर्वजो और उपरी शक्तियों से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए.
- पितृ तर्पण करे दिवंगत आत्माओं की शांति और उच्चगति के लिए.
- शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करे शांति और सम्पन्नता के लिए.
- अगर कोई नकारात्मक उर्जा से ग्रस्त हो तो उनका उतरा भी कर सकते हैं.
- आप किसी अच्छे ज्योतिष से भी पूजाएँ करवा सकते हैं.
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