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Guru Poornima Importance In Hindi

Guru purnima kab hai 2025,  Guru Poornima Importance In Hindi, गुरु पूर्णिमा का महत्तव हिन्दी में, क्या करे गुरु पूर्णिमा को. Guru Purnima 2025:  गुरु पूर्णिमा एक हिंदू त्योहार है  और इस दिन हम शिक्षक और आध्यात्मिक गुरुओं का सम्मान करते हैं |  यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़  महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। "गुरु" शब्द संस्कृत के शब्द "गु" से आया है जिसका अर्थ है "अंधकार" और "रु" का अर्थ है "दूर करना।" इसलिए गुरु वह होता है जो अज्ञानता के अंधकार को दूर करते है और हमें सत्य का प्रकाश देखने में मदद करते है। हिंदू धर्म में, गुरु पूर्णिमा हमारे सभी जीवित और ब्र्हम्लीन गुरुओं का सम्मान करने का समय है। हम उनके मार्गदर्शन और शिक्षाओं के लिए अपना आभार व्यक्त करते हैं, और उनके निरंतर आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। गुरु पूर्णिमा पर, लोग आमतौर पर अपने गुरुओं से मिलते हैं, उनका पूजन करते हैं, उन्हें उपहार देते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं |  यह उन लोगों को याद करने का दिन है जिन्होंने हमें बढ़ने और सीखने में मदद की है,...

Pishach Mochan kund Varanasi Ka Rahasya

Pishach Mochan kund kaha hai, क्या विशेषता है इस कुंड की, Pishach Mochan Yatra kab hoti hai,  पिशाच मोचनी यात्रा की जानकारी, भटकती आत्माओं के मोक्ष मिलने का स्थान |

Pishach Mochan Kund

काशी को मोक्ष नगरी की उपाधि प्राप्त है और इसी नगरी में एक रहस्यमई कुंड है जिसे "पिशाच मोचन कुंड" के नाम से जाना जाता है | 

यहाँ पर पितृ पक्ष में १६ दिन विशेष रूप से तर्पण और श्राद्ध कर्म होते हैं पितरो की मुक्ति के लिए | ऐसी मान्यता है की यहाँ पर किसी भी अतृप्त आत्मा को मुक्ति मिल सकती है | 

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Pishach Mochan kund Varanasi Ka Rahasya

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आइये जानते हैं इसका पूरा पता :

तो ये जगह वाराणसी में कामायनी रोड पर लोहामंडी में चेतगंज में स्थित है | 


आइये जानते हैं पिशाच मोचन कुंड के बारे में ख़ास बाते :

  1. यहाँ पर एक प्राचीन पीपल का पेड़ है जिसमे मान्यता के अनुसार अतृत्प आत्माओं को छोड़ा जाता है मुक्ति के लिए | 
  2. यहाँ पर त्रिपिंडी श्राद्ध किया जाता है जिससे प्रेत योनी से किसी भी आत्मा को मुक्ति मिलती है |
  3. पितृ ऋण से मुक्ति  के लिए यहाँ पर कर्मकांड होते  हैं | 
  4. यहाँ पर काला, लाल और सफेद झंडे लगाएं जाते हैं विभिन्न प्रकार के प्रेत बाधाओं से मुक्ति के लिए | 
  5. अनादी काल से यहाँ पर प्रेत बाधा से मुक्ति हेतु कर्मकांड होते आ रहे हैं | 
  6. तामसीक प्रवृत्ति की आत्माओं से छुटकारे के लिए पिशाच मोचन कुंड के पीपल के पेड़ में कील ठोक कर उन्हें बांधा जाता है जिससे उन्हें मुक्ति मिलती है |
  7. गरुड़ पुराण और स्कंद पुराण  में भी पिशाचन मोचन  कुंड का वर्णन मिलता है।

पिशाच मोचनी यात्रा | Pisach Mochani Yatra : 

हर साल अगहन महीने की पूर्णिमा को पिशाच मोचिनी यात्रा होती है वराणसी में | इस साल 14 दिसम्बर २०२४ को pisach mochni yatra होगी | इस दिन अतृप्त आत्माओं, अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए पूर्वजों को मुक्त करने हेतु विशेष अनुष्ठान होते हैं |

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