Surya Aur Mangal Ki Yuti Ka Fal Kya Hoga, 🌞🔥 सूर्य–मंगल युति : 16 दिसंबर (धनु राशि), 12 Rashiyo par prabhav, Jyotish Updates. Surya Aur Mangal Ki Yuti : 16 दिसंबर को धनु राशि में सूर्य और मंगल की युति बन रही है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य आत्मबल, नेतृत्व और आत्मसम्मान का कारक है, जबकि मंगल साहस, ऊर्जा और क्रोध का प्रतीक है। इन दोनों ग्रहों का मिलन तेज, उग्र और कर्मशील ऊर्जा देता है। यह युति आगे बढ़ने की शक्ति देती है, लेकिन अहंकार और जल्दबाजी भी बढ़ा सकती है। Surya Aur Mangal Ki Yuti Ka Fal Kya Hoga आइये जानते हैं 12 राशियों पर क्या प्रभाव होगा सूर्य और मंगल की युति का ? ♈ मेष राशि यह युति आपकी नवम भाव में होगी। भाग्य, धर्म, शिक्षा और यात्राओं में रुचि बढ़ेगी। आत्मविश्वास बढ़ेगा और सही प्रयासों से सफलता मिल सकती है। नकारात्मक रूप में पिता, गुरु या वरिष्ठों से मतभेद हो सकते हैं। अपने विचार दूसरों पर थोपने से बचें। ♉ वृषभ राशि : Surya Aur Mangal Ki Yuti यह युति आपकी अष्टम भाव में प्रभाव डालेगी। अचानक बदलाव, रिसर्च और गुप्त ज्ञान से लाभ संभव है। नकारात्मक रू...
तुलसी पूजा का महत्त्व, कैसे प्राप्त करे सफलता तुलसी पूजा से, Dev uthni gyaras ko tulsi viavah ka maahttw, jyotishiy salaah.
तुलसी विवाह भारत में बहुत ही उत्साह से किया जाता है और ये पूजा देव उठनी एकादशी को किया जाता है कार्तिक महीने में. देव उठनी एकादशी के बाद शुभ कार्यो जैसे विवाह आदि की शुरुआत हो जाती है. ऐसी मान्यता है की देव उठनी एकादशी को भगवान् अपनी योग निद्रा से जागते ४ महीने बाद. पढ़िए देवउठनी ग्यारस का महत्त्व.
ये दिन दिवाली जैसे ही मनाई जाती है. अगर कोई दिवाली पर पूजा नहीं कर पाया है तो वो देवउठनी एकादशी को भी पूजा करके सम्पन्नता को आकर्षित कर सकते हैं.
भगवान् विष्णु और तुलसी जी का सम्बन्ध दिव्य है और विचित्र भी. तुलसी का पूजन भारत में हर जगह किया जाता है. तुलसी का एक नाम “वृंदा” भी है.
ये दिन दिवाली जैसे ही मनाई जाती है. अगर कोई दिवाली पर पूजा नहीं कर पाया है तो वो देवउठनी एकादशी को भी पूजा करके सम्पन्नता को आकर्षित कर सकते हैं.
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| tulsi puja ka mahattw |
भगवान् विष्णु और तुलसी जी का सम्बन्ध दिव्य है और विचित्र भी. तुलसी का पूजन भारत में हर जगह किया जाता है. तुलसी का एक नाम “वृंदा” भी है.
आइये जानते हैं तुलसी और शालिग्राम के पीछे की कहानी :
ऐसा कहा जाता है की तुलसी का विवाह एक जालंधर नाम के राक्षस से हुआ था और तुलसी के तप के प्रभाव से कोई भी जालंधर को हरा नहीं पा रहा था. इसी के समाधान के लिए देवतागण भगवान् विष्णु के पास गए और प्रार्थना की. तब भगवान् विष्णु ने तुलसी के पति का रूप धरा और तुलसी के पास गए जिससे उसका तप भंग कर सके. जब तुलसी को पता चला की उसके साथ धोखा हुआ है तो उन्होंने भगवान् विष्णु को पत्थर बनने का श्राप दे दिया. श्री हरी उसी समय पत्थर बन गए और तभी से शालिग्राम का अस्तित्तव आया.
वास्तव में तुलसी भगवान् विष्णु को पति के रूप में भी पाना चाहती थी और इसी कारण भगवान् विष्णु उनके पास गए रूप बदलकर. परत्नु अपनी तपस्या के भंग होने के दुःख से तुलसी ने अपना शारीर छोड़ दिया और तब गंडक नदी का अस्तित्तव आया.
और इसी कारण गंडक नदी का पत्थर ही शालिग्राम के रूप में पूजा जाता है. इस नदी को नेपाल में नारायणी के नाम से जाना जाता है.
वास्तव में तुलसी भगवान् विष्णु को पति के रूप में भी पाना चाहती थी और इसी कारण भगवान् विष्णु उनके पास गए रूप बदलकर. परत्नु अपनी तपस्या के भंग होने के दुःख से तुलसी ने अपना शारीर छोड़ दिया और तब गंडक नदी का अस्तित्तव आया.
और इसी कारण गंडक नदी का पत्थर ही शालिग्राम के रूप में पूजा जाता है. इस नदी को नेपाल में नारायणी के नाम से जाना जाता है.
आइये जानते हैं तुलसी विवाह का महत्त्व :
शालिग्राम वास्तव में भगवान् विष्णु ही है और बिना तुलसी के हम उनकी कल्पना नहीं कर सकते हैं. कार्तिक का महिना भगवान् का सबसे प्रिय महिना है. और इसी कारण कार्तिक महीने की ग्यारस देवउठनी ग्यारस के नाम से प्रसिद्ध है और इसी दिन भारत वर्ष में तुलसी विवाह का आयोजन होता है. और इस दिन के बाद से शुभ विवाह के कार्यक्रम आयोजित होने लगते हैं.
क्या करे देव उठनी ग्यारस को सफलता के लिए:
- अगर किसी को विवाह में परेशानी आ रही है तो तुलसी विवाह का आयोजन करना चाहिए, इससे भगवान् विष्णु और तुलसी जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और विवाह के योग बनते हैं.
- देव उठनी एकादशी को तुलसी की पूजा श्रद्धा और विश्वास से करने से सफलता के रास्ते खुलते हैं और सम्पन्नता आती है.
- रोज सुबह तुलसी के पत्ते खाने से बहुत सी बीमारियों से अनायास ही बच जाते हैं.
- वास्तु के आस पास तुलसी के पौधे लगाने से नकारात्मक उर्जाव से बचाव होता है.
- भगवान् विष्णु की पूजा में तुलसी के पत्ते जरुर प्रयोग करे. उनके चरणों में तुलसी के पत्ते अर्पित करने से कृपा मिलती है.
- 2 चम्मच तुलसी के रस को रोज सुबह खाली पेट पीने से सुन्दरता भी बढती है. इससे शारीर शुद्ध होता है, और सकारात्मक बनता है, दिमाग तेज करता है.
तुलसी के बहुत से फायदे है , ये सफ़ल जीवन जीने में बहुत सहायक है. अगर कोई नकारात्मक ऊर्जा से ग्रस्त है तो तुलसी के प्रयोग करे, अपने जीवन को सुन्दर और शक्तिशाली बनाए तुलसी के प्रयोग से. पुजिये तुलसी को, रोज खाए तुलसी के पत्तो को और बनाए अपने जीवन को सफल.
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