Guru purnima kab hai 2025, Guru Poornima Importance In Hindi, गुरु पूर्णिमा का महत्तव हिन्दी में, क्या करे गुरु पूर्णिमा को. Guru Purnima 2025: गुरु पूर्णिमा एक हिंदू त्योहार है और इस दिन हम शिक्षक और आध्यात्मिक गुरुओं का सम्मान करते हैं | यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। "गुरु" शब्द संस्कृत के शब्द "गु" से आया है जिसका अर्थ है "अंधकार" और "रु" का अर्थ है "दूर करना।" इसलिए गुरु वह होता है जो अज्ञानता के अंधकार को दूर करते है और हमें सत्य का प्रकाश देखने में मदद करते है। हिंदू धर्म में, गुरु पूर्णिमा हमारे सभी जीवित और ब्र्हम्लीन गुरुओं का सम्मान करने का समय है। हम उनके मार्गदर्शन और शिक्षाओं के लिए अपना आभार व्यक्त करते हैं, और उनके निरंतर आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। गुरु पूर्णिमा पर, लोग आमतौर पर अपने गुरुओं से मिलते हैं, उनका पूजन करते हैं, उन्हें उपहार देते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं | यह उन लोगों को याद करने का दिन है जिन्होंने हमें बढ़ने और सीखने में मदद की है,...
Dusshera kab hai 2023 mai, दशहेरे का महत्त्व हिंदी में जानिए. क्या करे दशहेरे में सफलता के लिए, जानिए ज्योतिषीय महत्त्व दशहेरे का, 24 october 2023 को ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी.
भारत में दशहेरा एक ख़ास उत्सव है जिसे सभी लोग मिलके मनाते हैं, इसे विजयादशमी भी कहते हैं. आश्विन नवरात्री के ख़त्म होते ही दशमी तिथि को दशहेरा मनाया जाता है. इसके पीछे जो मान्यता है वो ये की इसी दिन राम और लक्ष्मण जी ने रावण का अंत किया था और सभी ने ख़ुशी मनाई थी. ये दिन बुराई के ऊपर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है.
दशहेरा ये याद दिलाता है की झूठ का अस्तित्तव ज्यादा नहीं टिक सकता है. सच्चाई हमेशा जीत जाती है.
आइये जानते हैं कैसे दशहेरे को मनाया जाता है ?
साधारणतः एक बड़े मैदान में रावण का पुतला बनाया जाता है और शाम को इसे राम के द्वारा मारा जाता है. लोग एक जुट होक इसे देखते हैं. पुरे शहर के लोग या गाँव के लोग एक जगह इकट्ठे होते हैं और मेले जैसा दृश्य दिखाई देता है. सभी आनंद मनाते हैं , खाते है पीते हैं और रावन दहन के कार्यक्रम का आनंद उठाते हैं.
इस दिन शश्त्रो की पूजा भी होती है , लोग एक दुसरे को मिठाई देते हैं और दशहेरे की बधाई देते हैं. हर तरफ ख़ुशी और उल्लास का माहोल रहता है. पढ़िए दशहेरे के लिए टोटके हिंदी में .
Read in english about astrology importance of dusshera
आइये जानते हैं दशहेरे का ज्योतिषीय महत्त्व :
ऐसी मान्यता है की ये दिन बहुत शुभ होता है और इस दिन किसी भी नए काम को करने के लिए किसी महूरत देखने की जरुरत नहीं होती है.
- अतः लोग इस दिन नए वाहन खरीदते हैं.
- नया व्यापार शुरू करते हैं.
- कुछ लोग स्वास्थ्य और सम्पन्नता के लिए कर्म काण्ड करते हैं.
- इस दिन शश्त्रो की पूजा से रक्षा होती है, ऐसी मान्यता है.
- इस दिन मंत्र और तंत्र सिद्धि के लिए भी साधक साधना करते हैं.
- जिनकी फैक्ट्री है वो लोग अपने मशीनों की पूजा करते हैं जिससे की पुरे साल वो उन्हें लाभ दे सके.
- विद्यार्थीयो को इस दिन अपने किताबो की पूजा करनी चाहिए , इससे सफलता मिलती है.
- इस दिन शमी पेड़ की पूजा का भी विशेष महत्त्व है.
आइये जानते हैं 24 अक्टूबर 2023, मंगलवार, दशहेरा के दिन ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी ?
- बुधादित्य राजयोग दशहरे पर गोचर कुंडली में रहेगा जो सभी के लिए बहुत शुभ है।
- शनि अपनी ही राशि में मौजूद रहेंगे और साधना करने में सभी का साथ देंगे।
- अंगारक योग भी बना रहेगा जिसके कारण दुर्घटनाएं बहुत होने की सम्भावना है|
- गुरु चंडाल योग भी बना रहेगा गोचर कुंडली में |
- सूर्य अपने नीच राशि में रहेंगे |
- शुक्र अपने शत्रु राशि में रहेंगे |
- राहू शत्रु राशि में रहेंगे और केतु मित्र राशि में रहेंगे |
- मंगल सम राशि में रहेंगे |
- बुध मित्र राशि में रहेंगे |
दशहेरा उत्सव है सच्चाई की जीत का जश्न मनाने का. ये त्यौहार है अपने अन्दर की बुराइयों को मारने का.
दशहेरे के रोज हम ये प्राण ले सकते हैं की –
- अब हम किसी प्रकार का नशा नहीं लेंगे.
- अब हम दारु नहीं पियेंगे.
- अब हम सिगरेट , बीडी आदि नहीं पियेंगे.
- अब हम किसी भी कमजोर को नहीं सतायेंगे.
- हम कभी नकारात्मक नहीं सोचेंगे.
Dusshera kab hai 2023 mai, दशहेरे का महत्त्व हिंदी में जानिए. क्या करे दशहेरे में सफलता के लिए, जानिए ज्योतिषीय महत्त्व दशहेरे का, 24 october 2023 को ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी.
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