Guru purnima kab hai 2025, Guru Poornima Importance In Hindi, गुरु पूर्णिमा का महत्तव हिन्दी में, क्या करे गुरु पूर्णिमा को. Guru Purnima 2025: गुरु पूर्णिमा एक हिंदू त्योहार है और इस दिन हम शिक्षक और आध्यात्मिक गुरुओं का सम्मान करते हैं | यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। "गुरु" शब्द संस्कृत के शब्द "गु" से आया है जिसका अर्थ है "अंधकार" और "रु" का अर्थ है "दूर करना।" इसलिए गुरु वह होता है जो अज्ञानता के अंधकार को दूर करते है और हमें सत्य का प्रकाश देखने में मदद करते है। हिंदू धर्म में, गुरु पूर्णिमा हमारे सभी जीवित और ब्र्हम्लीन गुरुओं का सम्मान करने का समय है। हम उनके मार्गदर्शन और शिक्षाओं के लिए अपना आभार व्यक्त करते हैं, और उनके निरंतर आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। गुरु पूर्णिमा पर, लोग आमतौर पर अपने गुरुओं से मिलते हैं, उनका पूजन करते हैं, उन्हें उपहार देते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं | यह उन लोगों को याद करने का दिन है जिन्होंने हमें बढ़ने और सीखने में मदद की है,...
शनि जयंती कब है और क्या महत्त्व है, Shani janmotsav 2025 क्या करे शनि जयंती को सफलता के लिए, Shani Jayanti Ka Mahattw In Hindi, शनि पूजा का आसान तरीका.
Shani Jayanti 2025: शनि देव का सम्बन्ध न्याय से है इसी कारण लोग साधारणतः शनि से डरते हैं. शनि जयंती एक विशेष दिन है जब लोग शनि की विशेष पूजा पाठ करते हैं ताकि शनि की कृपा प्राप्त किया जा सके. ये दिन विशेष महत्त्व रखता है इसिलिये भक्त शनि स्त्रोत, शनि मंत्र, शनि का अभिषेक करते हैं, हवन करते हैं , जरूरतमंदों की मदद करते हैं.
शाश्त्रो के अनुसार ज्येष्ठ महीने के अमावस्या को हुआ था शनि देव का जन्म, इनके माता पिता है सूर्य देव और छाया देवी , यमराज और यमुना इनके भाई बहन हैं |
इस साल 26 May सोमवार को मनेगी शनि जयंती शनि देव का जन्मोत्सव |
अमावस्या तिथि २६ तारीख को दोपहर में लगभग १२:१३ बजे शुरू होगी और 27 तारीख को प्रातः लगभग ८:३३ बजे समाप्त होगी.
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Shani Jayanti Ka Mahattw In Hindi |
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय और कर्म का देवता माना गया है। शनिदेव व्यक्ति को अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार ही शुभ या अशुभ फल प्रदान करते हैं। शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा काफी प्रभावी होती है। शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं। Shani Jayanti 2025
शनि जयंती तिथि 2025
ऐसी मान्यता है कि शनिदेव की तिरछी द्दष्टि बहुत ही कष्टकारी होती है। शनि की तिरछी नजर से बचने के लिए शनि देव की उपासना का विशेष महत्व होता है। शनि जयंती पर उपाय करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शनि भगवान की विशेष कृपा और सभी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए शनि जयंती पर शनिदेव की पूजा-उपासना का विशेष महत्व होता है।
इस दिन आप सरसों के तेल, काले तिल, उड़द की दाल,नीले फूल और नीले वस्त्र अर्पित करते हुए तेल का दीपक जलाएं और ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जप करते रहें।
अंग्रेजी मे शनि को Saturn कहा जाता है, ज्योतिष के हिसाब से ये एक कठोर ग्रह है और इसका सम्बन्ध भूमि, लोहा, आन्तरिक शारीरिक अंग, काला रंग आदि से होता है. ये पश्चिम दिशा का स्वामी है. Shani Jayanti 2025
2025 मे शनि जयंती का महत्त्व :
इस साल शनि जयंती 26 मई सोमवार को मनेगी , इस दिन को अमावस्या है. अतः ये दिन बहुत ख़ास हो जाता है उन लोगो के लिए जो शनि देव को खुश करना चाहते हैं.- अगर कुंडली मे शनि खराब हो तो शनि की पूजा इस दिन करे.
- अगर कोई नकारात्मक उर्जा , काला जादू, नजर दोष से ग्रस्त हो तो भी शनि जयंती का दिन पूजा के लिए बहुत अच्छा है.
- अगर कोई सिर्फ शनी देव से आशीर्वाद चाहते हो तो भी ये दिन बहुत ख़ास है.
- अगर किन्ही की कुंडली मे पितृ दोष हो तो भी इस दिन पूजा कर सकते हैं क्यूंकि अमावस्या पड़ रही है.
- अगर शनि साड़े साती या धैया का प्रभाव हो तो भी इस दिन विशेष पूजन करना चाहिए | Shani Jayanti 2025
अतः किसी भी हालत मे इस दिन को छोड़िये मत.
अच्छे योग बन रहे है शनि जयंती को.
अच्छे योग बन रहे है शनि जयंती को.
आइये जानते हैं SHANI JAYANTI को ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी ?
- सूर्य अपने शत्रु राशि वृषभ में रहेंगे |
- चन्द्रमा अपने सम राशि मेष में रहेंगे |
- मंगल अपने नीच राशि कर्क में रहेंगे |
- बुध अपने मित्र राशि वृषभ में रहेंगे |
- गुरु अपने शत्रु राशि मिथुन में रहेंगे |
- शुक्र अपने उच्च राशि मीन में रहेंगे |
- शनि सम राशि मीन में रहेंगे |
- राहू मित्र राशि कुम्म में रहेंगे |
- केतु अपने शत्रु राशि सिंह में रहेंगे
- वृषभ राशि में बुधादित्य राज योग बना रहेगा.
जानिए शनि दोष से बचने के लिए शनि गायत्री मंत्र जप के फायदे
आइये जानते है आसान तरीके शनि देव को खुश करने के :
शनि जयंती का महत्त्व हिंदी मे, क्या करे शनि जयंती को सफलता के लिए, शनि पूजा का आसान तरीका.
- इस दिन जल्दी उठिए और दैनिक कार्यो से निवृत्त हो जाएँ |
- अगर शरीर साथ दे तो पूरे दिन उपवास करने का संकल्प भी आप ले सकते हैं |
- पूजन के लिए शनि देव की प्रतिमा सामने रखे और धूप, दीप, नैवेद्य , दक्षिणा अर्पित करे.
- उनका अभिषेक करे पंचामृत से.
- तेल से भी अभिषेक कर सकते हैं शनि मंत्रो का जप करते हुए.
- शनि चालीसा, शनि स्त्रोत्रम, शनि गायत्री मन्त्र आदि का पाठ भी शुभ है.
- अपने स्वस्थ, संपन्न और बाधा रहीत जीवन के लिए प्रार्थना करे.
- जरुरतमंदों की मदद करे.
- भूखे लोग और जानवरों को भोजन दे.
- दिव्यांग लोगों की मदद करें और उनका आशीर्वाद लीजिये.
- पूरे दिन जब भी समय मिले तो शनि मंत्रो का जप करते रहे. Shani Jayanti 2025
- शनि जयंती के मौके पर पीपल की जड़ में कच्चा दूध मिश्रित मीठा जल चढ़ाने व तिल या सरसों के तेल का दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है।
- अगर आपके ऊपर शनि की साढ़ेसाती या ढय्या चल रही हो तो पीपल के पेड़ की पूजा करके और उसकी परिक्रमा करें |
- शनिदेव के दिव्य मंत्र "ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:" का इस दिन जप करने से प्राणी भयमुक्त रहता है।
- शनिदेव के आराध्य भगवान शिव हैं। शनि दोष की शांति के लिए इस दिन शनिदेव की पूजा के साथ-साथ शिवजी पर काले तिल मिले हुए जल से "ॐ नमः शिवाय" का उच्चारण करते हुए अभिषेक करना चाहिए।
जय शनि देव
भारत मे शनि जयंती का बहुत महत्त्व है और इसमे कोई शक नहीं की भक्त अपनी पूजा का विशेष फल जरुर पाते है , इसिलिये दशको से ये रीती रिवाज चले आ रहे है.
भारत मे शनि जयंती का बहुत महत्त्व है और इसमे कोई शक नहीं की भक्त अपनी पूजा का विशेष फल जरुर पाते है , इसिलिये दशको से ये रीती रिवाज चले आ रहे है.
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