Shukra Ka Mesh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal, Shukra mesh rashi mai kab jayenge, , शुक्र का राशी परिवर्तन का 12 राशियों पर क्या असर होगा | Shukra ka Gochar Mesh Rashi Mai 2025: 31 May 2025 शनिवार को शुक्र अपने उच्च राशि मीन से निकल के अपने सम राशि मेष में प्रवेश करेंगे, ये परिवर्तन दिन में लगभग 11:16 बजे होगा | यहाँ ध्यान रखने वाली बात ये है की मेष राशि में पहले से ही बुध बैठे हैं जिससे शुक्र और बुध की युति होगी और लक्ष्मीनारायण योग बनेगा. वैदिक ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह का सम्बन्ध प्रेम, रोमांस, भौतिक सुख सुविधा, विलासिता ग्लेमर, आकर्षण शक्ति आदि से है इसीलिए शुक्र का गोचर हमेशा ही बहुत महत्त्व रखता है | Shukra Ka Mesh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal Shukra Ka Mesh Rashi Mai Gochar Ka Rashifal शुक्र जब भी राशि बदलते हैं तो लोगो के व्यक्तिगत जीवन में, कला जगत में, फैशन इंडस्ट्री, ग्लैमर की दुनिया में बहुत बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं | Watch On YouTube आइये जानते हैं की 2025 में शुक्र के मेष राशि में गोचर का असर 12 राशियों पर क्या होने वाला है ? मेष राशिफल : ...
Mahilaao Ka Swasthya Aur Jyotish, ज्योतिष के द्वारा कैसे जान सकते हैं महिलाओं के समस्याओं के कारण को, ज्योतिष द्वारा जाने बीमारियों के कारण और निवारण.
स्वास्थ्य बहुत जरुरी है सभी के लिए पर जब बात आती है महिलाओं की तो ये विषय बहुत ज्यादा महत्तव का हो जाता है, महिकाओ को बहुत ज्यादा सावधानी और स्वस्थ रहने की आवश्यकता है, क्यूंकि वे ही परिवार की नीवं हैं. अगर घर की महिलायें स्वस्थ रहेंगी तो परिवार भी निश्चित स्वस्थ रहेगा.
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Mahilaao Ka Swasthya Aur Jyotish |
चूँकि महिलायें ही साधारणतः परिवार के सदस्यों की देखभाल करती है साथ ही सुबह उठने से रात के सोने तक लगातार कुछ न कुछ कार्य में संलग्न रहती है अतः उनको सबसे ज्यादा उर्जा, और स्वस्थ शारीर की आवश्यकता है, एक औरत किसी की माँ होती है, किसी की बहन, किसी की पत्नी, किसी की दोस्त होती है परन्तु एक गुण जो सभी महिलाओं में देखने को मिलता है वो है सबकी देखभाल करना.
महिलाओं को देखभाल करने का जो गुण मिला है इश्वर द्वारा वो किसी और में देखने को कम ही मिलता है. और अगर घर की औरतों का स्वास्थय ख़राब हो तो परिवार और व्यक्तिगत संबंधो में भी समस्याएं उत्पन्न होने लगती है. अतः एक स्वस्थ शारीर और स्वस्थ दिमाग होना अति आवश्यक है.
एक और कारण भी है जिसके कारण नारी को ज्यादा सावधानी रखना पड़ती है और वो है मासिक धर्म, हर महीने शारीर से न चाहते हुए भी रक्त निकलता है जिससे इनको कमजोरी आती है, ऐसे में भी इनको विशेष सावधानी की जरुरत होती है.
ज्योतिष और नारी स्वास्थ्य :
महिलाओं के साथ जितनी भी समस्याएं उत्पन्न होती है उन सबका सम्बन्ध ज्योतिष से भी सीधे सीधे होता है. क्यूंकि ग्रहों का प्रभाव हर व्यक्ति पर जन्म लेते ही पड़ना शुरू हो जाता है और मरते दम तक सभी ग्रहों के प्रभाव में रहते हैं.ज्योतिष में कुंडली में ग्रहों की स्थिति को देखते हुए ये पता लगाया जाता है की समस्याओं का कारण क्या है. कुछ उदाहरण द्वारा इस बात को समझना बेहतर होगा जिससे कोई संदेह मन में नहीं रहेगा.
- अगर कुंडली में मंगल ख़राब हो और शक्तिशाली हो तो ऐसा हो सकता है की महिला को रक्त सम्बंधित समस्या हो , फोड़े – फुंसियां हो, ऐसा इसीलिए क्यूंकि मंगल जो है ये रक्त से संबध रखता है , उर्जा से सम्बन्ध रखता है, अतः गुस्सा, सरदर्द, मासिक समस्याएं भी आती है.
- महिलाओं में अक्सर खून की कमी भी देखि जाती है , इसका कारण ये है की शारीर में फोलिक एसिड, लोह तत्त्व, विटामिन –बी आदि की कमी हो जाती है जिससे शारीर में लाल कण का निर्माण भी बाधित होता है. ज्योतिष के अनुसार अगर मंगल, सूर्य कुंडली में कमजोर हो तो महिला को रक्त की कमी समस्या से गुजरना पड़ सकता है. इसके अलावा कुंडली में छठे , सातवें और आठवें घर में अगर ख़राब ग्रह बैठे हो तो भी महिला को ऐसी समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है.
- कुछ महिलायें गुप्त रोगों से भी ग्रस्त हो जाती है ,इसका कारण सप्तम और अष्टम भाव में ख़राब मंगल और शुक्र का होना भी हो सकता है.
- महिलाओं को अक्सर गठिया रोग से भी ग्रस्त होता देखा जाता है इसका कारण ज्योतिष के अनुसार ख़राब राहू का होना होता है. साथ ही अगर राहू और शनि, राहू और मंगल साथ में बैठे हो तो भी गठिया रोग को जन्म दे सकता है.
- लग्न में अगर ख़राब ग्रह बैठ जाए तो नारी को सौदर्य समस्याओं से गुजरना पद सकता है.
अतः ग्रहों के प्रभाव को हम स्वास्थ्य के पहलु से भी नजर अंदाज नहीं कर सकते हैं. अतः अच्छे ज्योतिष से सलाह जरुर लेते रहना चाहिए जिससे की समय समय पर ये पता चलता जाए की क्या करना चाहिए स्वस्थ जीवन जीने के लिए.
नारी का स्वास्थ्य परिवार और समाज के हित के लिए अति आवश्यक है अतः सभी को नारी का सम्मान करना चाहिए और उनका ख़याल रखना चाहिए.
शास्त्रो के अनुसार “जहाँ नारियो की पूजा होती है वहां पर देवताओं का वास हो जाता है”.
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Mahilaao Ka Swasthya Aur Jyotish, ज्योतिष के द्वारा कैसे जान सकते हैं महिलाओं के समस्याओं के कारण को, ज्योतिष द्वारा जाने बीमारियों के कारण और निवारण.
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