Surya Aur Mangal Ki Yuti Ka Fal Kya Hoga, 🌞🔥 सूर्य–मंगल युति : 16 दिसंबर (धनु राशि), 12 Rashiyo par prabhav, Jyotish Updates. Surya Aur Mangal Ki Yuti : 16 दिसंबर को धनु राशि में सूर्य और मंगल की युति बन रही है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य आत्मबल, नेतृत्व और आत्मसम्मान का कारक है, जबकि मंगल साहस, ऊर्जा और क्रोध का प्रतीक है। इन दोनों ग्रहों का मिलन तेज, उग्र और कर्मशील ऊर्जा देता है। यह युति आगे बढ़ने की शक्ति देती है, लेकिन अहंकार और जल्दबाजी भी बढ़ा सकती है। Surya Aur Mangal Ki Yuti Ka Fal Kya Hoga Watch On YouTube आइये जानते हैं 12 राशियों पर क्या प्रभाव होगा सूर्य और मंगल की युति का ? ♈ मेष राशि यह युति आपकी नवम भाव में होगी। भाग्य, धर्म, शिक्षा और यात्राओं में रुचि बढ़ेगी। आत्मविश्वास बढ़ेगा और सही प्रयासों से सफलता मिल सकती है। नकारात्मक रूप में पिता, गुरु या वरिष्ठों से मतभेद हो सकते हैं। अपने विचार दूसरों पर थोपने से बचें। ♉ वृषभ राशि : Surya Aur Mangal Ki Yuti यह युति आपकी अष्टम भाव में प्रभाव डालेगी। अचानक बदलाव, रिसर्च और गुप्त ज्ञान से लाभ संभव...
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एक व्यक्ति जिसने देश को बदलने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया, एक व्यक्ति जिसने अहिंसा के सिद्धांत के शक्ति को सबको बताया. एक व्यक्ति जिसने पवित्रता, जिन्दादिली, जोश, जूनून की मिसाल पेश की, वो है महात्मा गांधी, इनको बापूजी के नाम से भी जाना जाता है, ये हैं राष्ट्रपिता.
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| Mahatma Gandhi Se Kya Seekh Sakte Hain |
इनका पूरा नाम है मोहनदास करमचंद गांधी जिन्होंने राजनीति और समाज उत्थान के कार्यक्रम में अद्वितीय भाग लिया.
किसी ने सोचा भी नहीं होगा की गुजरात के पोरबंदर में 2 october 1869 को जन्म लेने वाला बालक देश में क्रान्ति ले आयेगा. एक बालक जिसने अपनी शिक्षा लन्दन विश्वविद्यालय से पूरी की ने पुरे विश्व को बताया की किस प्रकार से सहज और सदा जीवन हमे ख़ुशी देगा.
महात्मा गाँधी अपने सत्याग्रह, उपवास के लिए जाने जाते हैं. वे सिर्फ भारत में ही प्रसिद्ध नहीं है अपितु पुरे संसार में उनके सिद्धांतो को मानने वाले लोग मौजूद है. उनके पाठ स्कूल/विद्यालयों और कालेजों में पढाये जाते हैं.
ये महान संत ३० जनवरी १९४८ को ब्रह्मलीन हुए. इनको नाथू राम गोडसे ने गोली मारी थी.
2 अक्टूबर २०१४ को क्या ख़ास बात रहा है:
२०१४ में भारत देश के प्रधानमन्त्री मोदीजी ने एक विशेष आन्दोलन शुरू करने की घोषणा की है जिसमें देश में सफाई के प्रति जनजागरण शामिल है. उन्होंने स्वच्छ भारत बनाने के लिए ठोस कदम उठाने के लिए लोगो से आग्रह किया है.
एक स्वच्छ और पवित्र भारत का निर्माण ही गांधीजी के लिए सबसे अच्छा उपहार होगा, एक श्रधांजलि होगी. इसीलिए २०१४ में गांधीजी का जन्मदिवस ख़ास है.
आइये देखते है महात्मा गांधीजी की कुंडली:
एक प्रश्न ये भी उठता है की क्यों गांधीजी का जीवन इतना संघर्ष पूर्ण रहा . क्यों एक वकील होने के बावजूद उन्होंने देश सेवा में अपना जीवन लगा दिया. क्यों उनमे इतना सहस था, क्यों वो राजनीती में इतने प्रसिद्ध हुए. क्यों वो आज भी लोगो के दिलो में राज करते हैं.
ज्योतिष में हम ग्रहों द्वारा इन चीजो को देखने की कोशिश करते हैं. उनके कुंडली में ये चीजे स्पष्ट रूप से प्रकट करती है की उनका जीवन संघर्षमय रहा होगा. क्युकी उनके कुंडली में चंद्रग्रहण योग
दसवे घर में बन रहा है, उनका गण भी राक्षस है, जिसके कारण वो अपने कार्रिएर में स्थिर नहीं हो पाए. वकालत नहीं कर सके और राजनीती में आ गए.
स्व राशि का चन्द्रमा उनके कर्म स्थान में बैठ के उनको जीवन भर भ्रमंशील भी बनता रहा. मंगल लग्न में बैठकर उन्हें साहसी बना रहा है, एक अच्छा नेता बना रहा है, एक अच्छा राजनीतिज्ञ भी बना रहा है. उनको ताकत दे रहा है जिससे वो चुनौतियों का सामना बहादुरी से करे.
इसी के साथ गुरु की शुभता विवाह स्थानमें उनके जीवन साथी के विद्वान् होने का संकेत कर रहा है. उनके व्यक्तित्व भी बहुत आकर्षक रहा है क्यूंकि शुक्र लग्न में बैठा था स्वराशी का .
अतः हम ग्रहों की शक्ति को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं, ग्रह व्यक्ति के जीवन पर पूरा पूरा असर डालते हैं. वैदिक ज्योतिष द्वारा जीवन के अनेक पहलु को जाना जा सकता है.
गांधीजी के वो कोनसे सिद्धांत हैं जिनके द्वारा हम अपने जीवन को सुखी बना सकते हैं :
हालांकि गांधीजी का जीवन बहुत ही संघर्षमय रहा है परन्तु उन्होंने कभी भी शिकायत नहीं की. वो लोगो के लिए प्रेरणा के स्त्रोत बन गए. उनके द्वारा अपनाए हुए सिद्धांत आज भी लोगो को एक अच्छा जीवन जीने में मदद कर रहे हैं.
- वो जात पात नहीं मानते थे इसी कारण वो खुद अपना toilet साफ़ करते थे. वो कभी भी किसी नीची जाती के लोगो के साथ बैठने से नहीं कतराए. उन्होंने कभी भी पक्षपात नहीं किया, उनके दिल में सभी के लिए प्रेम था इसीलिए वो सभी के प्रिय थे.
- उनका अहिंसा का सिद्धांत जबरदस्त है. हिंसा के द्वारा हम हिंसा का अंत नहीं कर सकते हैं अतः हमे भी शान्ति के साथ विरोध करना सीखना चाहिए.
- उन्होंने हमेशा एक सदा जीवन जिया और दुसरो को भी प्रेरित किया. हमारे चेहरे पर जो झूठा मुखोटा लगा है अगर हम वो उतार दे तो बहुत अच्छा जीवन जी सकते हैं.
- सादे वस्त्र हमेशा ही सेहत के लिए अच्छे होते हैं और इसीलिए उन्होंने भी पूरा जीवन इसका पालन किया.
- अगर आपका सिद्धांत सही है तो किसी भी हालत में उसको मत छोड़िये. गांधीजी ने भी अपने सिद्धांतों से कभी समझोता नहीं किया.
- महात्मा गांधीजी हमेशा आत्मनिरीक्षण किया करते थे जिससे उन्होंने अपने आदतों को सुधार और एक सफल जीवन जिया. अतः हम भी इसे अपना कर सफलता की और बढ़ सकते हैं.
- वो सादा खाना खाते थे जो की अच्छा होता है. सदा जीवन उच्च विचार उनका एक सिद्धांत रहा है.
- गांधीजी को अगर हम वाकई में श्रधांजलि देना चाहते है तो हमे उनके सिद्धांतो को अपनाना चाहिए जिससे खुदा और देश का भला हो सके.
आइये भारत को फिर से मजबूत राष्ट्र बनाए.
जय हिन्द , जय भारत
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