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Sri Anantha Padmanabha Stotram Ke Fayde aur Lyrics

Sri Anantha Padmanabha Stotram Ke Fayde aur Lyrics, अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम् के लाभ, ईच्छा पूरी करने वाला दिव्य स्त्रोत्रम.  श्री अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम्  श्री महाविष्णु को समर्पित है, जो हजार फन वाले सांप की शैय्या पर लेटे हुए हैं। जो भक्त इस स्त्रोत्रम का पाठ करता है, वह दीर्घायु और स्वस्थ जीवन प्राप्त करता है और उसे परमज्ञान की प्राप्ति होती है।  Sri Anantha Padmanabha Stotram Ke Fayde aur Lyrics श्री अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम् पाठ के लाभ: इसके पाठ से जातक खोई हुई संपत्ति वापस पा सकता है.  इसके पाठ से दंपत्ति को वैवाहिक सुख प्राप्त होता है और सुखी जीवन जीने में मदद मिलती है। इसके पाठ से शरीर और मन शुद्ध होते हैं.  पूर्ण भक्ति और ईमानदारी के साथ  श्री अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम् का पाठ करने से व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है.  सुनिए YouTube में  Lyrics of Sri Anantha Padmanabha Mangala Stotram: श्रियःकान्ताय कल्याणनिधये निधयेऽर्थिनाम् । श्री शेषशायिने अनन्तपद्मनाभाय मङ्गलम् ॥ १ ॥ स्यानन्दूरपुरीभाग्यभव्यरू...

Relationship mai Samasya Ke kaaran

Reasons of failing in Relationship?, रिलेशनशिप में असफल होने के कारण?, असफल रिलेशनशिप के ज्योतिष कारण | 

हर महिला और और पुरुष किसी ऐसे व्यक्ति को जीवनसाथी बनाना चाहता है जो उसे समझ सके, जो उसे प्यार दे सके, सुख और दुःख में साथ दे सके पर ये निर्णय जल्दी के नहीं होते हैं, किसी को समझने में समय लगता है | यही कारण है की आज के समय में अधिकाँश रिश्ते असफल हो रहे हैं | जब सामने वाला हमारे कसौटी में खरा नहीं उतरता तो रिश्ते टूट जाते हैं | ब्रेकअप कई कारण होते हैं जैसे खराब संचार, सम्मान की कमी, विश्वास की कमी, प्राथमिकताओं में अंतर, खूब बहस करना,  शारीरिक अंतरंगता में कमी, एक दूसरे के प्रति सम्मान में कमी,  साथ में कम समय बिताना, कोई भावनात्मक जुड़ाव नहीं, आकर्षण की कमी, दूसरे लोगों के साथ ज्यादा समय बिताना, रिश्ते में बोरियत महसूस होना, अपने साथी से दूरी बनाना आदि । 

आज के इस लेख में हम जानेंगे कुछ ऐसे कारण जिसके कारण रिश्ते टिक नहीं पाते हैं | हम ज्योतिषी कारणों को भी देखेंगे |

Reasons of failing in Relationship?, रिलेशनशिप में असफल होने के कारण?, असफल रिलेशनशिप के ज्योतिष कारण |
Relationship mai Samasya Ke kaaran 


टेबल ऑफ़ कंटेंट :

आइये जानते हैं ब्रेकअप के कुछ सामान्य कारण :

  1. शक करना : अधिकाँश टूटते रिश्तो में देखा गया है की जब किसी पार्टनर को शक करने की आदत हो जाती है तो फिर दूरियां बढ़ने लगती है |
  2. झूठ बोलना: जब कोई पार्टनर एक दूसरे से बाते छुपाना शुरू करता है तो रिश्तो में खटास आने लगती है |
  3. प्रभुत्त्व ज़माना : परिवार में कभी कोई एक साथी दूसरे पर प्रभुत्व ज़माना शुरू कर देता है जिसके कारण दूरियाँ बढ़ने लगती  है | एक स्वस्त रिश्ता एक दूसरे के साथ से चलता है न की प्रभुत्व से | 
  4. ईर्ष्या की भावना का उत्पन्न होना : कभी कभी ऐसा होता है की अपने साथी की सफलता और प्रसिद्धि पसंद नहीं आती है और ईर्ष्या की भावना बढ़ने लगती है, ये भी रिश्ते टूटने की एक वजह होती है | 
  5. बेवफ़ाई: कुछ लोगों के अन्दर कामवासना ज्यादा होती है जिसके कारण वो 1 से अधिक सम्बन्ध बनाते हैं और इसके कारण भी रिश्ते टूट जाते हैं | 
  6. स्वस्थ संचार की कमी : ये एक बहुत ही बड़ा कारण होता है जिसके कारण अनेक प्रकार की समस्या उत्पन्न होती | अतः एक दूसरे से बात करें खुल के, कोई भी मतभेद को बढ़ने न दे, किसी भी प्रकार की गलत फहमी को तुरंत बात करके दूर करें |
  7. सम्मान की कमी: ऐसा अक्सर देखा जाता है की रिश्ते की शुरुआत में दोनों एक दूसरे को बहुत सम्मान देते हैं, एक दूसरे की बात मानते हैं पर समय के साथ एक दूसरे के लिए मान सम्मान में कमी आने लगती है और इसके कारण रिश्तो में खटास बढ़ने लगती है | 
  8. प्राथमिकताओं में अंतर: परस्पर विरोधी प्राथमिकताएँ रिश्तों के विफल होने का एक और सामान्य कारण है। जब आपको ये लगता है की आपके साथी की प्रकृति, लक्ष्य, प्राथमिकताएं आपसे बहुत ज्यादा अलग हा तो आपके रिश्ते में दरार शुरू होने लगती है | उदाहरण के लिए एक साथी सिर्फ अपने करियर में बढ़ना चाहता है पर दूसरे की ईच्छा परिवार बढाने की हो तो ऐसे में विचारों के भेद के कारण रिश्ते टूट सकते हैं | 
  9. अंतरंगता में कमी : ऐसा अक्सर देखा गया है की समय के साथ किसी एक साथी की सेक्स करने में रूचि कम हो जाती है जो की रिश्तो में दूरियां बढ़ाती है |

आइये अब जानते हैं असफल रिलेशनशिप के कुछ ज्योतिष कारण: 

ज्योतिष के अंतर्गत कुंडली में मौजूद ग्रहों के अध्ययन से हम ये जान सकते हैं की रिश्तो में समस्या क्यों आ रही है | 

  • अगर जन्म कुंडली में लग्न कमजोर हो तो जातक की निर्णय लेने की क्षमता  को प्रभावित करता है और जातक रिश्तो को लेके मजबूत निर्णय नहीं ले पाता है सही समय में जिससे उसे परेशानी आती है जीवन में |
  • अगर जन्म कुंडली में पंचम भाव ख़राब हो या फिर पंचम भाव के स्वामी कमजोर हो या फिर शत्रु के हो या फिर नीच के हो तो जातक को अच्छे सम्बन्ध बनाए रखने में परेशानी आती है | 
  • अगर जन्म कुंडली में सप्तम भाव ख़राब हो, सप्तम भाव का स्वामी ख़राब हो या फिर सप्तम भाव पर ख़राब ग्रह की दृष्टी हो तो भी जातक को रिलेशनशिप में समस्याओं का सामना करना पड़ता है | 
  • अगर जन्म कुंडली में ग्यारहवां भाव खराब हो या फिर ग्यारहवां भाव का स्वामी कमजोर हो या शत्रु राशि में हो तो भी जातक को समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है रिलेशनशिप में |
  • अगर जन्म पत्रिका में सुख भाव दूषित हो, अशुभ ग्रहों से युक्त हो तो भी जातक को बहुत समस्याओं से गुजरना पड़ता है |
  • ये भी देखा गया है की प्रेम, रोमांस का कारक ग्रह शुक्र के अशुभ या कमजोर होने पर जातक को सुखी और संतोष जनक सम्बन्ध बनाने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है | 

किसी भी रिश्ते में बंधने से पहले रखें इन बातों का ध्यान :

  1. किसी भी रिश्ते को ठप्पा लगाने से पहले कुछ समय गुजारें अर्थात एक दूसरे के साथ समय गुजार के समझने का प्रयास करें |
  2. बॉय फ्रेंड या गर्ल फ्रेंड बनाने में जल्दी न करें |
  3. विवाह के बारे में निर्णय जल्दी में बिलकुल न ले |
  4. विवाह से पहले जन्म पत्रिका मिलवाने के साथ ही सामने वाले की मेडिकल हिस्ट्री भी जाने |
  5. अगर आपकी आदत ताने मारने की है तो उसे सुधार ले अन्यथा रिश्तो में परेशानी आएगी |
  6. बिलकुल परफेक्ट की तलाश न करें, सबमे कुछ न कुछ कमी तो रहेगी ही |
  7. अपने हैसियत के हिसाब से ही सम्बन्ध बनाएं अन्यथा पुरी जिन्दगी परेशां रहेंगे |

रिलेशनशिप में सफलता के लिए ज्योतिष उपाय :

यहाँ पर बताना चाहेंगे की ज्योतिष उपाय के लिए कुंडली का विश्लेषण करना जरुरी होता है क्यूंकि हर एक व्यक्ति के ऊपर ग्रहों का प्रभाव अलग अलग होता है तो सबके लिए उपाय अलग अलग ही होते हैं |

यहाँ पर कुछ उपाय जानकारी के लिए बताएं जा रहे हैं –

  • प्रेम जीवन में प्रगाढ़ता को बढाने के लिए कामदेव मंत्र का जप कर सकते हैं |
  • शुक्र के बल को बढाने के लिए शुक्र ग्रह के मंत्र का जप कर सकते हैं | 
  • जिस ग्रह के कारण प्रेम संबंधो में परेशानी आ रही हो उस ग्रह की शांति पूजा करवाना फायदेमंद होता है | 
  • नियमित रूप से शिव और शक्ति की पूजा करनी चाहिए |
  • जातक जन्म कुंडली के आधार पर जरुरी ग्रह से सम्बंधित रत्न भी धारण कर सकते हैं |
  • सकारात्मक सोचें, सकारात्मक लोगो के साथ समय बिताएं | इससे आपकी आकर्षण शक्ति बढ़ेगी और काफी लाभ होगा |

तो अगर आप अच्छा रिलेशनशिप चाहते हैं तो आपको धैर्य के साथ अगर बढ़ना होगा, सोच समझकर निर्णय लेना होगा | 

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