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Sri Anantha Padmanabha Stotram Ke Fayde aur Lyrics

Sri Anantha Padmanabha Stotram Ke Fayde aur Lyrics, अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम् के लाभ, ईच्छा पूरी करने वाला दिव्य स्त्रोत्रम.  श्री अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम्  श्री महाविष्णु को समर्पित है, जो हजार फन वाले सांप की शैय्या पर लेटे हुए हैं। जो भक्त इस स्त्रोत्रम का पाठ करता है, वह दीर्घायु और स्वस्थ जीवन प्राप्त करता है और उसे परमज्ञान की प्राप्ति होती है।  Sri Anantha Padmanabha Stotram Ke Fayde aur Lyrics श्री अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम् पाठ के लाभ: इसके पाठ से जातक खोई हुई संपत्ति वापस पा सकता है.  इसके पाठ से दंपत्ति को वैवाहिक सुख प्राप्त होता है और सुखी जीवन जीने में मदद मिलती है। इसके पाठ से शरीर और मन शुद्ध होते हैं.  पूर्ण भक्ति और ईमानदारी के साथ  श्री अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम् का पाठ करने से व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है.  सुनिए YouTube में  Lyrics of Sri Anantha Padmanabha Mangala Stotram: श्रियःकान्ताय कल्याणनिधये निधयेऽर्थिनाम् । श्री शेषशायिने अनन्तपद्मनाभाय मङ्गलम् ॥ १ ॥ स्यानन्दूरपुरीभाग्यभव्यरू...

Bhadrakali Jayanti Ka Mahattw in Hindi Jyotish

Bhadrakali jayanti Ka Mahattw, भद्रकाली जयंती का महत्त्व, bhadrakali jayanti 2024 Date.

Bhadrakali Jayanti 2024: देवी भद्रकाली की पूजा के लिए पुरे वर्ष में एक ख़ास दिन होता है और वो होता है ज्येष्ठ महीने की कृष्ण पक्ष की ग्यारस तिथि | ये दिन “भद्रकाली जयंती” के रूप में मनाया जाता है | ये दिन “भद्रकाली एकादशी” के नाम से भी जाना जाता है |

काली माता भगवती का उग्र रूप हैं जो की नकारात्मक शक्तियों का नाश कर देती हैं | माँ काली के भक्तो के लिए ये दिन बहुत ही ख़ास होता है और लोग इस दिन विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान करते हैं देवी कृपा प्राप्त करने के लिए | 

Bhadrakali Jayanti Ka Mahattw, Jyotish, 2024 में भद्रकाली जयंती कब है ?, भद्रकाली का जन्म कैसे हुआ ?, भद्रकाली जयंती का महत्व, भद्रकाली जयंती
Bhadrakali Jayanti Ka Mahattw in Hindi Jyotish


अनुक्रमणिका:

2024 में भद्रकाली जयंती कब है ?

इस साल Bhadrakali Jayanti  2 जून रविवार को है | हिन्दू पंचांग के अनुसार इस दिन ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की एकादशी है और यही वो दिन है जब माँ काली प्रकट हुई थी | 

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भद्रकाली का जन्म कैसे हुआ ?:

जब दक्ष प्रजापति ने महान अश्वमेध यज्ञ के आयोजन के दौरान भगवान शिव का अपमान किया तो माता सती ने अग्निकुंड में कूद कर अपनी जान दे दी. तभी उन्होंने भद्रकाली का रूप धारण किया. भगवान् शिव इस आघात को सहन नहीं कर पाए और उन्होंने वीरभद्र का रूप धारण किया|

एक अन्य कथा के अनुसार डरिका नाम की राक्षसी ने भगवान ब्रह्मा की कठोर तपस्या करके उनसे अमरता का वरदान प्राप्त किया. ब्रम्हा जी के वरदान के अनुसार उसे किसी भी प्रकार से मारा नहीं जा सकता था| वरदान मिलने के पश्चात् डरिका ने लोगो को परेशान करना शुरू कर दिया | जब भगवान शिव को इस बारे में पता चला तो भगवान् शिव ने अपना तीसरा नेत्र खोला जिसमे से देवी भद्रकाली का जन्म हुआ. तो उन्होंने देवी भद्रकाली को राक्षस को मारने और दुनिया में शांति स्थापित करने के लिए बनाया| देवी भद्रकाली ने डारिका का विनाश किया.

पढ़िए शत्रु नाश के लिए काली स्तम्भन मंत्र प्रयोग 

भद्रकाली जयंती का महत्व:

ये दिन काली माता के भक्तो के लिए विशेष हैं, इस दिन जो लोग विशेष पूजा अर्चना करते हैं वे अपने जीवन में दुखो से मुक्ति पाते हैं, नकारात्मक ऊर्जाओं से छुटकारा पाते हैं, रोग और शोक से छुटकारा पाते हैं | माँ भद्रकाली जयंती ko माता की पूजा से परिवार में शांति व्याप्त होती है, जन्म  कुंडली में अगर बहुत समस्या है तो उससे मुक्ति मिलती है | स्त्री श्राप से भी मुक्ति के लिए इस दिन पूजन होता है |

आइये जानते हैं की भद्रकाली जयंती के दिन भक्त गण क्या करते हैं ?

  1. इस दिन माँ काली के मंदिर में विशेष पूजा अर्चना होती है | देवी का आशीर्वाद पाने के लिए उनका अभिषेक किया जाता है, उन्हें फल, फूल,पान,निम्बू और मिठाइयाँ चढ़ाई जाती हैं ।
  2. इस दिन कुछ लोग उपवास रखते हैं जिससे शरीर शुद्ध होता है, स्वस्थ होता है और साधना के लिए तैयार होता है | 
  3. कुछ लोग माँ काली का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए देवी के मंत्रो से हवन करते हैं | 
  4. इस दिन भक्त माँ के १०८ या फिर १००८ मंत्रो का जप करते हैं | 
  5. कुछ लोग दिन भर माता के भजन और कीर्तन करते हैं | 
  6. इस दिन काली माँ के मंदिरों को खूब सजाया जाता है | भक्त मंदिरों में प्रसाद चढाते हैं और बांटते हैं | 
  7. कुछ स्थानों mai भक्त माता भद्रकाली की सवारी भी निकालते हैं | 
  8. तांत्रिक साधना करने वाले लोग इस दिन देवी की कृपा प्राप्त करने के लिए तंत्र साधना करते हैं | 

देवी भद्रकाली के पूजन का आसान तरीका :

  • इस दिन सभी भक्त प्रातःकाल जल्दी उठकर नित्यक्रियाओं से निवृत  होक अपने पूजन स्थल पर शांति से बैठे |
  • माँ के मूर्ति को सामने रखें |
  • पंचामृत(जल, दूध, चीनी, शहद और घी) से माता का अभिषेक करें |
  • आप नारियल पानी से भी अभिषेक कर सकते हैं | 
  • अब देवी की पंचोपचार पूजा करें | 
  • देवी पूजन के पश्चात दुर्गा कवच या फिर देवी के १०८ नाम का जप या फिर १००८ नाम का जप कर सकते हैं |

माँ भद्रकाली का मंत्र कौन सा है :

ॐ भद्रकाल्यै नमः

इस मंत्र का जप सभी कर सकते हैं और माता के आशीर्वाद को प्राप्त कर सकत हैं |

इसी मंत्र के akhir में स्वाहा लगा के हवन भी किया जा सकता है |

भारत में भद्रकाली के 11 प्रसिद्ध मंदिर कहाँ कहाँ हैं ?

  1. कालीघाट काली मंदिर, कोलकाता
  2. दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कोलकाता
  3. भद्रकाली मंदिर, वारंगल
  4. काली बाड़ी मंदिर, दिल्ली
  5. काली मंदिर पटना
  6. गढ़ कालिका मंदिर, उज्जैन 
  7. काली बाड़ी मंदिर शिमला 
  8. माँ काली टेम्पल कांगरा
  9. माँ काली का मंदिर वाराणसी 
  10. तिरुवनैकवल भद्रकाली मंदिर, तमिलनाडु
  11. बैताला देउल भुवनेश्वर

तो हम भद्रकाली जयंती के दिन देवी पूजा घर में भी कर सकते हैं और माता के मंदिर में जाके भी कर सकते हैं | देवी का आवाहन जरुर करें और अपने जीवन में से दुःख, दरिद्रता, डर, रोग, शोक को समाप्त करें |

तो आपको इस लेख में महत्त्वपूर्ण जानकारी मिल गई होगी की 2024 में भद्रकाली जयंती कब है ?, भद्रकाली का जन्म कैसे हुआ ?, भद्रकाली जयंती का महत्व, भद्रकाली जयंती के दिन भक्त गण क्या करते हैं ?, देवी भद्रकाली के पूजन का आसान तरीका , माँ भद्रकाली का मंत्र कौन सा है , भारत में भद्रकाली के 11 प्रसिद्ध मंदिर कहाँ कहाँ हैं ?|

आप सभी को भद्रकाली जयंती की बहुत बहुत शुभ कामनाएं |

Bhadrakali jayanti Ka Mahattw, भद्रकाली जयंती का महत्त्व, bhadrakali jayanti 2024 Date.

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