Sri Anantha Padmanabha Stotram Ke Fayde aur Lyrics, अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम् के लाभ, ईच्छा पूरी करने वाला दिव्य स्त्रोत्रम. श्री अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम् श्री महाविष्णु को समर्पित है, जो हजार फन वाले सांप की शैय्या पर लेटे हुए हैं। जो भक्त इस स्त्रोत्रम का पाठ करता है, वह दीर्घायु और स्वस्थ जीवन प्राप्त करता है और उसे परमज्ञान की प्राप्ति होती है। Sri Anantha Padmanabha Stotram Ke Fayde aur Lyrics श्री अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम् पाठ के लाभ: इसके पाठ से जातक खोई हुई संपत्ति वापस पा सकता है. इसके पाठ से दंपत्ति को वैवाहिक सुख प्राप्त होता है और सुखी जीवन जीने में मदद मिलती है। इसके पाठ से शरीर और मन शुद्ध होते हैं. पूर्ण भक्ति और ईमानदारी के साथ श्री अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम् का पाठ करने से व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है. सुनिए YouTube में Lyrics of Sri Anantha Padmanabha Mangala Stotram: श्रियःकान्ताय कल्याणनिधये निधयेऽर्थिनाम् । श्री शेषशायिने अनन्तपद्मनाभाय मङ्गलम् ॥ १ ॥ स्यानन्दूरपुरीभाग्यभव्यरू...
Deepawali Ki Pooja Kab Kare 2024, दीपावली पूजा का समय, कब करे महालक्ष्मी की पूजा, जानिए अच्छे चोघडिये और स्थिर लग्न का समय ज्योतिष के हिसाब से दिवाली पूजन के लिए.
आइये जानते हैं दिवाली पूजन की सही तारीख २०२४ :
अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दिन में लगभग 3:54 पे शुरू होगा और 1 नवम्बर को शाम 6:16 बजे तक रहेगा अतः दीपावली पूजन 31 की रात्री को ही करना शुभ रहेगा |दीपोत्सव बहुत ही ख़ास होता है हर हिन्दू के लिए क्यूंकि इस दिन विशेष रूप से धन की देवी महालक्ष्मी की पूजा होती है जो की अपने भक्तो को प्रसन्न होने पर धन, वैभव प्रदान करती है जिससे व्यक्ति इस भौतिक संसार में ऐशो आराम से जीता है.
अलग अलग लोगो की ईच्छा अलग अलग होती है और उसी के अनुसार अलग अलग महूरत भी होते हैं, जिनको जो चाहिए उस हिसाब से महूरत में पूजन करना चाहिए.
यहाँ आपके सुविधा के लिए विशेष महूरत और स्थिर लग्न का बताया जा रहा है जिसमे पूजन करके हम अपनी दिवाली को सफल कर सकते हैं.
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Deepawali Ki Pooja Kab Kare? |
दिवाली प्रकाश का उत्सव है और ये कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाया जाता है. भारतीय लोग इस उत्सव को बहुत ही हर्ष और उल्लास से मनाते हैं पूरी दुनिया में.
हर व्यक्ति के लिए धन बहुत महत्त्व रखता है और इसी कारण रोज हर कोई धन पाने के लिए संघर्ष करता रहता है. दिवाली पर पूजन करने से माता की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के आय के स्त्रोत खुलते हैं.
जानिए कब करे दिवाली पूजन, लक्ष्मी पूजन महुरत कब करे दीपावली की पूजा ?
सबसे महत्त्वपूर्ण प्रश्न ये है की वैदिक ज्योतिष के हिसाब से की कब करना चाहिए लाक्स्मीजी का पूजन जिससे शुभ परिणाम प्राप्त हो और मनोकामना की पूर्ति हो.
अलग अलग लोगो की ईच्छा अलग अलग होती है और उसी के अनुसार अलग अलग महूरत भी होते हैं, जिनको जो चाहिए उस हिसाब से महूरत में पूजन करना चाहिए.
यहाँ आपके सुविधा के लिए विशेष महूरत और स्थिर लग्न का बताया जा रहा है जिसमे पूजन करके हम अपनी दिवाली को सफल कर सकते हैं.
आइये जान लेते हैं 31 october 2024 की रात्रि को दिवाली के दिन ग्रहों की स्थिति कैसी रहने वाली है ?
- सूर्य अपने नीच राशि तुला में रहेंगे |
- चन्द्रमा अपने सम राशि तुला में रहेंगे |
- मंगल अपने नीच राशि कर्क में रहेंगे |
- बुध अपने सम राशि वृश्चिक में रहेंगे |
- गुरु अपने शत्रु राशि वृषभ में रहेंगे |
- शुक्र अपने सम राशि वृश्चिक में रहेंगे |
- शनि स्व राशि कुम्भ में रहेंगे |
- राहू अपने मित्र राशि मीन में रहेंगे |
- केतु अपने मित्र राशि कन्या में रहेंगे |
साधना के लिए समय उत्तम रहेगा पर यात्रा करने के लिए दिन शुभ नहीं है, दुर्घटनाये और आगजनी की घटनाओं में बढ़ोतरी होगी | तुला राशि के लोगो को विशेष सावधानी रखना होगी |
आइये अब जानते लक्ष्मी पूजन के लिए पूजा का समय :
- शाम को 4:30 से 6:00 का समय पूजन के लिए शुभ रहेगा |
- शाम को 6:00 से 7:30 में पूजन के लिए अमृत का चौघड़िया मिलेगा लक्ष्मी पूजन के लिए |
- रात्रि में 7:30 से 9 में चर का चौघड़िया मिलेगा लक्ष्मी पूजन के लिए |
- रात्री में 12 बजे लाभ का का चौघड़िया मिलेगा लक्ष्मी पूजन के लिए जो की सबसे अच्छा समय होगा दिवाली पूजन के लिए |
- स्थिर लग्न (वृषभ लग्न) का मुहूर्त शाम 6:24 बजे से रात 8:18 बजे तक है।
और पढ़िए दिवाली पूजा कैसे करे आसानी से
आप सभी को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
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दीपावली पूजा का समय, कब करे महालक्ष्मी की पूजा, जानिए अच्छे चोघडिये और स्थिर लग्न का समय ज्योतिष के हिसाब से दिवाली पूजन के लिए.
दीपावली पूजा का समय, कब करे महालक्ष्मी की पूजा, जानिए अच्छे चोघडिये और स्थिर लग्न का समय ज्योतिष के हिसाब से दिवाली पूजन के लिए.
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