Sri Anantha Padmanabha Stotram Ke Fayde aur Lyrics, अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम् के लाभ, ईच्छा पूरी करने वाला दिव्य स्त्रोत्रम. श्री अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम् श्री महाविष्णु को समर्पित है, जो हजार फन वाले सांप की शैय्या पर लेटे हुए हैं। जो भक्त इस स्त्रोत्रम का पाठ करता है, वह दीर्घायु और स्वस्थ जीवन प्राप्त करता है और उसे परमज्ञान की प्राप्ति होती है। Sri Anantha Padmanabha Stotram Ke Fayde aur Lyrics श्री अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम् पाठ के लाभ: इसके पाठ से जातक खोई हुई संपत्ति वापस पा सकता है. इसके पाठ से दंपत्ति को वैवाहिक सुख प्राप्त होता है और सुखी जीवन जीने में मदद मिलती है। इसके पाठ से शरीर और मन शुद्ध होते हैं. पूर्ण भक्ति और ईमानदारी के साथ श्री अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम् का पाठ करने से व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है. सुनिए YouTube में Lyrics of Sri Anantha Padmanabha Mangala Stotram: श्रियःकान्ताय कल्याणनिधये निधयेऽर्थिनाम् । श्री शेषशायिने अनन्तपद्मनाभाय मङ्गलम् ॥ १ ॥ स्यानन्दूरपुरीभाग्यभव्यरू...
अशुभ गुरु के उपाय, जानिए कुछ आसान उपाय गुरु के दुष्प्रभाव को कम करने के, कैसे पायें गुरु की कृपा.
![]() |
Ashubh Guru Ke Upaay Jyotish Me |
गुरु के उपाय जानने से पहले आइये जानते हैं की ख़राब गुरु और कमजोर गुरु में क्या अंतर है. अशुभ गुरु मतलब है की गुरु शत्रु राशि में बैठा है परन्तु कमजोर गुरु शुभ और अशुभ दोनों हो सकता है.इस लेख में हम सिर्फ अशुभ गुरु के उपाय ही देखने वाले है. कमजोर और दूषित गुरु के उपाय अलग अलग होते हैं अतः भ्रमित नहीं होना चाहिए.गुरु हमारे जीवन में बहुत महत्त्व रखता है और वैदिक ज्योतिष के हिसाब से गुरु बुद्धिमत्ता, पढ़ाई की शक्ति, धर्म, बैंकिंग, ज्ञान अर्जित करने की शक्ति, दुसरो को प्रभावित करने की शक्ति आदि से सम्बन्ध रखता है.अगर कुंडली में गुरु शुभ है तो जातक को सफल और आनंदायक जीवन की प्राप्ति बहुत ही आसानी से हो जाती है. वही दूषित गुरु अनेको समस्याएं उत्पन्न करता है जीवन में.
आइये जानते हैं की जन्मपत्रिका में गुरु अशुभ कैसे होता है ?
- कुंडली में गुरु अगर वृषभ राशि का बैठा हो तो ख़राब प्रभाव उत्पन्न करता है |
- मिथुन राशी का गुरु भी शत्रु का होता है और जातक के जीवन में परेशानी उत्पन्न करता है |
- तुला राशी का बृहस्पति भी अशुभ प्रभाव उतपन्न करता है |
- मकर राशि का बृहस्पति तो नीच का होता है और इससे जातक को और गंभीर परिणाम भुगतना पड़ता है |
- इसके अलावा अगर गुरु राहु या केतु के साथ बैठ जाए कुंडली के किसी भी भाव मे तो गुरु ग्रहण योग का निर्माण करता है और जातक को विभिन्न प्रकार के आर्थिक, पारिवारिक और सामाजिक परेशानियाँ देता है |
आइये जानते हैं की किस प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती है ख़राब गुरु के कारण:
- अशुभ गुरु के कारण जातक को पढ़ाई में परेशानी आ सकती है.
- अशुभ गुरु जातक को नास्तिक बना सकता है.
- जातक के सम्बन्ध गुरु जानो से बिगड़ जाते हैं.
- जातक को धन – संपत्ति इकठ्ठा करने में परेशानी आती है.
- जातक दुसरो पर प्रभाव नहीं जमा पाता है.
- जातक का लीवर भी कमजोर हो सकता है.
अगर गुरु के कारण जीवन समस्या से ग्रस्त हो गया है तो अच्छे ज्योतिष से परामर्श ले के सही उपाय को अपनाना चाहिए.
गुरु पुष्य का महत्त्व
Watch Video here:
आइये जानते हैं कुछ आसान उपाय अशुभ गुरु के प्रभाव को कम करने के लिए:
- गुरु शांति पूजा एक अच्छा तरीका है गुरु के दुष्प्रभाव को कम करने का.
- रोज गुरु के १०८ मंत्रो का कम से कम जप करे और अच्छे जीवन के लिए प्रार्थना करे.
- गुरुवार का व्रत करे और गुरु के चीजो का दान करे गुरुवार को.
- पुखराज धारण न करे अगर कुंडली में गुरु ख़राब है तो. पढ़िए पिला पुखराज का महत्त्व ज्योतिष में|
- किसी मंदिर में रोज जाएँ और ब्राह्मणों का आशीर्वाद ले.
- गुरुवार को मंदिर में केले का भोग लगाएं. पढ़िएगुरुवार को सफल बनाने के टोटके|
- गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करके दीपक लगाएं.
अशुभ गुरु के उपाय, जानिए कुछ आसान उपाय गुरु के दुष्प्रभाव को कम करने के,How to reduce ill effects of Jupiter?,कैसे पायें गुरु की कृपा.
Comments
Post a Comment