Sri Anantha Padmanabha Stotram Ke Fayde aur Lyrics, अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम् के लाभ, ईच्छा पूरी करने वाला दिव्य स्त्रोत्रम. श्री अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम् श्री महाविष्णु को समर्पित है, जो हजार फन वाले सांप की शैय्या पर लेटे हुए हैं। जो भक्त इस स्त्रोत्रम का पाठ करता है, वह दीर्घायु और स्वस्थ जीवन प्राप्त करता है और उसे परमज्ञान की प्राप्ति होती है। Sri Anantha Padmanabha Stotram Ke Fayde aur Lyrics श्री अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम् पाठ के लाभ: इसके पाठ से जातक खोई हुई संपत्ति वापस पा सकता है. इसके पाठ से दंपत्ति को वैवाहिक सुख प्राप्त होता है और सुखी जीवन जीने में मदद मिलती है। इसके पाठ से शरीर और मन शुद्ध होते हैं. पूर्ण भक्ति और ईमानदारी के साथ श्री अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम् का पाठ करने से व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है. सुनिए YouTube में Lyrics of Sri Anantha Padmanabha Mangala Stotram: श्रियःकान्ताय कल्याणनिधये निधयेऽर्थिनाम् । श्री शेषशायिने अनन्तपद्मनाभाय मङ्गलम् ॥ १ ॥ स्यानन्दूरपुरीभाग्यभव्यरू...
यौन प्रवृत्ति को जानिए कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति के अनुसार, जानिए सेक्स की शक्ति को ज्योतिष के माध्यम से, कैसे जाने किसी की यौन शक्ति को, कैसे बढायें अपनी क्षमता ज्योतिष के द्वारा.
सुखी वैवाहिक जीवन के लिए यौन शक्ति का होना और बना रहना अति आवश्यक होता है. ज्योतिष के माध्यम से भी हम अपने अन्दर और दुसरे के अन्दर की शक्तियों को पहचान सकते हैं. इस लेख में हम इसी विषय को और अधिक समझने का प्रयास करेंगे.
मंगल ग्रह शक्ति का प्रतिक है और किसी के कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति को देखके हम उसके शक्ति का अंदाजा लगा सकते हैं. यौन शक्ति को भी इसी ग्रह के अध्ययन से थोडा बहुत समझ सकते हैं.
आइये देखते हैं मंगल ग्रह के कुछ स्थितियों को:
- जब मंगल कुंडली के पहले भाव में बैठा हो: ये व्यक्ति को उर्जा और उत्साह से भर देता है. ऐसे व्यक्ति मजबूत सम्बन्ध बनाने की क्षमता रखते हैं. कभी कभी ऐसे लोगो को संतुष्ट करना मुश्किल हो जाता है. ऐसे जातको के जीवन साथी इनके साथ को काफी पसंद करते हैं.
- अगर मंगल कुंडली के दुसरे भाव में मौजूद हो : ऐसे लोगो को समझना थोड़ा मुश्किल हो जाता है, ऐसे लोग खुद ही नहीं समझ पाते हैं की उनको क्या चाहिए. विचलितता उन्हें परेशान कर सकती है. ये अपने जीवन साथी को ये समझाने में कभी कभी असफल हो जाते हैं की उन्हें क्या चाहिए.
- मंगल कुंडली के तीसरे भाव में : ऐसे लोग बहुत बहादुर होते हैं और मानसिक शक्ति भी अच्छी होती है जिससे ये अच्छे और शक्तिशाली यौन सम्बन्ध बनाने में सक्षम होते हैं. परन्तु ऐसे लोग कभी कभी अपनी भावनाओं को खुलके जीवनसाथी के सामने नहीं रख पाते हैं.
- जब मंगल कुंडली के चौथे भाव में बैठा हो: ऐसे लोग यौन क्रीड़ा का आनंद लेने के लिए हमेशा तैयार रह सकते हैं. ऐसे लोग सेक्स करते समय उसका गहराई से आनंद लेना चाहते हैं और ऐसे मे वो सामने वाले का भी कभी कभी ध्यान रखने से चूक जाते हैं.
- जब मंगल कुंडली के पांचवे घर में हो: ऐसे लोग सम्बन्ध बनाने के समय अपनी विद्वता और समझ का स्तेमाल करते हैं. ऐसे लोग न ही ज्यादा उत्साहित होते है और न ही कम, ऐसे लोगो को अपनी भावना को नियंत्रित करना आता है. ये पहले स्थिति को समझने का प्रयास करते हैं फिर उसमे आगे समझदारी से बढ़ते हैं.
- जब मंगल कुंडली के छठे घर में हो: ऐसे लोग सेक्स को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते हैं और इसे बस एक जरुरत मान के करते हैं. अतः ऐसे लोगो के साथ यौन संबंधो का आनंद लेना थोड़ा मुश्किल हो सकता है.
- मंगल जब कुंडली के सातवे घर में हो: ऐसे लोग रोमांटिक होते हैं, विनोदी होते हैं, हँसना और हँसाना जानते हैं. ऐसे लोग अपनी इच्छा को आसानी से जाहिर कर देते हैं और सम्बन्ध भी बहुत आसानी से बना लेते हैं.
- जब मंगल आठवे घर में हो: ऐसे लोग यौन सम्बन्ध बनाने के समय उसमे काफी अन्दर तक उतरना चाहते हैं. कभी कभी तो ऐसे लोग आक्रामक भी हो जाते हैं और अपने साथी से भी सहयोग चाहते हैं. कभी कभी ऐसे लोग जीवन साथी का भी ध्यान नहीं रख पाते हैं सम्बन्ध बनाने के समय.
- जब मंगल कुंडली के नवे घर में हो: ऐसे लोग सामंजस्य बनाना जानते हैं, ये स्थिति को समझकर उसके अनुरूप ही आचरण करते हैं. ये बिलकुल पागल नहीं होना चाहते हैं इस विषय को लेके.
- मंगल कुंडली के दशवे घर में : ऐसे लोग यौन सम्बन्ध बनाने के लिए आतुर रह सकते हैं और गहरा उतरना चाहते हैं.
- मंगल कुंडली के ग्यारहवे भाव में: ऐसे लोग अपनी भावना को व्यक्त करने में कमजोर पड़ जाते हैं परन्तु सम्बन्ध बनाने के इच्छुक होते हैं. ऐसे लोग आसानी से संतुष्ट हो जाते हैं. ऐसे लोग स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक होते हैं.
- कुंडली के बारहवे भाव में मंगल का प्रभाव: ये किसी भी हालत में सम्बन्ध बनाके उसका आनंद लेना चाहते हैं. ये संबंधो को आनंद लेने के लिए खर्चा करने से भी नहीं चुकते हैं. इनको सामने वाले की भावना से कोई मतलब नहीं रहता है बस इनको आनंद मनाना है.
एक महत्त्वपूर्ण बात: ऊपर हमने मंगल ग्रह के हिसाब से जातक के यौन प्रवृत्ति का अध्ययन किये है परन्तु सिर्फ इसके आधार पर हम किसी नतीजे पर नहीं पंहुच सकते हैं. इसके लिए कुंडली के अन्य पहलुओं को भी ध्यान में रखना होता है.
कुंडली दिखवाने के लिए अच्छे ज्योतिष से संपर्क करे फिर किसी नतीजे पर पंहुचे और समस्या का समाधान भी पायें.
राशि अनुसार जानिए यौन शक्ति को
राशि अनुसार जानिए यौन शक्ति को
Mangal grah se janiye yaun pravratti ko hindi jyotish mai, kaise jaane kisi ke yaun shakti ke baare mai jyotish se, कैसे बढायें अपनी क्षमता ज्योतिष के द्वारा.
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