Navratri 17 october 2020 Se Kyu Khaas Hai, कैसे करे कलश स्थापना, महुरत, मनोकामना पूरी करने के लिए देवी का मंत्र |
Navratri 17 october 2020 Se Kyu Khaas Hai |
बात जब होती है शक्ति आराधना की तब नवरात्री/दुर्गा पूजा की याद अवश्य आती है, बात जब होती है गरबा खेलने की तब भी नवरात्री की याद अवश्य आती है| 2020 में १७ अक्टूबर, शनिवार से आश्विन मास की नवरात्री शुरू हो रही है और कुछ विशेष योगो को लेकर शुरू हो रही है|
आइये जानते हैं सबकुछ इसके बारे में, क्या करे जीवन को सफल बनाने के लिए |
कब कर सकते हैं घट स्थापना :
- अगर आप शुभ महूरत में घट स्थापना करना चाहते हैं तो सुबह ७:30 से ९ के बीच करे|
- ध्यान रहे की राहू काल रहेगा सुबह ९ से १०:30 तक |
- चर महूरत रहेगा दोपहर को १२ से १:30 तक |
- लाभ का महूरत रहेगा दोपहर को १:३० से ३ बजे तक और शाम को ६:०० से ७:30 तक |
- अमृत का महूरत रहेगा दोपहर को ३ से शाम ४:30 तक |
आइये जानते हैं की कौन से महूरत में करने से कौन सी मनोकामना सिद्ध हो सकती है :
- अगर आपके जीवन में सबकुछ है और आप शांति , शुभता चाहते हैं अपने लिए और दुसरो के लिए तो शुभ के महूरत में घट स्थापना करे |
- अगर आप व्यापार से जुड़े है और लाभ बढ़ाना चाहते हैं तो लाभ या फिर चर के महुरत में कर सकते हैं घट स्थापना |
- अगर आप किसी रोग से परेशां है और स्वास्थ्य के लिए माता की अराधना करना चाहते है तो अमृत के महूरत में करे घट स्थापना |
क्या कर सकते हैं इस नवरात्री में ?
- ९ दिनों तक माता के नौ रूपों/नवदुर्गाओं की पूजा कर सकते हैं |
- अखंड दीपक लगा सकते हैं ९ दिनों तक विशेष मनोकामना की सिद्धि हेतु |
- मौन व्रत रख सकते हैं ९ दिनों के लिए और निरंतर माता का ध्यान कर सकते हैं |
- दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकते हैं |
- नवार्ण मंत्र का जाप कर सकते हैं |
- अगर किसी ने काला जादू किया हो तो उसका उपाय भी नवरात्री में संभव है |
- नवमी को कन्या पूजन करके भोजन करा सकते हैं
- इसके अलावा अपने इष्ट मन्त्र या फिर गुरु मंत्र का जप कर सकते हैं |
- अगर आपके ऊपर काला जादू का प्रयोग हुआ है तो उसके निराकरण के लिए प्रयोग कर सकते हैं |
- श्री यन्त्र स्थापित करके साधना कर सकते हैं | और पढ़िए नवरात्री में करने हेतु अचूक प्रयोग
आइये अब जानते हैं किस दिन किस देवी की पूजा होगी नवरात्री में :
- १७- अक्टूबर- मां शैलपुत्री का पूजन होगा |
- १८- अक्टूबर- मां ब्रह्मचारिणी का पूजन होगा |
- १९- अक्टूबर- मां चंद्रघंटा का पूजन होगा |
- २०- अक्टूबर- मां कुष्मांडा का पूजन होगा |
- २१- अक्टूबर- मां स्कंदमाता का पूजन होगा |
- २२- अक्टूबर- षष्ठी मां कात्यायनी का पूजन होगा |
- २३- अक्टूबर- मां कालरात्रि का पूजन होगा |
- २४- अक्टूबर- मां महागौरी दुर्गा का पूजन होगा |
- २५- अक्टूबर- मां सिद्धिदात्री का पूजन होगा |
आइये जानते हैं क्या फायदा होगा नवरात्री में अखंड ज्योत जलाने का :
अगर कोई देवी भक्त कोई विशेष मनोकामना को पूरी करना चाहते हैं तो वे अखंड ज्योत जला सकते हैं परन्तु ये ध्यान रखे की जब माता के नाम से अखंड ज्योत जलती है तो ऐसे में भक्त को जमीन पर सोना होता है और निरंतर शुद्धता और ब्रह्मचर्य रखते हुए साधना में रत रहना होता है तभी उसका सही फल प्राप्त होता है |
आइये अब जानते हैं माता के नौ रूपों के बीज मंत्र को जिनके जप से देवी को प्रसन्न करके कष्टों से मुक्ति पाई जा सकती है :
- शैलपुत्री : ह्रीं शिवायै नम:
- ब्रह्मचारिणी : ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:
- चन्द्रघंटा : ऐं श्रीं शक्तयै नम:
- कूष्मांडा : ऐं ह्री देव्यै नम:
- स्कंदमाता : ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
- कात्यायनी : क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:
- कालरात्रि : क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:
- महागौरी : श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:
- सिद्धिदात्री : ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:
आइये जानते कलश स्थापना कैसे की जाती है :
- जिस स्थान पे कलश स्थापना करना हो उस जगह को शुद्ध करे
- फिर वहां पर लकड़ी के पाटे पर लाल कपडा बिछा के थोड़ा अक्षत/चावल के दाने रखे और विघ्नहर्ता गणेशजी को याद करे.
- फिर मिटटी के एक पात्र में साफ़ मिटटी डाल के उसमे जाऊ दाल दे और थोड़ा पानी दाल दे.
- इसी प्रकार एक कलश ले और उसमे स्वस्तिक बना के उस पे मौली बाँध दे फर कलश के अन्दर सुपारी, सिक्का, हल्दी की गांठ डाल दे फिर आम के या अशोक के ५ पाते रखके उसपे एक नारियल रख दे जिसपे मौली लपेटा हुआ हो.
- इस कलश पे देवी देवताओं का आवाहन करे और पूजन करे |
आइये अब जानते हैं देवी के नवार्ण मन्त्र के जप का फल:
“ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे”
ये मंत्र अद्भुत शक्तियों से युक्त है, चमत्कारी है, पूर्ण है और जप करता को विभिन्न प्रकार की शक्तियां देने में सक्षम है |
अगर कोई नियम से निरंतर इस मंत्र का जप करता है तो उसके लिए कोई भी कार्य नामुमकिन नहीं रह जाता है | कोई भी व्यक्ति इस मन्त्र का प्रयोग करके अपनी किसी भी ईच्छा की पूर्ति कर सकता है |
नवार्ण का अर्थ 9 अतः ये मन्त्र माता के ९ रूपों की शक्ति को साथ में रखता है, ९ ग्रहों की शक्ति को साथ में रखता है, ब्रह्मांडीय शक्ति को अपने में रखता है|
अतः कैसी भी परेशानी हो नवरात्री में इस नवार्ण मन्त्र का जप जातक के जीवन में से विभिन्न प्रकार की परेशानियों को दूर कर देता है |
इस मन्त्र के जप से जातक को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष, इन चार पुरुषार्थों की प्राप्ति हो सकती है |
अगर आप भी अपनी कुंडली दिखाना चाहते हैं और अपने बारे में जानना चाहते हैं, ग्रहों के प्रभाव को जानना चाहते हैं अपने जीवन में, अपने लिए भाग्यशाली रत्न के बारे में जानना चाहते हैं, अपने लिए सही दान जानना चाहते हैं, प्रेम जीवन के बारे में जानना चाहते हैं, किसी के कुछ किये कराये का समाधान चाहते हैं तो संपर्क करें विश्वसनीय ज्योतिष सेवा के लिए.
Navratri 17 october 2020 Se Kyu Khaas Hai, कैसे करे कलश स्थापना, महुरत, भाग्योदय हेतु नवरात्री, मनोकामना पूरी करने के लिए देवी का मंत्र |
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें